Paddy Upton: साल 2011 में इंडिया और श्रीलंका के बीच हुए वर्ल्ड कप का फाइनल मैच तो सबको याद होगा ही। उस साल भारत ने 28 साल बाद वर्ल्ड कप जीता था। इस मैच को जीतने वाले प्लेयर एमएस धोनी की पारी को लेकर आज भी फैंस कई सवाल उठाते हुए नजर है। दरअसल उस वर्ल्ड कप में धोनी ने युवराज की जगह बैटिंग कर ली थी जिसकी वजह से उनके बैटिंग ऑर्डर पर फैंस कई सवाल उठाते हुए नजर आते हैं। अब हाल ही में 2011 विश्व कप में भारत के मेंटल कंडिशन कोच पैडी अप्टन (Paddy Upton) ने खुलासा किया है कि ये धोनी का ही फैसला था।
Paddy Upton ने बताया कि धोनी को नहीं था पसंद बाहर बैठना
पैडी अप्टन (Paddy Upton) ने इंडियन एक्सप्रेस के लिए लिखा कि उनसे अक्सर बल्लेबाजी क्रम में धोनी के ऊपर आने के बारे में पूछा जाता है कि आखिर वो युवराज से पहले क्यों आए थे। आगे उन्होंने ने लिखा । मैं आपको आंखो देखी बात बता रहा हूं ना कि कोई कहानी जो मैंने सुनी है। पैडी अप्टन (Paddy Upton) बताया
'धोनी को हमेशा खेल के दौरान ड्रेसिंग रूम के अंदर रहना पसंद था ना कि बाहर बैठना। उस दिन भी ऐसा ही था। वो वानखेड़े ड्रेसिंग रूम में लगे शीशे के पीछे थे। गैरी बाहर बैठा था और मैं उसके ठीक बगल में था। मुझे स्पष्ट रूप से याद है,मैंने खिड़की पर दस्तक सुनी। गैरी और मैं एक ही समय में घूमे। वो धोनी थे, उन्होंने संकेत दिया कि वो आगे बल्लेबाजी करने जाएंगे। बस इतना ही था। सांकेतिक भाषा। गैरी ने सिर्फ सिर हिलाया।'
Paddy Upton से नहीं हुई थी धोनी की बात
पैडी अप्टन (Paddy Upton) ने आगे लिखते हुए बताया कि धोनी और उनके बीच बात नहीं हुई थी। धोनी ने अपनी बैटिंग के बारे में सिर्फ इशारों में बताया था। साथ उनका यह भी मानना है कि वर्ल्ड कप फाइनल का वह पल धोनी जैसेस ही किसी के लिए था। पैडी अप्टन ने आगे लिखा,
'दोनों के बीच कोई बात नहीं हुई। धोनी ने फैसला किया था कि यह उनके लिए टीम के लिए खड़े होने का समय है। उन्होंने फाइनल से पहले आठ मैचों में कुछ भी नहीं किया था। वहीं युवराज ने अपना काम बखूभी किया था, उन्होंने टूर्नामेंट में अपना योगदान दे दिया था। वो पल धोनी जैसे किसी के लिए तय किया गया था।'
Paddy Upton को था विश्वास की धोनी लाएंगे WC ट्रॉफी
पैडी अप्टन ने आगे पत्र में लिखा कि वह मोमेंट उनके नेतृत्व और साहस के प्रमाण के लिए था। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि उन्हे पहले से ही विश्वास था कि एमएस धोनी ही 28 साल बाद वर्ल्ड कप की ट्रॉफी इंडिया में ला सकते हैं। पैडी आगे लेटर में लिखते हुए बताया कि,
'यह मोमेंट उनके नेतृत्व और साहस का प्रमाण मात्र था, इसने गैरी के साथ उनके संबंधों के बारे में बहुत कुछ बताया। ध्यान रहे, गैरी को खड़े होने और इस कदम के गुण और दोषों पर चर्चा करने के लिए धोनी के साथ बातचीत करने की आवश्यकता नहीं थी। यह सिर्फ एक ही पृष्ठ पर टीम के दो नेता थे। कांच पर दस्तक, उसने खुद की ओर इशारा करते हुए, गैरी का इशारा किया ... और हो गया। क्या आपको पता है कि धोनी हमें विश्व कप दिलाने के लिए वहां जा रहे हैं?'मुझे पूरा विश्वास था कि धोनी ट्रॉफी के साथ वापस आएंगे।'