R Ashwin: इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज का धर्मशाला में खेला जा रहा. यह मैच टीम इंडिया के दिग्गज ऑफ स्पिन गेंदबाज आर अश्विन के करियर का 100वां टेस्ट मैच है. उनके लिए ये श्रृंखला बेहद खास रही है. इस सीरीज का तीसरा मैच राजकोट में खेला गया था. उसमें उन्होंने अपने 500 टेस्ट विकेट पूरे किये थे. लेकिन राजकोट मैच बीच में ही उन्हें आनन-फ़ानन में टीम इंडिया को छोड़कर अपने घर लौटना पड़ा था. क्योंकि उनकी मां की तबियत काफी नाजुक थी. अब आर अश्विन की पत्नी प्रीति नारायण ने खुद इस बारे में खुलासा कर सभी को भावुक कर दिया है.
अपनी मां की हालत सुनकर R Ashwin भावुक हुए
दरअसल, आर अश्विन (R Ashwin) के 500 विकेट लेने के तुरंत बाद उनकी मां की तबीयत अचानक खराब हो गई. लेकिन अश्विन को ये सब पता नहीं था, जब उन्हें इस बारे में पता चला तो वह काफी इमोशनल हो गए, जिसके बाद कप्तान रोहित शर्मा और कोच राहुल द्रविड़ ने उनका खूब सपोर्ट किया. राजकोट के रहने वाले साथी अनुभवी बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने भी अश्विन की काफी मदद की. अश्विन की पत्नी प्रीति नारायण ने इंडियन एक्सप्रेस अखबार के कॉलम में जानकारी देते हुए इस मामले को लेकर पूरा खुलासा किया था.
मैंने अचानक आंटी की चीख सुनी- प्रीति नारायण
प्रीति नारायण ने इंडियन एक्सप्रेस के लिए एक कॉलम में लिखा,
"आर अश्विन (R Ashwin) में 100वें टेस्ट के लिए जैसा उत्साह है, वैसा 500 विकेट लेने लेते समय विपरीत था. वह 499 विकेट पर थे इसलिए एक परिवार के रूप में हम बहुत डरे हुए थे. ऐसा इसलिए क्योंकि अश्विन ने इस बारे में बात नहीं की. राजकोट के दौरान बच्चों के स्कूल से आने के पांच मिनट बाद 500 विकेट पूरे हुए और हम तुरंत लोगों से फोन आने लगे थे. इसी वक्त मुझे अचानक आंटी की चीख सुनाई दी, वो गिर गई थीं और कुछ देर बाद हम हॉस्पिटल में थे. उस समय हमने तय किया कि हम अश्विन को नहीं बताएंगे क्योंकि उस समय चेन्नई और राजकोट के बीच अच्छी फ्लाइट कनेक्टिविटी नहीं थी."
चेतेश्वर पुजारा ने प्रीति की मदद ली
प्रीति ने बताया कि कैसे उन्होंने आर अश्विन (R Ashwin) को कॉल करने से पहले चेतेश्वर पुजारा से मदद ली, जिनका होम टाउन राजकोट है. भारतीय कप्तान रोहित शर्मा और मुख्य कोच राहुल द्रविड़ और बीसीसीआई के शीर्ष अधिकारियों ने अश्विन की यात्रा की व्यवस्था की और अपना पूरा समर्थन दिया. उन्होंने आगे कहा, 'इसलिए मैंने चेतेश्वर पुजारा का नंबर डायल किया और उनके परिवार ने बहुत सहयोग किया. जब हमें रास्ता मिल गया तो मैंने अश्विन को फोन किया. स्कैन के बाद डॉक्टर ने सुझाव दिया कि इस समय आश्विन का होना बहुत ज़रूरी है. फ़ोन पर वह बहुत उदास था.'
"अगर टीम गेम नहीं जीत पाती"-प्रीति नारायण
प्रीति नारायण ने कहा,
"आर अश्विन (R Ashwin) के लिए अपनी मां को आईसीयू में देखना बेहद भावुक पल था और जब वह थोड़ी ठीक हुईं तो हमने उनसे फिर से टीम में शामिल होने के लिए कहा. वह जिस तरह का है, वह इस तरह का खेल कभी नहीं छोड़ेगा और अगर वह अपनी टीम के लिए खेल नहीं जीत पाता है तो उसे वह अपने आप को दोषी मानेगा .उस समय मुझे एहसास हुआ कि अपने माता-पिता के साथ समय बिताने की उनकी इच्छा अब बहुत अधिक है और यह उम्र और परिपक्वता के साथ आ रही है."