भारतीय टीम के बाएं हाथ के स्पिनर प्रज्ञान ओझा (Pragyan Ojha) ने अपनी बॉलिंग से अच्छे अच्छे बल्लेबाजों को परेशान किया है. साल 2013 में वेस्टइंडीज के खिलाफ वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए मुकाबले प्रज्ञान ओझा ‘मैन ऑफ द मैच’ चुना गया था, क्योंकि उन्होंने दोनों पारियों मे 5-5 विकेट लेने का कारनामा अपने नाम किया. उसके बावजूद उनका टीम में बना रहा बड़ा मुश्किल हो गया. टीम में जगह ना मिलने से प्रज्ञान ओझा (Pragyan Ojha) को 33 साल की उम्र में ही संन्यास की घोषणा करनी पड़ी थी.
प्रज्ञान ओझा ने 10 विकेट लेने का किया कारनामा
बाएं हाथ के स्पिनर प्रज्ञान ओझा (Pragyan Ojha) ने भारतीय टीम के लिए खेलते हुए 10 विकेट अपने नाम कर रखे है. साल 2013 में वेस्ट इंडीज के खिलाफ मुंबई में ओझा ने आखिरी टेस्ट खेला था. यह सचिन तेंदुलकर का भी आखिरी टेस्ट मैच था. जिसको इतिहास में कभी नहीं भुला जा सकता. भारत-वेस्टइंडीज के बीच खेले गए 90 टेस्ट मैचों में छठा बेस्ट गेंदबाजी प्रदर्शन था.
इतना ही नहीं भारत की तरफ से वेस्टइंडीज के खिलाफ एक टेस्ट मैच में यह तीसरे नंबर का सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी प्रदर्शन था मैच में ओझा ने दोनों पारियों में पांच-पांच विकेट लिए थे. जिन्होंने 10 विकेटअपने खाते में जोड़े. इसके बाद इनके बॉलिंग एक्शन को लेकर उंगलियां उठने लगी. काफी समय तक टीम से बाहर रहे. ओझा ने 24 टेस्ट में 113, 18 वनडे में 21 और 6 टी-20 में 10 विकेट लिए अपने नाम किये. टीम में मौका ना मिलने से परेशान प्रज्ञान ओझा भारतीय टीम को अलविदा कह दिया.
रवींद्र जडेजा ने Pragyan Ojha के करियर पर लगाई सेंध
प्रज्ञान ओझा भारतीय टीम छोड़ने की वजह धाकड़ ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा (Ravindra Jadeja) को माना जाता हैं. भारतीय टीम को एक धाकड़ ऑलराउंडर की जरूरत थी और इस खांचे में रवींद्र जडेजा फिट बैठते थे, क्योकि जडेजा बैट और बॉल के साथ कमाल दिखाने में माहिर थे. जिसकी वजह से प्रज्ञान ओझा का टीम में बना रहना मुश्किल हो गया.
प्रज्ञान ओझा को बॉलिंग एक्शन को लेकर भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. जिसके लिए उन्हें आईसीसी के से भी क्लीन चिट मिली. इन सब के बाद प्रज्ञान ओझा ने संन्यास की घोषणा कर दी. वहीं टीम में ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा एंट्री हो गई. कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) के साथ अच्छे संबधों की वजह से रवींद्र जडेजा, टीम इंडिया में अपनी जगह पक्की कर चुके थे. ऐसे में प्रज्ञान ओझा की टीम में कभी वापसी पर संकट मंडराया.