आज पृथ्वी शॉ की चारों ओर तारीफ हो रही है और तारीफ होनी भी चाहिए। जिस तरह उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ पहले वनडे में बल्लेबाजी की, ऐसा लग रहा था कि वह वनडे नहीं बल्कि T20 फॉर्मेट खेल रहे थे। 9 चौके जड़ते हुए Prithvi Shaw ने 24 गेंद पर 43 रन बनाकर भारत को बेहतरीन शुरुआत दिलाई। मगर क्या आप जानते हैं कि आखिर एडिलेड के फ्लॉप शो के बाद आखिर शॉ सुपरहिट कैसे हो गए?
ऑस्ट्रेलिया में एडिलेड में फ्लॉप हुए थे शॉ, फिर चमका बल्ला
टीम इंडिया के स्टार सलामी बल्लेबाज पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) ऑस्ट्रेलिया दौरे पर खेले गए पहले टेस्ट मैच में कुछ खास रन नहीं बना पाए थे। पिंक बॉल टेस्ट में वह दोनों ही पारियों में बोल्ड हुए थे, जिसके बाद शॉ को प्लेइंग इलेवन से बाहर कर शुभमन गिल को मौका दिया गया था। इसके बाद तो फिर शॉ टीम इंडिया से ही ड्रॉप हो गए थे।
मगर गिर कर उठना, शॉ को अच्छी तरह आता है। ऑस्ट्रेलिया से आने के बाद उन्होंने घरेलू क्रिकेट में अपना फॉर्म हासिल किया और भई, उसके बाद तो फिर Prithvi Shaw अब तक उसी फॉर्म में नजर आ रहे हैं। पहले विजय हजारे, फिर आईपीएल और फिर अब श्रीलंका दौरे पर उनके बल्ले से निकलने वाले रनों की रफ्तार शानदार रही है।
कोच प्रशांत शेट्टी-प्रवीण आमरे की सलाह से किए बदलाव
एक खिलाड़ी के जीवन में उतार-चढ़ाव तो आते ही रहते हैं, मगर Prithvi Shaw जैसे तूफान को उससे उबरना अच्छी तरह आता है। वह मौजूदा समय में भारतीय टीम का अहम हिस्सा हैं। मगर एक इंटरव्यू में शॉ ने खुलासा किया था कि ऑस्ट्रेलिया से आने के बाद कोच प्रशांत शेट्टी व प्रवीण आमरे की सलाह से उन्होंने अपनी बल्लेबाजी में जरुरी बदलाव किए थे। एक इंटरव्यू में शॉ ने बताया,
"मैंने ऑस्ट्रेलिया में ही इस पर काम शुरू कर दिया था। मुझे अपने बल्ले को अपने शरीर के करीब रखने की जरूरत थी, जो मैं नहीं कर रहा था। मैंने बल्लेबाजी के दौरान अपने मूवमेंट को नियंत्रित किया। ऑस्ट्रेलिया से लौटने के बाद मैंने अपने कोच प्रशांत शेट्टी सर और प्रवीण आमरे सर से बात की। विजय हजारे ट्रॉफी खेलने से पहले उनके साथ नेट्स पर काम किया। उनके सुझाव के बाद मैंने बल्लेबाजी में मामूली बदलाव किया और फिर टूर्नामेंट में अपना स्वाभाविक खेल खेला।"
राहुल द्रविड़ ने नहीं दी बदलाव की सलाह
राहुल द्रविड़ को युवा खिलाड़ियों से उनका सर्वश्रेष्ठ निकलवाने के लिए जाना जाता है। कई युवा खिलाड़ी ये बयान दे चुके हैं कि द्रविड़ कभी भी खिलाड़ी को उसका खेल बदलने की सलाह नहीं देते हैं। श्रीलंका दौरे पर रवाना होने से पहले Prithvi Shaw ने भी द्रविड़ को लेकर ऐसा ही बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि,
''उन्होंने कभी भी हम पर कुछ थोपने या बदलने की कोशिश नहीं की। उन्होंने किसी की बल्लेबाजी में कोई बदलाव नहीं किया. वह मुझे भी बोलते थे कि मुझे मेरा नेचुरल गेम खेलना है, क्योंकि वह जानते थे कि अगर मैं पॉवरप्ले ओवरों में खेलूंगा तो इससे टीम को मदद मिलेगी। उन्होंने मुझे कभी मेरा गेम खेलने से नहीं रोका।''