30 की उम्र में डेब्यू 31 में करियर खत्म, भारत का माइक हसी बनते-बनते रह गया ये खिलाड़ी,राहुल द्रविड़ ने किया करियर बर्बाद

Published - 21 Jan 2025, 10:23 AM

Rahul Dravid, Rajat Patidar, Team India
Rahul Dravid, Rajat Patidar, Team India

Rahul Dravid: टीम इंडिया को फिलहाल गौतम गंभीर कोचिंग दे रहे हैं। लेकिन उनसे पहले ये जिम्मेदारी पूर्व भारतीय कप्तान राहुल द्रविड़ के कंधों पर थी। अपनी कोचिंग में उन्होंने भारतीय टीम को यशस्वी जायसवाल, शुभमन गिल और अर्शदीप सिंह जैसे प्रतिभाशाली खिलाड़ी दिए। उन्होंने इन खिलाड़ियों का खूब सपोर्ट किया। एक तरफ उन्होंने अच्छे खिलाड़ी दिए। दूसरी तरफ उन्होंने एक होनहार खिलाड़ी को मौका जरूर दिया।

लेकिन उसे बिल्कुल सपोर्ट नहीं किया गया। अब हालात ऐसे हैं कि उसका करियर 31 साल की उम्र में खत्म होने जा रहा है। चौंकाने वाली बात ये है कि इस खिलाड़ी ने 30 साल की उम्र में डेब्यू किया था। लेकिन ज्यादा सपोर्ट न मिलने की वजह से उसे नजरअंदाज कर दिया गया। कौन है ये खिलाड़ी, आइए जानते हैं

Rahul Dravid ने इस होनहार खिलाड़ी को नज़रअंदाज़ करके बर्बाद कर दिया

Rajat Patidar SMAT

आपको बता दें कि हम जिस खिलाड़ी की बात कर रहे हैं वो कोई और नहीं बल्कि रजत पाटीदार हैं, जिन्हें इस समय टीम इंडिया नज़रअंदाज़ कर रही है। उन्होंने भारत के लिए वनडे और टेस्ट दोनों में मैच खेले हैं। मालूम हो कि रजत ने 2023 में राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) की कोचिंग में अपना वनडे डेब्यू किया था। उन्होंने साउथ अफ्रीका के खिलाफ़ सिर्फ़ एक वनडे मैच खेला था। लेकिन उसके बाद उन्हें मौके नहीं मिले हैं।

रजत पाटीदार को नहीं मिला मौका

रजत पाटीदार के साथ भी टेस्ट में ऐसा ही हुआ, हालांकि उन्हें एक से ज़्यादा मौके मिले हैं। लेकिन उसके बाद उन्हें बाहर कर दिया गया। मालूम हो कि पिछले साल इंग्लैंड के खिलाफ़ टेस्ट सीरीज़ में उनका चयन हुआ था। उन्होंने राहुल द्रविड़(Rahul Dravid) की कोचिंग में इंग्लैंड के लिए डेब्यू किया था। लेकिन उन्हें सिर्फ़ तीन मैचों के बाद बाहर कर दिया गया था। बेशक उनका प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा। लेकिन वो एक आखिरी मैच में खेलने के हकदार थे। आपको बता दें कि इंग्लैंड के खिलाफ़ पांच टेस्ट मैच खेले थे। लेकिन रजत ने तीन मैच खेले।

सैयद मुश्ताक अली में बनाए गए रन

क्रिकेट में कहा जाता है कि किसी भी खिलाड़ी को सिर्फ़ पारी या मैच के आधार पर नहीं आंका जाना चाहिए। एक बल्लेबाज़ को कम से कम 10 पारियों का मौक़ा दिया जाना चाहिए। ताकि वो खुद को साबित कर सके। लेकिन रजत पाटीदार के साथ ऐसा कुछ नहीं हुआ। लेकिन वो ज़्यादा मौक़े के हकदार थे। इसकी वजह ये है कि वो एक बहुत अच्छे खिलाड़ी हैं। उनकी बेहतरीन का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि रजत ने सैयद मुश्ताक अली के 10 मैचों में 61 की औसत से 428 रन बनाए हैं। लेकिन इतने अच्छे प्रदर्शन के बावजूद उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ़ मौक़ा नहीं मिला।

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Nishant Kumar

मैं निशांत कुमार, एक समर्पित क्रिकेट विशेषज्ञ, कंटेंट राइटर और पेशे से पत्रकार हूँ। पत्रकारिता का मे... रीड मोर