मजदूरी कर दिनभर में 30 रूपये कमाते थे मां-बाप, अकेले खेलकर बना क्रिकेटर, अब IPL टीमों की लगी लाइन!

author-image
Shilpi Sharma
New Update
Ragupathy Silambarasan Cricket Career-IPL

तमिलनाडु क्रिकेट टीम भले ही विजय हजारे ट्रॉफी का फाइनल मैच नहीं जीत सकी. लेकिन, घरेलू क्रिकेट में अपने रुतबे की झलक जरूर दिखाई है. हिमाचल प्रदेश जहां विजेता बनी वहीं तमिलनाडु ने उपविजेता का टाइटल अपने नाम किया. टीम के नए तेज गेंदबाज रघुपति सिलम्बरसन (Ragupathy Silambarasan) ने इस टूर्नामेंट में अपने टैलेंट से काफी ज्यादा प्रभावित किया. उन्होंने 7 मुकाबले में 15 विकेट हासिल करते हुए सबसे ज्यादा शिकार करने के मामले में अपना नाम चौथे स्थान पर दर्ज कराया. इस खास रिपोर्ट में हम आपको रघुपति सिलम्बरसन (Ragupathy Silambarasan) संघर्ष भरी जिंदगी से रूबरू करवाने जा रहे हैं.

गरीब परिवार से ताल्लुक रखता था ये तेज गेंदबाज

ragupathy silambarasan family

इस तेज गेंदबाज के खासियत की बात करें तो इनका बॉलिंग एक्शन स्लिंग वाला है. यानी की वो मलिंगा की तरह भी साइड से बॉल फेंकते हैं. इससे बल्लेबाजों को उन्हें भांपने में काफी परेशानी भी होती है. वो सिर्फ गेंदबाजी में ही नहीं बल्कि पढ़ाई-लिखाई में भी काफी टैलेंटेड हैं. उन्होंने हाई स्कूल में टॉप किया था. इसके बाद उन्होंने इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में डिप्लोमा भी किया.

चेन्नई की ओर से जब वो लीग क्रिकेट खेलने पहुंचे थे तब उनकी टीम ने उनका सिर्फ किराया दिया था. लेकिन, इसके बाद से उन्होंने लाइफ में सिर्फ आगे बढ़ना सीखा. रघुपति सिलम्बरसन (Ragupathy Silambarasan) तमिलनाडु जिले के सेंडीराकिल्लई गांव के निवासी हैं. उनके माता-पिता का कोई बड़ा कारोबार या फिर खानदारी रईश नहीं थे. बल्कि वो दिहाड़ी मजदूरी करते थे. ऐसे में खिलाड़ी के लिए इस फील्ड में खुद को एक्टिव रखना आसान नहीं था.

अकेले ही खेला करते थे मैच

ragupathy silambarasan's struggling career

हैरानी की बात तो ये है कि, गांव में कथित ऊंची जाति के बच्चे उन्हें अपने साथ खेलने भी नहीं देते थे. इस बारे में तेज गेंजदबाज ने खुद न्यू इंडियन एक्सप्रेस अखबार से बात करते हुए खुलासा किया था. उन्होंने इस बारे में बात करते हुए कहा,

"वे मुझे साथ नहीं लेते थे. मुझे उस समय समझ नहीं आता था. और ऐसे में मैं नारियल के पेड़ की डाली लेता और पुरानी रबड़ की गेंद से खेला करता था. मुझे गेंद को मारना पसंद था. लेकिन, कोई मिलता नहीं था जो बॉल फेंक सके.

एक बार जब मैं गेंद को मारते-मारते थक गया तो मैंने दौड़कर बॉल फेंकना शुरू कर दिया. फिर ऐसा तब तक किया जब तक कि ब्रेक लेने की जरूरत नहीं पड़ी. यह देखकर गांव के लोगों ने सोचा कि मैं पागल हो गया हूं."

बड़े भाई ने मलिंगा की गेंदबाजी एक्शन के बारे में बताया था

ragupathy silambarasan bowling Action

उस दौरान जब कुछ बच्चों ने रघुपति सिलम्बरसन (Ragupathy Silambarasan) को अकेले खेलते हुए देखा. तो उन्होंने उनके टैलेंट की वजह से से अपने साथ खेलने का मौका दिया. क्योंकि उनकी गेंदबाजी की गति काफी तेज थी. इसका बाद तो उन्हें अपनी टीम में शामिल करने के लिए अक्सर दो टीमों के बीच भिड़ंत हो जाती थी. इसके पीछे की वजह उनका लसित मलिंगा जैसा बॉलिंग एक्शन भी था.

