भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व हेड कोच रवि शास्त्री (Ravi Shastri) का कार्यकाल टी20 विश्व कप के साथ ही खत्म हो गया। उनके बाद राहुल द्रविड़ को भारत का हेड कोच बना दिया गया है। शास्त्री इन दिनों अपने बयानों के लिए सोशल मीडिया पर छाए रहते हैं। इस बीच उन्होंने खुलासा किया है कि बीसीसीआई में कुछ लोग थे, जो उन्हें और भरत अरुण को कोच बनते नहीं देखना चाहते थे। हालांकि शास्त्री भारत के एक सफल कोच रहे और उनके कार्यकाल में भारत ने कई ऐतिहासिक जीत दर्ज की।
Ravi Shastri ने किया बड़ा खुलासा
भारत के पूर्व हेड कोच Ravi Shastri ने अपने कार्यकाल को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने खुलासा किया है कि बीसीसीआई में कुछ लोग उन्हें बीसीसीआई कोच बनते नहीं देखना चाहते थे। उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया को इंटरव्यू देते हुए कहा,
"BCCI में कुछ लोग मुझे और भरत अरुण को कोच के रूप में नहीं देखना चाहते थे। आप देखिए चीजें किस तरह से बदली हैं। जिसे वो गेंदबाजी कोच नहीं बनाना चाहते थे, वो भारत के सबसे शानदार गेंदबाजी कोच बने। मैं किसी एक इंसान का नाम नहीं ले सकता, लेकिन मैं ये पक्के तौर पर बता सकता हूं कि इस बात की पूरी कोशिश की गई थी कि मुझे कोच का पद न मिले।"
जिस तरह से हटाया गया वह दुखद था
Ravi Shastri 2014 से 2015 के वर्ल्ड कप तक वो टीम के डायरेक्टर थे। ऐसा माना जा रहा था कि डंकन फ्लेचर के बाद वह टीम के कोच बनेंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ और साजिश के बाद उन्हें पद से हटा दिया गया। फिर 2017 में अनिल कुंबले के हेड कोच पद से इस्तीफा देने के बाद शास्त्री को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई थी। लेकिन अब Ravi Shastri ने बताया है कि उन्हें पद से हटाए जाने पर काफी दुख हुआ था। शास्त्री ने आगे कहा,
"मुझे दुख हुआ था जिस तरह से मुझे टीम से हटाया गया वो सही नहीं था। मुझे टीम से बाहर करने के बेहतर तरीके हो सकते थे। जब मैं टीम को छोड़ कर गया था तो वह अच्छी स्थिति में थी। मेरे दूसरे कार्यकाल में मैं काफी विवादों के बाद आया था। जो लोग मुझे बाहर रखना चाहते थे। ये उनके मुंह पर करारा तमाचा था।"
मुझे किसी ने कारण भी नहीं बताया
रवि शास्त्री (Ravi Shastri) के कार्यकाल में भारत ने भले ही कोई आईसीसी ट्रॉफी ना जीती हो। लेकिन कई बड़ी जीत हासिल की है। ऑस्ट्रेलिया में भारत ने लगातार दो बार बॉर्डर-गावस्कर सीरीज जीती और इंग्लैंड दौरे पर भी भारत ने 2-1 की बढ़त हासिल की। उन्होंने कहा,
"जब मैं अपना सफर देखता हूं तो ये टीम वो टीम थी जो 300 रनों का टारगेट पीछा करते समय 30-40 रन से पीछ रह जाती थी। अब ये टीम 328 रन आसानी से चेज कर लेती है। एडिलेड टेस्ट 2014 में हमने ये मैसेज टीम को भेजा था कि हम इसी तरह की क्रिकेट खेलना चाहते हैं। वहीं, धोनी से विराट के पास कप्तानी आई थी, फिर अचानक मुझे टीम से बाहर जाने को कह दिया गया था। कुछ दिन बाद मुझे पता चला कि मैं अब टीम का हिस्सा नहीं हूं। मुझे किसी ने कारण भी नहीं बताया था।"