Ravish Kumar: सब इस बात से वाकिफ हैं कि श्रीलंका में इस समय क्या हालात चल रहे हैं. वहां कि आर्थिक तंगी ने लोगों का जीना मुश्किल कर रखा है. लोग सड़क पर आ गए हैं. हाल ही में श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया. जिसके बाद बवाल मच गया. वहीं राजपक्षे ने ट्वीट करते हुए श्रीलंका की जनता को शांती और धैर्य बनाए रखने के लिए कहा है. जिस पर श्रीलंका क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और दिग्गज बल्लेबाज़ कुमार संगाकारा भड़क गए और उन्होंने राजपक्षे को खरी-खोटी सुनाई.
महिंदा राजपक्षे पर भड़के कुमार संगाकारा
श्रीलंका क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और दिग्गज बल्लेबाज़ कुमार संगाकारा ने हाल ही में महिंदा राजपक्षे पर जमकर टूटे हैं. संगा ने पूर्व प्रधानमंत्री को खरी-खोटी सुनाई है. संगा ने राजपक्षे के ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा कि,
"सिर्फ आपके समर्थकों, गुंडों, और ठगों ने हिंसा को अंजाम दिया था, जो शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर हमला करने से पहले आपके दफ्तर में आए थे."
आपको बता दें कि सिर्फ संगाकारा ही नहीं बल्कि महिला जयवर्धनेसमेत कई श्रीलंकाई क्रिकेटर्स, श्रीलंकाई सरकार को लताड़ते हुए नज़र आ रहे हैं. ऐसे में श्रीलंकाई क्रिकेटर्स की इस बहादुरी को देख भारत के जाने-माने पत्रकार रवीश कुमार (Ravish Kumar) काफी ज़्यादा प्रभावित हुए. जिसके चलते उन्होंने एक ज़बरदस्त रिएक्शन भी दिया है.
Ravish Kumar ने बनाया भारतीय क्रिकेटर्स को अपना निशाना
रेमन मैग्सेसे के अवॉर्ड से सम्मानित किए जा चुके सर्वश्रेष्ठ भारतीय पत्रकार रवीश कुमार (Ravish Kumar) ने श्रीलंका के क्रिकेटर्स की हिम्मत को देख, भारतीय क्रिकेटर्स पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि अगर श्रीलंका की जगह यहां इंडियन क्रिकेटर्स होते तो वह इंवर्टर और बैटरी का विज्ञापन कर रहे होते.
रवीश कुमार ने एक न्यूज़पेपर की कटिंग अपने ऑफिशियल फेसबुक अकाउंट पर शेयर की है, जिसमें श्रीलंकाई क्रिकेटर्स द्वारा अपनी ही सरकार की आलोचना को दिखाया जा रहा है. इस पोस्ट को शेयर करते हुए रवीश कुमार ने भारतीय क्रिकेटर्स को लेकर लिखा,
"श्रीलंका के क्रिकेट खिलाड़ी जनता के साथ खड़े हैं। सरकार की आलोचना कर रहे हैं कि वह भाड़े के गुंडे भेज कर आम जनता पर हमले करवा रही है. भारत के खिलाड़ी होते तो इंवर्टर और बैटरी के विज्ञापन में लगे होते। सरकार से मार खाने के बाद जनता भी चुप रहने वाले इन क्रिकेटरों पर दिला लुटाती रहती. समय सबका साक्षी है."