8 साल पहले 22 जुलाई को ही मुरलीधरन ने रचा था इतिहास, आज तक नहीं कर सका कोई ये कारनामा
Published - 22 Jul 2018, 01:10 PM

22 जुलाई, यह तारीख क्रिकेट इतिहास की फिल्म में सिर्फ मुथैया मुरलीधरन का गुणगान करती दिखती है। कुल 133 टेस्ट मुकाबलों के मात्र 230 पारियों में 800 विकेट । यह कहानी इसी तारीख को श्रीलंका के महान स्पिनर मुथैया मुरलीधरन ने रची थी।
गाले का वो बेहतरीन मैदान जो आज मुश्किलों में है इस रिकॉर्ड में उनका सार्थी बना था। टेस्ट की एक पारी में इनका सबसे उम्दा बोलिंग स्कोर 51 रन दे कर 9 विकेट लेने का है। जबकि पूरे टेस्ट मैच की बात की जाए तो 220 रन दे 16 विकेट अपने नाम करना इनका सवश्रेष्ट बोलिंग प्रदर्शन है।
अपने अन्तराष्ट्रीय टेस्ट जीवन की आखिरी गेंद मुरलीधरन ने अपने 800वें शिकार के लिए फेका था। वो साल था 2010 और उसके बाद क्रिकेट मैदान को इस महान स्पिनर ने अलविदा कह दिया।
बड़ी दिलचस्प कहानी थी इनके 800वे विकेट की
मैदान था इंडियन ओसियन के पास बना श्रीलंका का सबसे खूबसूरत मैदान गाले स्टेडियम। आमने- सामने थी मौजूद टेस्ट नंबर-1 भारत और मेजबान श्रीलंका। उस श्रृंखला का यह पहला टेस्ट मुकाबला था।
आईसीसी ने ट्वीट कर याद दिलाया यह लम्हा
520 रनों के विशाल स्कोर के बाद श्रीलंका ने अपनी पहली पारी डिक्लेअर कर दी। भारतीय टीम इस स्कोर का सामना करने उतरी तो 276 रनों पर ही ढेर हो गई। इस इनिंग में मुरलीधरन ने कुल 5 विकेट लिए। इस मुकाबले से पहले उनके नाम 792 विकेट थे।
#OnThisDay in 2010, the legendary Muttiah Muralitharan signed off from Test cricket.
— ICC (@ICC) July 22, 2018
He claimed his record 800th wicket with his final ball by dismissing Pragyan Ohja in a 10 wicket win for Sri Lanka against India in Galle. pic.twitter.com/rkbGL2p9cU
यानी अगर दूसरी पारी में मुरली 3 विकेट और झटक लेते तो इतिहास रच जाते। उनका 793वें शिकार सचिन तेंदुलकर हुए और इस पारी में आगे उन्होंने और चार विकेट अपने नाम किए।
फॉलो ऑन की स्थिति आई और भारत ने दोबारा बैटिंग की। इस पारी में 2 विकेट तो मुरली को जल्द ही मिल गए। अब मात्र 1 विकेट दूर था 800 विकेट का वो इतिहास। काफी देर तक गेंदबाजी करने के बाद भी उन्हें विकेट नहीं मिल रही थी। विकेट गिरते गए और अब भारतीय पारी का बस एक विकेट बचा था।
प्रज्ञान ओझा थे मुरली के 800वें शिकार
आखिरी विकेट बल्लेबाजी कर रहे थे भारतीय टीम के बाएं हाथ के स्पिनर प्रज्ञान ओझा। मुरली को उन्होंने 800वें विकेट के लिए काफी झेलाया। लेकिन अंत मे मुरली की एक गेंद उनके बल्ले के कोने से लेग स्लीप में खड़े जयवर्धने के हाथ मे चली गई। इस तरह अपना 800वां विकेट ले मुरलीधरन ने टेस्ट में इतिहास रच डाला।
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