Rishabh Pant टेस्ट फॉर्मेट में टीम इंडिया के लिए सबसे बेहतरीन खिलाड़ी बन कर सामने आ रहे है। मैच दर मैच ऋषभ पंत की बल्लेबाजी और विकेट कीपिंग में सुधार देखने को मिल रहा है। भारत और श्रीलंका के बीच खेली गई 2 मैचों की टेस्ट सीरीज टीम इंडिया ने 2-0 से जीत ली है। इस सीरीज में भारत के सबसे बड़े हीरो ऋषभ पंत (Rishabh Pant) रहे हैं, जिसके चलते उन्हें मैन ऑफ द सिरीजे के अवॉर्ड से नवाजा गया है।
Rishabh Pant ने मोहाली में बदला था माहौल
ऋषभ पंत (Rishabh Pant) टेस्ट क्रिकेट में लोगों की दिलचस्पी जगाने वाले वाहिद खिलाड़ी साबित हो रहे हैं। आक्रमक तरीके से बल्लेबाजी करते हुए ऋषभ पंत कुछ ही गेंदों में मैच का रुख पलटने का दमखम रखते हैं। इसका नमूना उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ मोहाली टेस्ट मैच में दिया था। भारतीय पारी इस मैच में लड़खड़ा गई थी और टीम के लिए 300 रनों का आंकड़ा पार करना भी मुश्किल नजर आ रहा है।
श्रीलंकाई गेंदबाज दबाव बनाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन ऋषभ पंत (Rishabh Pant) कुछ अलग ही ठान कर क्रीज पर उतरे थे। उन्होंने अपनी इस पारी की संभलकर शुरूआत करने के बाद मैदान में लंबे छक्के लगाना शुरु कर दिया था और आग उगल रहे श्रीलंकाई स्पिन गेंदबाज के एक ही ओवर में 22 रन जड़ दिए थे। हालांकि ऋषभ इस पारी में 96 रनों पर आउट हो गए लेकिन उनका ये योगदान किसी शतक से कम नहीं था।
बैंगलोर में तोड़ा कपिल देव का 40 साल पुराना रिकॉर्ड
इसके बाद पिंक बॉल से खेले गए बैंगलोर टेस्ट मैच में भी ऋषभ पंत (Rishabh Pant) अपने अलग ही अंदाज में बैटिंग करते हुए नजर आए। एक तरफ जहां सभी भारतीय बल्लेबाज रन बनाने में संघर्ष कर रहे थे, वहां ऋषभ ने पहली पारी में उन्होंने 150 के स्ट्राइक रेट से 39 रन बनाए।
वहीं दूसरी पारी में उन्होंने सिर्फ 28 गेंदों में अर्धशतक जड़ कर टीम इंडिया के लिजेंड कपिल देव का 40 साल पुराना भारतीय बल्लेबाजे के द्वारा टेस्ट में सबसे तेज फिफ्टी लगाने का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया। इस पूरी सीरीज में यादगार प्रदर्शन के लिए उन्हें प्लेयर ऑफ द सीरीज के अवॉर्ड से नवाजा गया है। जिस पर ऋषभ पंत (Rishabh Pant) का कहना है कि,
मुझे लगता है कि दोनों (बल्लेबाजी और कीपिंग) में आपको विकसित होते रहने की जरूरत है, मैंने अतीत में गलतियां की हैं और सुधार करते रहना चाहता हूं। यह मेरी मानसिकता में नहीं है, विकेट पर खेलना मुश्किल था, इसलिए मैंने सोचा कि मैं तेजी से रन ढूंढूंगा। टीम मैनेजमेंट मुझसे (पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी करने पर) जो चाहता है, मैं वह करुगा। मुझे लगता है कि यह आत्मविश्वास के बारे में अधिक है, पहले मैं बहुत ज्यादा सोचता था, अब मैं केवल हर गेंद पर ध्यान केंद्रित कर रहा हूं (उनके बेहतर कीपिंग कौशल का जिक्र करते हुए)।