भारतीय टीम के चयनकर्ताओं ने 27 अगस्त से शुरू हो रहे एशिया कप 2022 (Asia Cup 2022) के लिए चार स्पिनरों का चयन किया है। आर अश्विन (R. Ashwin) के साथ युवा लेग स्पिनर रवि बिश्नोई (Ravi Bishnoi) भी भारत के स्पिन विभाग का हिस्सा हैं। लेकिन इन दोनों में से किसी एक को ही टीम इंडिया में मैच खेलने की जगह मिल सकती है, क्योंकि टीम में चहल और जडेजा जैसे स्पिनर भी मौजूद हैं।
अब सवाल ये उठता है कि आखिर प्लेइंग इलेवन में किसे तवज्जो दिया जाएगा, तो इस बारे में कुछ भी कह पाना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। लेकिन, अगर किसी अनुभवी को मौका मिलता है तो युवा खिलाड़ी का एशिया कप खेलने का सपना टूट सकता है, ऐसे में आइये जानते हैं कि कौन सा खिलाड़ी इसकी भेंट चढ़ सकता है।
अश्विन की वजह से टूट सकता है Ravi Bishnoi का एशिया कप खेलने का सपना
रवि बिश्नोई (Ravi Bishnoi) अपनी गेंदबाजी से विपक्षी टीम को धूल चटाने का दमखम रखते हैं, लेकिन उनका एशिया कप 2022 में प्लेइंग इलेवन का हिस्सा बनना मुश्किल लग रहा है। उन्हें टूर्नामेंट में बेंच पर बैठे हुए ही देखा का सकता है। दरअसल, एशिया कप 2022 के लिए चुने गए स्पिनर में युजवेंद्र चहल, रविचन्द्रन अश्विन जैसे अनुभवी गेंदबाज शामिल हैं और इन खिलाड़ियों की मौजूदगी में रवि बिश्नोई का खेल पाना मुश्किल लग रहा है।
अगर कप्तान तीन स्पिनरों के साथ मैच में उतरना चाहते हैं तो वह युजवेंद्र चहल और जडेजा के साथ रविचंद्रन अश्विन को प्लेइंग इलेवन में शामिल करना चाहेंगे और इस वजह से बिश्नोई (Ravi Bishnoi) के एशिया कप खेलने का सपना चकनाचूर हो सकता है।
इस वजह से है Ravi Bishnoi का दावा कमजोर
आर अश्विन की पिछले साल टी20 वर्ल्ड कप में टीम में वापसी हुई थी। इसके बाद से वो लगातार टी20 फॉर्मेट से बाहर चल रहे थे। लेकिन, एक बार फिर उन्हें एशिया कप 2022 जैसे बड़े मंच पर टीम में बैक किया गया है। अश्विन ने आईपीएल में भी अच्छा प्रदर्शन करते हुए 12 विकेट लिए और बल्ले से 191 रन भी जोड़े। इतना ही नहीं अश्विन का इकॉनमी रेट भी 8 रन प्रति ओवर से नीचे बना हुआ है। दूसरी ओर, रवि बिश्नोई वेस्टइंडीज के खिलाफ मिले मौके का फायदा उठाने में कामयाब रहे।
उन्होंने तीन मैचों में 8 विकेट लिए। इसके साथ ही बिश्नोई का इकॉनमी रेट भी 8.44 पर ही बना हुआ है। बिश्नोई आईपीएल 2022 के 14 मैचों में 13 विकेट लेने में सफल रहे। लेकिन चहल के पहले से ही लेग स्पिनर के तौर पर टीम में होने से बिश्नोई का दावा थोड़ा कमजोर हो सकता है।