Robin Uthappa: साउथ अफ्रीका में 2007 में पहला टी 20 विश्व कप खेला गया था. भारतीय क्रिकेट टीम ने इस विश्व कप को जीतकर इतिहास रचा था. उस समय किसी ने नहीं सोचा था कि टी 20 क्रिकेट से बिल्कुल अनजान टीम इंडिया विश्व कप जीत सकती है. 2008 में इंडियन प्रीमियर लीग की शुरुआत हुई और टी 20 क्रिकेट बिल्कुल बदल गया और इस बदलाव का केंद्र IPL के जरिए भारत बना.
IPL में दुनियाभर में खिलाड़ी खेलते हैं और इसका फायदा सभी देशों की क्रिकेट को हुआ है लेकिन भारत का दुर्भाग्य है कि 2008 के बाद कोई भी टी 20 विश्व कप नहीं जीत सका है. 2007 में टी 20 विश्व कप जीतने वाली टीम के सदस्य रहे रॉबिन उथप्पा (Robin Uthappa) ने इस विषय पर एक महत्वपूर्ण बयान दिया है.
रॉबिन उथप्पा ने बताई भारतीय क्रिकेट की कमजोरी
वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरे टी 20 में मिली हार के बाद रॉबिन उथप्पा (Robin Uthappa) ने भारतीय क्रिकेट पर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा,
'IPL टी 20 लीग का बड़ा ब्रांड बन गया है. यहां बड़ा एक्सपोजर मिलता है लेकिन आईसीसी टूर्नामेंट्स में हम सफल नहीं हो पा रहे. इसकी वजह ये है कि दूसरे देशों के खिलाड़ी IPL में खेलते हुए हमारे वेदर कंडिशंस और हमारे खिलाड़ियों के बारे में अच्छी तरह वाकिफ हो जाते हैं. उन्हें हमारी ताकत और कमजोरी का पता चल जाता है.
हम IPL के अलावा कोई भी दूसरी लीग नहीं खेलते इसलिए हमें विदेशी खिलाड़ियों और कंडिशंस को समझने में समय लगता है और परेशानी होती है जिसका नुकसान हमें ICC टूर्नामेंट में उठाना पड़ता है.'
उथप्पा की अहम सलाह
रॉबिन उथप्पा (Robin Uthappa) ने कहा कि,
'अगर भारतीय टीम को ICC खिताब जीतना है तो IPL के अलावा दूसरी विदेशी लीग में भी खेलना होगा. ऐसा होने पर हमें विदेशी कंडिशंस के साथ विदेशी खिलाड़ियों की ताकत और कमजोरी को जानने का मौका मिलेगा. दूसरी टीमों की तरह हमें ये ICC खिताब जीतने में फायदा पहुँचा सकता है.'
जिम एफ्रो में खेले थे रॉबिन उथप्पा
रॉबिन उथप्पा (Robin Uthappa) को भारतीय क्रिकेट टीम की तरफ से खेलने का ज्यादा मौका नहीं मिला लेकिन IPL में वे बड़ा नाम रहे हैं. कोलकाता नाइटराइडर्स और चेन्नई सुपकसिंग्स की तरफ से उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन किया है और इन दोनों ही टीमों को खिताब दिलाने में बड़ी भूमिका निभाई है. अंतराष्ट्रीय क्रिकेट और IPL से संन्यास ले चुके रॉबिन उथप्पा हाल ही में जिंबाब्वे में आयोजित जिम एफ्रो टी 10 लीग में खेले थे और उसमें उनकी बल्लेबाजी देख ऐसा लग ही नहीं रहा था कि वे एक रिटायर्ड क्रिकेटर हैं.
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