Border-Gavaskar Trophy में बिना 1 भी मैच खेले वापस आ जाएगा ये खिलाड़ी, फिर कर सकता है संन्यास का ऐलान

Border-Gavaskar Trophy : बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (Border-Gavaskar Trophy) के लिए टीम इंडिया को अगले महीने ऑस्ट्रेलिया का दौरा करना है। इस दौरे पर टीम इंडिया मेजबान के साथ 5 मैचों की टेस्ट सीरीज खेलेगी। इ

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Nishant Kumar
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Border-Gavaskar Trophy : बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के लिए टीम इंडिया को अगले महीने ऑस्ट्रेलिया का दौरा करना है। इस दौरे पर टीम इंडिया मेजबान के साथ 5 मैचों की टेस्ट सीरीज खेलेगी। इस दौरे की शुरुआत 22 नवंबर से होगी। पहला मैच पर्थ में खेला जाएगा। इस दौरे के लिए भारत की टीम का ऐलान हो चुका है।

रोहित शर्मा की कप्तानी में कुल 21 खिलाड़ियों का चयन किया गया है। यह सच है कि इनमें से किसी एक खिलाड़ी का यह आखिरी विदेशी दौरा हो सकता है। क्योंकि इसके बाद वह संन्यास ले सकता है। खास बात यह है कि उसे खेलने का मौका मिलना मुश्किल है। इसकी वजह ऑस्ट्रेलिया की परिस्थितियां हैं। कौन है वह? आइए जानें

Border-Gavaskar Trophy में 1 भी मैच नहीं खेलेगा ये खिलाड़ी!

Border-Gavaskar Trophy

बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (Border-Gavaskar Trophy ) में दिग्गज बल्लेबाज आर अश्विन का चयन टीम इंडिया में हुआ है। लेकिन उन्हें मौका मिलना मुश्किल है। इस सीरीज के बाद अगर टीम इंडिया इंग्लैंड में होने वाले WTC फाइनल के लिए क्वालिफाई कर लेती है तो ये कहना गलत नहीं होगा कि अश्विन का ये आखिरी ऑस्ट्रेलिया टेस्ट दौरा है।  यानी वो बीजीटी में खेले बिना ही संन्यास ले लेंगे। अब उन्हें खेलने का मौका क्यों नहीं मिलने वाला है।  पहले ये जान लेते हैं...

आर अश्विन को नहीं मिलेगा मौका

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दरअसल, बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी (Border-Gavaskar Trophy )  के लिए टीम इंडिया अपनी प्लेइंग इलेवन में सिर्फ एक स्पिनर को चुनने वाली है।  इसकी वजह ऑस्ट्रेलिया की पिच है।आपको बता दें कि ऑस्ट्रेलिया की पिच स्पिन से ज्यादा तेज गेंदबाजी के लिए बेहतर है, इसलिए टीम इंडिया तीन तेज गेंदबाजों की जगह चार तेज गेंदबाजों को अपनी प्लेइंग इलेवन में रखेगी। ऐसे में स्पिनर की जगह एक गेंदबाज जगह बना पाएगा।  यानी एक जगह के लिए रवींद्र जडेजा और आर अश्विन के बीच मुकाबला होने वाला है.

रवींद्र जडेजा को मिलेगी तरजीह

टीम इंडिया के पूरे इतिहास पर नजर डालें तो विदेशी दौरों पर रवींद्र जडेजा को आर अश्विन के मुकाबले तरजीह दी जाती थी।  क्योंकि बेशक अश्विन एक बेहतरीन गेंदबाज हैं। लेकिन उनकी बल्लेबाजी रवींद्र जडेजा जितनी शानदार नहीं है। यही वजह है कि जडेजा को तरजीह मिल रही है। अब अगर बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी (Border-Gavaskar Trophy )  का आगामी दौरा होता है तो अश्विन बिना खेले ही संन्यास ले सकते हैं। गौरतलब है कि ऑफ स्पिनर इस समय 38 साल के हैं और वह अपने करियर के आखिरी दौरे पर हैं।


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