विराट कोहली के बचपन के कोच राजकुमार शर्मा (Rajkumar Sharma) ने इंग्लैंड में 1 जुलाई को खेले जाने वाले टेस्ट को लेकर बड़ी प्रतिक्रिया दी है. रोहित शर्मा अभ्यास मैच के दौरान कोरोना संक्रमित हो गए. इस टेस्ट से पहले उनकी रिकवरी हो पाना मुश्किल है. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि रोहित की गैरमौजूदगी में 5वें टेस्ट की कमान कौन संभालेगा? इस टेस्ट मैच में बनाए जाने वाले कप्तान को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है. वहीं इस मामले पर राजकुमार शर्मा ने फैंस के साथ अपना पक्ष साझा किया है.
Rajkumar Sharma ने विराट की कप्तानी पर दी बड़ी प्रतिक्रिया
भारत और इंग्लैंड के बीच खेला जाने वाला बर्मिंघम टेस्ट सुर्खियों में बना हुआ है. पिछले साल विराट की कप्तानी में टीम इंडिया ने इस सीरीज पर 2-1 से बढ़त बना ली थी. कोरोना के कारण आखिरी मुकाबला स्थगित कर दिया गया था. वहीं इस सीरीज का 5वां और निर्णायक मुकाबला 1 जुलाई को बर्मिंघम में खेला जाएगा. उससे पहले रोहित शर्मा अभ्याय मैच के दौरान ही कोरोना संक्रमित हो गए हैं.
उनकी जगह किसी भारतीय खिलाड़ी को इस मैच की कमान संभालनी होगी. ऐसे में फैंस विराट कोहली को ही दोबारा इस सीरीज में कप्तानी करते हुए देखना चाहते हैं. विराट कोहली के बचपन के कोच राजकुमार शर्मा (Rajkumar Sharma) इंडियन स्पोर्ट्स फैन अवार्ड 2022 के प्रोग्राम में मौजूद थे. इस दौरान उन्होंने आईएनएस को दिए इंटरव्यू में कहा,
'उनको हटाया या बर्खास्त नहीं किया गया. उन्होंने खुद कप्तानी छोड़ी थी. इसलिए नहीं लगता की वह फिर से नेतृत्व करेंगे. मुझे यकीन नहीं कि बीसीसीआई का फैसला क्या होगा? विराट टीम के सदस्य हैं और इस नाते वह चाहते हैं कि टीम अच्छा करे और वह टीम में अपना अहम योगदान दें. जहां तक मुझे लगता है कि विराट बहुत अच्छा कर रहे हैं.'
'विराट बिल्कुल दबाव में नहीं है'
विराट कोहली (Virat Kohli) टीम इंडिया के स्टार बल्लेबाज हैं. जिन्होंने टीम इंडिया के लिए बड़े स्कोर किए हैं. कोहली ने अपनी कप्तानी में टीम इंडिया को बुलंदियों के शिखर तक पहुंचाया है. लेकिन, विराट कोहली पिछले दो सालों से बल्ले के साथ शांत नजर आ रहे हैं. उनके बल्ले से कोई शतकीय पारी देखने को नहीं मिली है. ऐसे में माना जा रहा है कि इंग्लैंड दौरे पर एक बार फिर पुराने विराट कोहली देखें जा सकते हैं. वहीं उनके बचपन के कोच का कहना है कि,
'विराट कोहली बिल्कुल भी दबाव में नहीं हैं. टीम में योगदान देना और भारतीय टीम की जीत उनके लिए शतक बनाने से ज्यादा महत्वपूर्ण है. वह कभी भी रिकॉर्ड के पीछे नहीं भागते.'