राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) इस समय भारतीय टीम के हेड कोच हैं. उनके नेतृत्व में टीम इंडिया लगातार आगे बढ़ रही है. द्रविड़ ने बतौर बल्लेबाज भारतीय क्रिकेट में अहम योगदान दिया. जिसके लिए उन्हें द वॉल के नाम से जाना जाता है. उन्होंने टीम इंडिया के लिए खेलते हुए कई बड़े कीर्तिमान अपने नाम किए हैं. अब द्रविड़ ने खुलासा किया है कि इस कामयाबी के पीछे स्कूल में घटी एक घटना का हाथ है. हाल ही में राहुल द्रविड़ पूर्व ओलंपिक चैंपियन अभिनव बिंद्रा के पॉडकास्ट ‘इन द जोन’ में इस घटना का किस्सा शेयर किया है.
Rahul Dravid ने बताया द्रविड़ से कैसे बने डेविड?
Rahul ‘David’ recounts a crucial lesson he learnt after scoring his 1st century in school cricket. Tune in to my podcast ‘In the Zone’ to dissect the mind of THE gentleman from the gentleman’s game.@under25universe https://t.co/A9iUknxEMu #InTheZoneWithAB #Under25Original pic.twitter.com/v2CAvNAPRB
— Abhinav A. Bindra OLY (@Abhinav_Bindra) July 25, 2022
भारतीय क्रिकेट टीम के दिग्गज खिलाड़ी राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) को बचपन से ही क्रिकेट खेलने का शौक था. उन्होंने अपने स्कूलिंग करियर में ही पहला शतक जमा दिया था. जिसकी खबर अखबार में छपी थी, लेकिन संपादक ने उनका नाम द्रविड़ की जगह डेविड छाप दिया था, क्योंकि उस समय डेविड नाम काफी आम हुआ करता था.
स्पेलिंग मिस्टेक के बाद द्रविड़ को अहसास हुआ कि शतक बनाने के बाद भी उन्हें कोई पहचान नहीं मिली. उन्होंने इस घटना के बाद मन बना लिया था कि अब दुनिया मेरा नाम जरूर जानेगी. वहीं अभिनव बिंद्रा के पॉडकास्ट ‘इन द जोन’ में इस घटना से पर्दा उठाते हुए राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) ने कहा,
'उनके शतक बनाने की खबर जब अखबार में छपी तो उनके नाम की स्पेलिंग ही गलत लिख दी गई. तब ‘द्रविड़’ का ‘डेविड’ छापा गया. इससे उन्हें अहसास हुआ कि शतक बनाने के बावजूद उस समय उनकी ज्यादा पहचान नहीं बनी थी, लेकिन उस बच्चे ने तभी ही तय कर लिया था कि बाकी बचे उसके जीवन में भारत में हर कोई और सभी पब्लिकेशन उसका नाम याद रखेंगे.’ इसके बाद राहुल द्रविड़ ने क्रिकेट में अपनी पहचान कायम करना शुरू कर दी'.
कुछ ऐसा रहा Rahul Dravid करियर
राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) ने टीम इंडिया के लिए एक से बढ़कर एक पारियां खेली हैं. द्रविड़ का नाम क्रिकेट जगत में बड़े सम्मान के साथ लिया जाता है, क्योंकि वह टेस्ट क्रिकेट और वनडे क्रिकेट में 10 हजार से ऊपर रन बनाने वाले खिलाड़ियों की लिस्ट में शुमार हैं. इतना ही नहीं द्रविड़ को जेंटलमेन के रूप में जाना जाता है, क्योंकि खेल के मैदान पर वह हमेशा अपने आप पर संयम रखते थे.
बता दें कि, राहुल द्रविड़ को बचपन से ही क्रिकेट खेलने का शौक था. जिन्होंने अपने टैलेंट के दमपर टीम इंडिया में जगह बनाई और 16 साल तक क्रिकेट खेला. उन्होंने देश के लिए 164 टेस्ट, 344 वनडे और 1 टी20 इंटरनेशनल मैच खेला. 48 अंतरराष्ट्रीय शतक अपने नाम किए.