आईपीएल 2023 में रिंकू सिंह का बल्ला जमकर बोल रहा है। इस सीजन में रिंकू किसी भी गेंदबाज पर रहम नहीं कर रहे हैं। गुजरात जायंट्स के तेज गेंदबाज यश दयाल के 5 गेंदो पर 5 छक्के जड़कर उन्होंने क्रिकेट के गलियारों में नाम कमा लिया है। उनकी चर्चा क्रिकेट जगत में तेज हो गई। रिंकू के इन 5 छक्कों ने उनकी जिंदगी बदल कर ही रख दी। किसी ने कल्पना नहीं की थी कि हारा हुआ मुकाबला वह इस प्रकार से भी पलट सकते हैं।
हालांकि, इन सबके बावजूद भी बहुत ही कम लोग जानते हैं कि वह क्रिकेट खेलने से पहले किसी दफ्तर में झाडू पोछा लगाने के बारे में सोच रहे थे। उनकी आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि वह अपने पिता का घर में हाथ बंटाना चाहते थे। लेकिन, कभी खुद पैसों के लिए मोहताज रहने वाले रिंकू सिंह गरीब क्रिकेटर्स की मदद के लिए फ्री की सौगात देने वाले हैं। जो किसी भी क्रिकेटर की जिंदगी को बदल कर रख सकता है। क्या है पूरा मामला आईए जानते है।
गरीब क्रिकटरों की मदद के लिए रिंकू सिंह करने जा रहे हैं ये काम
कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए आईपीएल 2018 से खेलने वाले रिंकू सिंह की किस्मत एक दम से बदल गई है। इस किस्मत को बदलने वाले कोई और नहीं बल्कि वह खुद ही है। उनकी मेहनत और खेल के प्रीति लगन ने उन्हें एक अच्छा क्रिकेटर बना दिया है। जिसका गुणगान करने से आज विश्व का कोई दिग्गज खिलाड़ी थक नहीं रहा है। लेकिन, खुद कभी गरीबी में जीने वाले रिंकू सिंह ने गरीब क्रिकेटर की मदद करने की ठान ली है। बता दे कि रिंकू सिंह अगले महीने उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में गरीबी से जूझ रहे क्रिकेटरों के लिए छात्रावास का उद्घाटन करेंगे। जिसे वह अपने पैसो से चलाने वाले है।
झाडू-पोछा लगाने को थे रिंकू सिंह मजबूर
क्रिकेट खेलने की जिद्द और जुनुन तो आप लोगों ने बहुत ही देखा होगा। लेकिन, कभी झाड़ू-पौछा लगाने को शायद ही कोई मजबूर रहा होगा। रिंकू सिंह की आर्थिक स्थिति बेहद खराब थी। घर में केवल पिता ही कमाने का जरिया थे। पिता जब चार पैसे घर में लाते तो घर का गुजारा हुआ करता था। उनके पिता घरो में सिंलेडर सप्लाई करने का काम मामूली सा काम किया करते है। जिससे उनके घर का गुजारा हो पाना थोड़ा मुश्किल है। जिस वजह से उन्होंने एक इन्टरव्यू में कहा था कि,
"मैं अपने पापा की मदद करना चाहता था। उनका हाथ बटाना चाहता था। जिस कारण से मैं एक बार एक दफ्तर में गया और मैने वहां झाड़ू पौछा लगाने की सोची। लेकिन, मुझे एक अच्छा क्रिकेट बनकर अपनी तकदीर बदलनी थी। जिसके लिए मैने उत्तर प्रदेश से खेलते हुए जमकर मेहनत भी की।"
अलीगढ़ के रहने वाले रिंकू सिंह किस्मत के भरोसे बैठने वाले इंसानों में से नहीं है। उन्होंने घरेलू क्रिकेट में अपनी बल्लेबाजी से कोहराम मचा कर विश्व की सबसे बड़ी लीग का हिस्सा बने। 2018 में केकेआर ने उन्हें 80 लाख रूपये में खरीदा था। लेकिन, उनकी एक गलती की वजह से उन्हें खेल से 3 महीने दूर भी रहना पड़ा था। गौरतलब है कि बीसीसीआई की बिना इजाजत लिए रिंकू सिंह दुबई में खेले जाने वाली आबु धाबी टी20 लीग में हिस्सा लेने के लिए पहुंच गए थे। जिस पर एक्शन लेते हुए बीसीसीआई ने उन पर 3 महीने का प्रतिबंध लगाया था।