दिलचस्प बात तो ये है कि जब मलिंगा ने डेब्यू किया था तब भारत के इस गेंदबाज के छोटे भाई ने टीवी पर उन्हें बॉलिंग करते हुए देखा था. जिसके बारे में उन्होंने सिलम्बरसन को बताया था. इस बारे में भाई ने उन्हें मलिंगा की बॉलिंग एक्शन के बारे में बताते हुए कहा,

"मैं उसकी बॉलिंग खेल ही नहीं पाया. मुझे गेंद को छूने में भी दिक्कत हुई. इसलिए मैंने उस तरह से बॉलिंग करने की प्रैक्टिस शुरू की और जल्द ही वैसा एक्शन कर लिया. इसके बाद उसी एक्शन से मैच खेलने लगा. फिर पूरे जिले में मेरे एक्शन की खबर फैल गई."

16 साल की उम्र तक लाइव मैच नहीं देखा था

ragupathy silambarasan

हैरानी की बात तो ये है कि 16 साल की उम्र तक रघुपति ने टीवी पर कभी लाइव मैच ही नहीं देखा था. इस दौरान जब एम करुणानिधि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री थे तब सरकार ने टीवी बांटी थी और इसके बाद उन्होंने लाइव मैच देखा. उन्होंने उस पल को याद किया जब वो मलिंगा को गेंदबाजी करते हुए देखकर शॉक्ड हो गए थे. इस बारे में बताते हुए उन्होंने Ragupathy Silambarasan कहा,

"मैंने 2009 में पहली बार तेंदुलकर को बल्लेबाजी करते हुए देखा. तब तक मैंने अखबारों में सिर्फ फोटो में ही उन्हें देखा था. जब सरकार ने हमें टीवी दिया तब सबसे पहले मैंने केबल कनेक्शन लिया और जब मलिंगा को देखा तो लगा कि मेरा एक्शन भी काम कर सकता है."

इस वजह से काम करने का किया था फैसला

Tamil Nadu Team

आगे अपनी पारिवारिक हालाते के बारे में खुलासा करते हुए तेज गेंदबाज ने बताया कि उन्हें कभी किसी ने काम के लिए फोर्स नहीं किया. लेकिन, परिवार की ऐसी कंडीशन थी कि उन्होंने खुद काम करने का निर्णय लिया था. उस समय उनकी मां अकेली ही काम किया करती थीं. पिता भी मजदूरी करते थे. इस वजह से वो कई दिनों घर नहीं आते थे.

लेकिन, जब वो घर वापस भी आते थे तो उनके पास पैसे नहीं होते थे. ऐसे में क्रिकेट खेलना बहुत महंगा पड़ता था. मां से सिर्फ 30 रुपये मिलते थे वहीं दूसरे शहर में जाने के लिए 26 रुपये लगते थे. इन्हीं कारणों से उन्होंने काम करना शुरू किया था. साथ ही वो क्रिकेट में भी हिस्सा लिया करते थे.

टीम के साथियों ने भरी थी फीस

ragupathy silambarasan struggling cricket career

रघुपति सिलम्बरसन (Ragupathy Silambarasan) की किस्मत उस वक्त चमकी जब वो एक लोकल मैच में का हिस्सा थे. उस मैच को देखने क्रिकेटर विजय शंकर भी पहुंचे थे. उनकी गेंदबाजी को देखने के बाद विजय शंकर ने उन्हें इंडिया सीमेंट्स के ट्रायल्स में बुलावा भेजा. यहां कोच उनके टैलेंट से काफी ज्यादा प्रभावित हुए और टीम में उनका सिलेक्शन हो गया. सिलेक्शन के साथ उन्हें टीम की ओर से खेलने और रहने की बेहतर सुविधाएं दी गईं.

यहां रहते हुए इंडिया सीमेंट्स ने गुरु नानक कॉलेज में उनका एडमिशन भी करा दिया. वहीं विजय, बाबा अपराजित और बाबा इंद्रजीत ने उनकी फीस का इंतजाम किया. वहीं टीम के बाकी साथी ने मिलकर उनकी परीक्षा फीस भरी.

कई आईपीएल टीमों ने ट्रायल के लिए भेजा बुलावा

ragupathy silambarasan IPL team

बीते साल उन्हें तमिलनाडु टीम में जगह मिली. जिसके बाद उन्होंने अपना पहला डेब्यू मैच आंध्रा टीम के खिलाफ खेला. फिर रघुपति ने तमिलनाडु प्रीमियर लीग में अपने प्रदर्शन से लोगों का ध्यान खींचा. अपनी इसी फॉर्म को उन्होंने विजय हजारे ट्रॉफी में भी जारी रखा. अब ऐसी खबर आ रही है कि उन्हें कई आईपीएल टीमों ने ट्रॉयल के लिए बुलाया भेजा है.

Tamil Nadu Cricket Team