15 अगस्त 2020... इस तारीख को भारतीय क्रिकेट फैंस के लिए भूल पाना काफी मुश्किल है। क्योंकि इसी दिन टीम इंडिया के स्टार खिलाड़ी और पूर्व कप्तान एमएस धोनी (MS Dhoni) ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से अलविदा कहने का फैसला पूरी दुनिया को सुनाया था। उनके इस फैसले से जहां एक तरफ क्रिकेट जगत में खामोशी छा गई तो वहीं माही के फैंस को काफी ठेस पहुंची थी। एमएस ने भले ही 2020 में अपने इस फैसले के बारे में खुलासा किया था, लेकिन वह अपने संन्यास की इत्तला दो खास शख्स को पहले ही कर चुके थे।
MS Dhoni के संन्यास की इन दो शख्स को पहले ही मिल गई थी खबर
एमएस धोनी (MS Dhoni) ने 2019 में न्यूज़ीलैंड के खिलाफ वर्ल्ड कप में भारत के लिए अपना आखिरी मुकाबला खेला था। इस मैच में ही उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने का फैसला कर दो शख्स को बता दिया था। ये खिलाड़ी दो शख्स भारतीय टीम के विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत और पूर्व फील्डिंग कोच आर श्रीधर थे। वहीं, माही के संन्यास के इतने सालों बाद श्रीधर ने अपनी किताब कोचिंग बियोंड: माय डेज विद द इंडियन क्रिकेट टीम में इसको लेकर बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने लिखा,
"मैं अब यह खुलासा कर सकता हूं कि कैसे धोनी ने अपनी रिटायरमेंट को लेकर संकेत दिए थे। 'मैनचेस्टर में न्यूजीलैंड के खिलाफ हमारे वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में रिजर्व डे की सुबह, मैं ब्रेकफास्ट हॉल में पहला व्यक्ति था। मैं अपनी कॉफी तैयार कर रहा था जब धोनी और पंत आए, वह मेरे साथ मेरी टेबल पर आ गए। न्यूजीलैंड के पास बल्लेबाजी करने के लिए केवल कुछ ओवर थे और हमें उसके बाद अपनी पारी शुरू करनी थी।
MS Dhoni नहीं चाहते थे अपने टीम के साथ आखिरी बस ड्राइव मिस करना
उन्होंने आगे बताते हुए लिखा कि,
"टेबल पर बैठने के बाद ऋषभ ने धोनी से कहा, 'भैया, कुछ लड़के आज ही अकेले लंदन जाने का प्लान बना रहे हैं। क्या आपको दिलचस्पी है? एमएस ने जवाब दिया, 'नहीं, ऋषभ, मैं टीम के साथ अपनी आखिरी बस ड्राइव को मिस नहीं करना चाहता।"
बता दें कि एमएस धोनी (MS Dhoni) ने भारत की ओर से 350 वनडे, 98 टी20 इंटरनेशनल और 90 टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें उनके बल्ले से 17266 रन निकले हैं। वहीं, उन्होंने 108 अर्धशतक और 17 शतक लगाए हैं। वह इकलौते ऐसे कप्तान हैं जो अपनी टीम को तीनों आईसीसी ट्रॉफी दिलाने में सफल हुए हैं। उन्होंने 200 वनडे मैच में टीम इंडिया की कप्तानी करते हुए 110 मुकाबले अपने नाम किए हैं। इसी के साथ वह इस फॉर्मेट में सबसे कामयाब कप्तान बने।