U19 वर्ल्ड कप 2022 के सेमीफाइनल में टीम इंडिया ने अपनी जगह पक्की कर ली है. इसी के साथ रवि कुमार (Ravi Kumar) चर्चाओं में आ गए हैं. जिन्होंने अपनी धारदार स्पेल के आगे बांग्लादेश टीम के बल्लेबाजों को क्रीज पर जमने का मौका ही नहीं दिया. ये बड़ा कारण रहा कि टीम इंडिया इस मुकाबले को आसानी से जीत लिया. शनिवार को क्वार्टरफाइनल में बांग्ला टीम से भारत का मुकाबला था और रवि कुमार (Ravi Kumar) ने अपनी जादुई गेंदबाजी से सभी को प्रभावित कर दिया.
चर्चाओं में अंडर-19 का ये भारतीय गेंदबाज
पहले बल्लेबाजी करने उतरी बांग्लादेश टीम ने 37.1 ओवर में 111 रन बनाए थे. जिसका पीछा करने उतरी टीम इंडिया ने यह लक्ष्य 5 विकेट खोकर हासिल कर लिया था. यह मुकाबला काफी रोमांचक रहा. इस मैच जहां भारतीय गेंदबाजों ने तो कमाल किया ही. दूसरी तरफ विरोधी गेंदबाजों ने भी काफी कोशिश की. लेकिन, भारतीय बल्लेबाजों ने संयम से काम लिया और 111 रन के मिले लक्ष्य को हासिल किया.
इस बीच जो सबसे ज्यादा चर्चा में रहे वो बाएं हाथ के गेंदबाज रवि कुमार (Ravi Kumar) रहे. उनका इस जीत में महत्वपूर्ण योगदान रहा. जिन्हें मैन ऑफ द मैच भी चुना गया. उन्होंने बांग्लादेश टीम को शुरुआती झटके देने शुरू किए थे. जिससे आखिर तक टीम उबर ही नहीं सकी. अपने 7 ओवर के स्पैल में उन्होंने सिर्फ 14 रन दिए और 3 अहम विकेट झटके.
14 रन देकर झटके थे 3 अहम विकेट
भारत के इस युवा गेंदबाज के 3 महत्वपूर्ण विकेट में माहफिजुल इस्लाम और इफ्तिखर हुसैन की सलामी जोड़ी के अलावा पीएन नाबिल भी रहे. जिन्हे पवेलियन का रास्ता दिखाकर उन्होंने विरोधी टीम की कमर शुरूआत में ही तोड़ दी थी. 14 रन के स्कोर पर ही बांग्लादेश ने अपने 3 अहम बल्लेबाजों का विकेट खो दिया था. इसके बाद कोई भी बल्लेबाज क्रीज पर टिक नहीं सका.
कोलकाता के रहने वाले रवि कुमार की बात करें तो उनकी गेंदबाजी से हर कोई प्रभावित है. वो पूर्व भारतीय खिलाड़ी देवांग गांधी के शिष्य हैं. देवांग की मेहनत का ही नतीजा है कि वो आज इस स्तर पर अपनी प्रतिभा को इस तरह से दुनिया के सामने पेश कर रहे हैं.
अंडर 16 के ट्रायल में होना पड़ा था फेल
इस युवा क्रिकेटर के पिता सीआरपीएफ हैं. उका जन्म कोलकाता में हुआ. लेकिन, परिवार अलीगढ़ में आकर बस गया. यहीं से उनके क्रिकेट करियर की शुरुआत हुई. उनके बचपन के कोच अरविंद भारद्वाज ने उन्हें खेल की बरीकियां सिखाई. क्रिकेट में अपने करियर को बुलंदियों पर पहुंचाने के लिए उन्होंने वापस कोलकाता का रूख किया. साल 2019 में बालीगुंज यूनाइटेड के लिए अंडर 16 के हुए ट्रायल में उन्हें कैब अधिकारियों ने मौका ही नहीं दिया था.
क्योंकि वह TW3 टेस्ट (उम्र का पता लगाने वाला टेस्ट) में फेल हो गए थे. इसके बाद रवि कुमार (Ravi Kumar) ने कंचनजंग वॉरियर्स की ओर से कैब टी20 लीग में हिस्सा लिया और बंगाल की अंडर 19 टीम में अपनी जगह पक्की की. अंडर19 वीनू माकंड़ ट्रॉफी में चयनकर्ताओं को एक और गेंदबाज देबो प्रतिम को देखने गए थे जो बेहतर दिखाई दे रहे थे. हालांकि नेशनल सेलेक्टर्स का ध्यान उन्होंने अपनी तरफ खींचा.
देवांग गांधी ने बताया गेंजबाद की सफलता का राज
बीते कुछ वक्त से वो पूर्व भारतीय खिलाड़ी देवांग गांधी की देख रेख में ट्रेनिंग कर रहे हैं. वह ऐसे गेंदबाज हैं जो गेंद को दोनों ओर से मूव करा सकते हैं. स्टारस्पोर्ट्स से इस बारे में बात करते हुए उनके कोच देवांग ने कहा, ‘रवि कुमार (Ravi Kumar) शांत स्वभाव का खिलाड़ी है. टीम में इकलौता बाएं हाथ का तेज गेंदबाज है. वह गेंद को आउट स्विंग और इन स्विंग कर सकते हैं जो कि बल्लेबाजों को परेशान करने के लिए जाना जाता है. घरेलू क्रिकेट में भी उन्होंने इसी वजह से शुरुआती विकेट हासिल किए थे.