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Rohit Sharma: भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा टेस्ट फॉर्मेट के खेलने वाले खिलाड़ियों से 100 प्रतिशत डेडिकेशन चाहते हैं और इसके लिए वे चाहते हैं कि खिलाड़ी अगर राष्ट्रीय टीम का हिस्सा नहीं हैं तो घरेलू क्रिकेट खेलें ताकि वे अभ्यास में रहे और उनकी फॉर्म और फिटनेस भी बनी रहे.

ऐसा न करने पर क्या हो सकता है इसे बीसीसीआई ने ईशान किशन और श्रेयस अय्यर को सेंट्रल कांट्रैक्ट से बाहर कर बता दिया है. लेकिन सवाल है कि क्या ये नियम रोहित शर्मा (Rohit Sharma) और विराट कोहली (Virat Kohli) जैसे सीनियर खिलाड़ियों पर भी लागू होता है. इस सवाल पर पूर्व भारतीय क्रिकेटर ने बड़ा बयान दिया है.

Rohit Sharma और विराट को भी खेलना चाहिए घरेलू क्रिकेट

Kirti Azad
Kirti Azad

बीसीसीआई (BCCI) द्वारा नए सेंट्रल कांट्रैक्ट से घरेलू क्रिकेट न खेलने के नाम पर ईशान किशन और श्रेयस अय्यर को हटाए जाने के फैसले का पूर्व भारतीय क्रिकेटर और 1983 का वनडे विश्व कप जीतने वाली टीम इंडिया के सदस्य रहे कीर्ति आजाद (Kirti Azad) ने समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि बोर्ड द्वारा टेस्ट क्रिकेट की बेहतरी के लिए उठाया गया ये कदम अच्छा है लेकिन पर्याप्त नहीं है. बोर्ड का ये नियम रोहित शर्मा (Rohit Sharma) और विराट कोहली जैसे दिग्गजों पर भी लागू होना चाहिए.

खाली समय में खेले घरेलू क्रिकेट

Rohit Sharma-Virat Kohli
Rohit Sharma-Virat Kohli

कीर्ति आजाद (Kirti Azad) ने कहा कि, सिर्फ युवा खिलाड़ियों से ये उम्मीद करना कि वे टेस्ट टीम में या फिर किसी भी फॉर्मेट में जगह बनाने के लिए घरेलू क्रिकेट पर ध्यान दे सही नहीं है. रोहित शर्मा (Rohit Sharma) और विराट कोहली जैसे बड़े क्रिकेटर्स को भी अंतराष्ट्रीय क्रिकेट न होने की स्थिति में घरेलू क्रिकेट खेलनी चाहिए. इससे घरेलू क्रिकेट का स्तर बढ़ेगा और युवा खिलाड़ियों के लिए भी सीखने का मौका रहेगा.

भारतीय क्रिकेट के लिए अहम साबित होगा ये फैसला

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बीसीसीआई द्वारा टीम इंडिया (Team India) में जगह बनाने के लिए घरेलू क्रिकेट (Domestic Cricket) पर फोकस करने के लिए युवाओं को प्रेरित करने का फैसला भारतीय क्रिकेट को मजबूत बनाएगा और भविष्य में हर फॉर्मेट के लिए बेहतर क्रिकेटर उपलब्ध कराएगा. बीसीसीआई सिर्फ घरेलू क्रिकेट खेलने को ही नहीं कह रही है.

रिपोर्टों के मुताबिक बोर्ड प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलने वाले घरेलू क्रिकेटरों की मैच में फिस में बड़ी बढ़ोत्तरी करने वाली ताकि उन्हें वित्तिय समस्या न हो और वे पूरा ध्यान क्रिकेट पर दे सकें. IPL जिस तरह टी 20 में क्रांति लेकर आया है और क्रिकेटरों की जिंदगी सुधरी है ठीक उसी तरह घरेलू क्रिकेट में फिस बढ़ने के बाद क्रिकेट, क्रिकेटर और भारतीय क्रिकेट का भविष्य भी सुधरेगा.

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