भारतीय टीम के पूर्व हेड कोच रवि शास्त्री (Ravi Shastri) ने युवराज सिंह के 6 छक्कों को याद करते हुए बडी प्रतिक्रिया दी है. भारतीय फैंस वर्ल्ड कप 2007 की यादों को हमेशा अपने दिल में संजोकर रखना चाहेंगे. क्योंकि, युवराज सिंह ने इंग्लैंड के तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड के एक ओवर में 6छक्के जड़ने के बाद इस मैच को और भी खास बना दिया था. भला ऐसे में कौन इस आइकोनिक मोमेंट को याद नहीं करना चाहेगा.
Ravi Shastri खास अंदाज में याद किए युवराज के 6 छक्के
भारतीय टीम के पूर्व बल्लेबाज युवराज सिंह ने इंग्लैंड के खिलाफ स्टुअर्ट ब्रॉड के एक ओवर में 6 छक्के लगाकर इतिहास रच दिया था. उन्हें आज भी इस कारनामे के लिए सिक्सर किंग के नाम से जाना है. वहीं पूर्व हेड कोच रवि शास्त्री (Ravi Shastri) भी रणजी ट्रॉफी में 6 गेंदों में 6 छक्के लगा चुके हैं.
क्रिकेट में ये किसी करिश्में से कम नहीं होता है. शास्त्री भी ऐसा कर चुके हैं तो, वह इस स्थिति के बारे में बतौर पूर्व खिलाड़ी अच्छे से समझ सकते हैं. शास्त्री ने करेड द लॉन्ग गेम के नए एपिसोड के दौरान कहा,
'अब प्रथम श्रेणी क्रिकेट सफेद गेंद वाले क्रिकेट से अलग है.आप जानते हैं कि बड़ौदा के खिलाफ उस खेल में चौथा छक्का मारा गया था, आप जानते हैं कि मैं छह छक्के भी नहीं सोच रहा था. जिस क्षण 5वां लगा, जो शायद सबसे बड़ा था, क्योंकि यह वानखेड़े में मैदान के बाहर स्टैंड में चला गया. फिर मैंने अपने सभी साथियों को स्क्रीन पर देखा और तब मुझे एहसास हुआ कि 6 छक्के मारने का अवसर है'
Ravi Shastri भी कर चुके हैं यह करनामा
पूर्व हेड कोच रवि शास्त्री (Ravi Shastri) भारतीय टीम के धाकड़ ऑलराउंडर्स के रूप में टीम का प्रतिनिधित्व करते थे. उन्होंने टीम इंडिया के लिए खेलते हुए कई बड़े कीर्तिमान अपने नाम किए हैं. बता दें कि, शास्त्री युवराज सिंह से पहले 6 गेंदों में 6 छक्के मारने का कारनामा कर चुके हैं.
उन्होंने साल 1985 में फर्स्ट क्लास क्रिक्रेट में खेलते हुए ऐसा किया था. तिलक राज गेंदबाजी करने आए, तब शास्त्री ने छक्कों की झड़ी लगा दी और एक ओवर छह छक्के लगा डाले. शास्त्री ने तूफानी बल्लेबाजी करते हुए 123 गेंदों में दोहरा शतक जड़ा था. जो उस समय सबसे तेज दोहरा शतक था. इस दौरान उन्होंने अपनी पारी में 13 चौके और 13 छक्के लगाए थे. शास्त्री ने अपने 6 छक्कों के बारे में बात करते हुए कहा,
'मैंने एक ओवर में छह छक्के मार दिए थे, क्योंकि मैंने उस पारी में 200 रन बनाए, जो कि प्रथम श्रेणी क्रिकेट में आज तक का सबसे तेज दोहरा शतक है. मेरे छह छक्के उस समय अलग थे, सिर्फ इसलिए कि उस समय कोई टेलीविजन नहीं था. विश्व कप में कपिल देव के 175 की तरह, कोई टेलीविजन नहीं, कोई कवरेज नहीं हुआ था. लेकिन छह छक्के बड़े थे, मुझे उस समय इसका एहसास नहीं हुआ और ना किसी को पता चला कि एक व्यक्ति ने छह छक्के मारे हैं. '