Prithvi Shaw: इंडियन क्रिकेट टीम मौजूदा समय में वेस्टइंडीज़ के दौरे पर गयी हुई है जिसमें टीम ने तीन वनडे मैच की सीरीज को 3-0 से जीता है. इसके अलावा टी20 सीरीज में भी पहला मैच जीतकर शानदार आगाज किया है. आगामी वर्ल्ड कप को देखते हुए टीम इंडिया हाल फिलहाल में कई नए चेहरों पर दाँव लगा रही है. इसमें दीपक हुड्डा, ईशान किशन, अर्शदीप सिंह समेत कई नाम शामिल हैं. लेकिन, इस बीच एक सलामी बल्लेबाज़ के साथ चयनकर्ता लम्बे समय से नाइंसाफी कर रहे हैं. एक समय पर सचिन सहवाग से तुलना की जाने के बावजूद अब पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) का करियर सिर्फ 22 साल की उम्र में ही खत्म होने की कगार पर आ चुका है.
लंबे समय से चल रहे टीम से बाहर
साल 2020 में इंडियन टीम के लिए अपना वाइट बॉल क्रिकेट डेब्यू करने वाले पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) ने रोहित शर्मा (Rohit Sharma) के चोटिल होने के कारण टीम में अपनी जगह बनाई थी. इंडिया के न्यूजीलैंड के खिलाफ साल 2020 में तीन वनडे मैच की सीरीज में उन्हें मौका दिया गया था और उन्होंने तीनों ही मैच में सलामी बल्लेबाज़ की भूमिका निभाई थी. इस ODI सीरीज में वो टॉप 3 सबसे ज्यादा रन बनाने वाले भारतीय खिलाडी थे.
अगर टेस्ट क्रिकेट की बात करें तो शॉ ने अपने पहले ही मैच में शानदार 134 रन की पारी खेली थी. उन्होंने 154 गेंद में 134 रन बनाये थे जिसमें 19 चौके शामिल थे. दूसरे टेस्ट मैच में भी उन्होंने शानदार प्रदर्शन से टीम को जीत दिलवाई. अच्छे प्रदर्शन के बाद उन्हें चोट के चलते टीम से आराम दिया गया लेकिन, इसके बाद वो दोबारा टीम में वापसी करने में सफल नहीं रहे.
सचिन सहवाग से होती थी तुलना
पृथ्वी शॉ की डोमेस्टिक क्रिकेट में खेलने के तरीके को देखते हुए उनकी तुलना भारतीय और सलामी बल्लेबाज़ वीरेंद्र सहवाग (Virender Sehwag) और महान खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) से की जाने लगी थी. शॉ की बैटिंग में आपको सहवाग जैसी तेज़ी तो सचिन जैसे शॉट सिलेक्शन देखने को मिलता था. शॉ (Prithvi Shaw) भी ओपनर के तौर पर टीम के लिए शुरुआती ओवरों में तेज़ी से रन बटोरते थे. पूर्व दिग्गज बल्लेबाज और टीम इंडिया के कोच भी रह चुके रवि शास्त्री ने भी कहा था की 22 साल के पृथ्वी शॉ बिना डर के खेलते हैं और वो किसी भी टीम के खिलाफ रन बटोरने में सक्षम हैं.
इंडिया के लिए जीत चुके हैं वर्ल्ड कप
जी हाँ, साल 2018 में पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) की कप्तानी में टीम इंडिया अंडर 19 वर्ल्ड कप भी जीत चुकी है. पृथ्वी शॉ की कप्तानी में टीम इंडिया ग्रुप B में तीन में से तीन मैच जीत कर टॉप पर थी. इसके बाद वर्ल्ड कप के दौरान टीम इंडिया ने एक भी मैच नहीं हारा और फाइनल मैच में ऑस्ट्रेलिया को शिकस्त देकर वर्ल्ड कप अपने नाम किये. पृथ्वी शॉ के साथ टीम ने शुभमन गिल (Shubhman Gill) और शिवम् मावी (Shivam Mavi) जैसे खिलाड़ी भी शामिल थे. वर्ल्ड कप में जीत के साथ पृथ्वी शॉ ने अपनी कप्तानी के हुनर को भी दिखाया है जो आगे टीम इंडिया के काम आ सकता है.
तीनों फॉर्मेट से चल रहे हैं बाहर
पृथ्वी शॉ ने इंडियन टीम के लिए तीनों ही फॉर्मेट में बल्लेबाज़ी की है. टेस्ट क्रिकेट में 2018 में डेब्यू करने के बाद उन्होंने लिमिटेड ओवर में भी अपना डेब्यू किया लेकिन अब काफी महीनों से वो टीम से बाहर चल रहे हैं. ईशान किशन (Ishan Kishan), शुभमन गिल और रूतुराज गायकवाड़ जैसे युवाओं के टीम में आने के बाद से ही शॉ को टीम में जगह मिलना मुश्किल होता नज़र आ रहा है.
शॉ (Prithvi Shaw) ने इंडिया के लिए 5 टेस्ट मैच में 339 रन बनाये है. साथ ही 6 वनडे में उनके नाम 189 रन दर्ज है. आईपीएल में शॉ का प्रदर्शन अच्छा रहा है और उन्होंने कई बार टीम को जीत दिलवाई है. 63 आईपीएल मैचों में उनके नाम 1588 रन दर्ज है जिसमें उनका स्ट्राइक रेट 147.45 का रहा है. हालांकि उनके इस प्रदर्शन को लगातार चयनकर्ता नजरअंदाज कर रहे हैं, जिसके चलते कहीं न कहीं अब शॉ के करियर पर संकट मंडराने लगा है.