भारत-साउथ अफ्रीका (IND vs SA) के बीच खेले जा रहे दूसरे टेस्ट मैच की दोनों ही पारी में ऋषभ पंत (Rishabh Pant) का प्रदर्शन बल्ले से बेहद खराब रहा. पिछली कुछ टेस्ट पारियों में उनका प्रदर्शन बेहद खराब रहा है. वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2021 के फाइनल मुकाबले के बाद से उनका बल्ला शांत रहा है. बीते साल की शुरूआत में उन्होंने जिस अंदाज में टीम इंडिया में वापसी की थी. उसका अंत बेहद खराब रहा है. इसलिए अब अंतिम ग्यारह में ऋषभ पंत (Rishabh Pant) की जगह पर संकट मंडराने लगा है.
पिछली 13 पारियों में पंत का बल्ला रहा फ्लॉप
जोहान्सबर्ग टेस्ट की दोनों ही पारियों में वो गलत शॉट खेलकर अपना विकेट गंवा बैठे. साउथ अफ्रीका दौरे पर पहुंचे दोनों टेस्ट मैचों में जिस तरह की उनसे उम्मीदे थीं उसके मुताबिक उनका प्रदर्शन बेहद खराब रहा. साल 2020 में जब उन्हें मौका मिला तो उन्होंने इसका सही फायदा उठाया और टीम नें अपनी जगह पक्की कर ली. इसके बाद उन्होंने हर मैच में खुद को प्रूफ किया और लगातार टीम में ही नहीं प्लेइंग इलेवन में भी बरकरार हैं.
गाबा टेस्ट में शानदार जीत दिलाने के बाद ऋषभ पंत (Rishabh Pant) का विदेशी सरजमीं पर प्रदर्शन लगातार गिरता जा रहा है. इस टेस्ट के बाद अब तक उन्होंने 13 टेस्ट पारियां खेली हैं. इन 13 टेस्ट पारियों में 19.23 की की बेहद खराब औसत से बल्लेबाजी करते हुए सिर्फ 250 रन बनाए हैं. इस पारी में उनके बल्ले से सिर्फ एक अर्धशतक निकला है. वहीं विकेटकीपर का बल्लेबाजी स्ट्राइक रेट सिर्फ 51.86 का रहा है.
अगर मौके का फायदा नहीं उठाया तो धो सकते हैं प्लेइंग 11 से हाथ
भारतीय विकेटकीपर के इस प्रदर्शन से स्पष्ट जाहिर होता है कि वो लगातार फ्लॉप हो रहे हैं. साउथ अफ्रीका में अभी तक उन्हें कुल 4 पारियों में बल्लेबाजी करने का मौका मिला है. लेकिन, चारों पारियों में मिलाकर उन्होंने सिर्फ 61 रन बनाए हैं. उनकी ये पारियां काफी ज्यादा निराशाजनक रही हैं. ऐसे में यही सवाल बार-बार उठ रहा है कि क्या अगले मैच की प्लेइंग इलेवन में उन्हें ड्रॉप किया जा सकता है. हालांकि जिस तरह से बल्ले से बार-बार ऋषभ पंत (Rishabh Pant) फ्लॉप हो रहे हैं उस नजरिए से ये कहा जा सकता है कि मैनेजमेंट उन्हें ड्रॉप करने के बारे में सोच सकती है.
लेकिन, बेहतरीन विकेटकीपिंग के नजरिए से उन्हें खुद को बल्लेबाजी के तौर पर साबित करने के लिए मौका भी दे सकती है. क्योंकि अजिंक्य रहाणे और पुजारा को भी पिछली कई पारियों से ऐसे मौके दिए जा सकते हैं. लेकिन, अगर मौका भुनाने से बार-बार इसी तरह युवा विकेटकीपर चूकते रहे तो वो दिन दूर नहीं जब उन्हें अंतिम ग्यारह से हाथ धोना पड़ सकता है. इसलिए अब पंत को खुद को साबित करना होगा. साथ ही लगातार गिर रहे बल्लेबाजी औसत को भी सुधारना होगा.