भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत (Rishabh Pant) मौजूदा समय में टीम इंडिया की सबसे मजबूत और अहम कड़ी है। तीनों फॉर्मेट में अपना सिक्का जमाने वाले पंत 24 वर्षीय ऋषभ पंत आगामी वर्षों में कप्तानी करते हुए भी नजर आ सकते हैं। एक माध्यम वर्गीय परिवार से आने के बाद पंत का विश्व क्रिकेट में अपने पैर जमाना आसान नहीं था, बतौर विकेटकीपर बल्लेबाज उन्होंने भारत को कई यादगार दिलाई है। हाल ही में ऋषभ पंत ने खुलासा किया है कि आखिर उनको विकेटकीपर बनने की प्रेरणा कहां से मिली थी।
Rishabh Pant अपने पिता की वजह से बने थे विकेटकीपर
ऋषभ पंत (Rishabh Pant) को आगामी भारत बनाम दक्षिण अफ्रीका टी-20 सीरीज के लिए उपकप्तान बनाया गया है। इस सीरीज की शुरुआत से पहले उन्होंने SG पॉडकास्ट में बतचीत के दौरान खुलासा किया कि आखिर उन्होंने क्यों विकेटकीपर बल्लेबाज बनने की ठानी थी, आपको बता दें कि इसके पीछे की बड़ी वजह कोई और नहीं बल्कि उन्हें पिता ही थे। ऋषभ पंत ने कहा,
"जब भी मैं मैदान पर आता हूं तो मैं हमेशा अपना सौ प्रतिशत देने की कोशिश करता हूं, लेकिन मैं हमेशा विकेटकीपर-बल्लेबाज ही रहा हूं, क्योंकि बचपन से ही कीपिंग शुरू की थी, क्योंकि मेरे पिता भी विकेटकीपर थे। इसी तरह मैंने विकेटकीपिंग करना शुरू किया। अगर आप चुस्त और फुर्तीले है तो आप विकेटकीपर बन सकते हैं, दूसरी चीज इसके लिए आपको गेंद को अंत तक देखना होता है।
बायो-बबल खत्म होने पर बोले Rishabh Pant
इसके साथ ही आपको बता दें कि कोरोना के चलते अबतक सभी मैचों के दौरान खिलाड़ियों को बायो बबल में रखा जाता था। ताकि वे किसी भी प्रकार से संक्रमण की चपेट में नहीं आए। लेकिन 9 जून से शुरू होने जा रही भारत बनाम दक्षिण टी20 सीरीज में भारतीय क्रिकेट बोर्ड की ओर से ये पाबंदी हटा दी गई है। इसके बारे में बात करते हुए ऋषभ पंत ने कहा,
"बायो-बबल से बाहर निकलना वास्तव में बहुत अच्छा एहसास है और उम्मीद है कि अब बायो-बबल जैसे हालात नहीं होंगे, इसलिए मैं जानकर बेहद खुश हूं। जब आप पूरे साल खेलते रहते हैं, खासकर उस तरह के दबाव के साथ जो आपके दिमाग को आराम देने के लिए महत्वपूर्ण है। अगर आप अपने दिमाग को तरोताजा नहीं कर सकते हैं"