Rahul Dravid: साल 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व CAG विनोद राय को कमेटी ऑफ एडमिनिसट्रेटर्स यानी सीओए का प्रमुख बनाया था. दरअसल, यह 4 सदस्यों की कमेटी बनाई गई थी जो भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के काम देखेगी. COA का चीफ विनोद राय को बनाया गया. राय ने तकरीबन 17 महीने तक इस पद को संभाला और इस दौरान उनका जैसा भी एक्सपीरियंस रहा है वो उन्होंने अपनी किताब "नॉट जस्ट ए नाइटवॉचमैन- माई इनिंग्स इन द BCCI" में साझा किया है. साथ ही उस किताब में राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) को लेकर भी बड़ा खुलासा किया गया है.
Rahul Dravid को NCA हेड बनाना थी सबसे बड़ी उपलब्धि
विनोद राय ने अपनी किताब "नॉट जस्ट ए नाइटवॉचमैन- माई इनिंग्स इन द BCCI" में बताया कि भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और महान बल्लेबाज़ राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) को NCA प्रमुख बनाना बीसीसीआई की सबसे बड़ी उपलब्धि थी. विनोद राय ने अपनी किताब में लिखा,
"सीओए की अगर सबसे बड़ी उपलब्धि की बात करें, तो इसमें राहुल द्रविड़ को एनसीए हेड बनने के लिए तैयार करना रहा, इनमें से एक है. उस समय वे अंडर-19 टीम को तैयार करने में व्यस्त थे. इतना ही नहीं उन्होंने कई अच्छे खिलाड़ी तैयार भी किए थे."
इसमें कोई दोहराय नहीं कि राहुल द्रविड़ ने भारतीय टीम के लिए कई युवा खिलाड़ियों को तैयार किया है जो आज भारत के लिए खेल रहे हैं और अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. इनके नेतृत्व में अंडर 19 भारतीय टीम ने अपार सफलता हासिल की है.
सीनियर टीम का कोच बनने से किया था इंकार
आपको बता दें कि पूर्व CAG ने अपनी किताब में इस बात का भी खुलासा किया है कि राहुल द्रविड़ ने सीनियर टीम का कोच बनने के लिए इंकार कर दिया था. विनोद राय ने लिखा,
"वे अंडर-19 टीम के साथ थे और सीनियर टीम का कोच बनने को तैयार नहीं थे. वे उस समय बेंगलुरु में ही थे. एनसीए भी वहीं था. इस कारण अंत में उन्हें हम मनाने में सफल रहे और इंटरव्यू के बाद उनका सेलेक्शन होना तय ही था.
हालांकि इसमें एक परेशानी थी. वे इंडिया सीमेंट्स से जुड़े हुए थे. नए नियम के अनुसार, यह हितों के टकराव का मामला था. वे एनसीए प्रमुख के लिए इंडिया सीमेंट्स से अलग होने के लिए तैयार हो गए. बाद में इसी मामले को लेकर शिकायत भी आई, जो बाद में खारिज कर दी गई."