International Cricket: भारत में क्रिकेट सिर्फ एक खेल नहीं है। यह क्रिकेट फैंस और क्रिकेट खिलाड़ियों के लिए धर्म की तरह है। इसलिए जब भी किसी खिलाड़ी को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट (International Cricket) खेलने का मौका दिया जाता है, तो यह उसके लिए सौभाग्य की बात होती है। भारतीय टीम में कुछ खिलाड़ी ऐसे भी रहे जिन्हे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट (International Cricket) में खेलने का मौका तो दिया लेकिन उन्होंने अपने प्रदर्शन से यह साबित किया कि वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट (International Cricket) खेलने के लायक नहीं थे।
आज हम आपको उन 5 खिलाड़ियों के बारें में बताएंगे जो भारतीय टीम में कुछ मैच अच्छा खेलकर ही डेब्यू किया था लेकिन अपने प्रदर्शन के कारण अपने करियर को लंबा नहीं कर पायें। लेकिन पूर्व भारतीय खिलाड़ी का टैग उनके साथ हमेशा के लिए जुड़ा रहा।
यह 5 भारतीय खिलाड़ी नहीं थे International Cricket खेलने के लायक
1. गुरकीरत सिंह मान (Gurkeerat Singh)
गुरकीरत सिंह मान एक भारतीय पेशेवर क्रिकेटर हैं, जो घरेलू क्रिकेट में पंजाब के लिए खेलते हैं। उन्हे भारतीय टीम में स्पिन ऑलराउंडर के रूप में जगह मिली थे। उन्हें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट (International Cricket) में रवींद्र जडेजा के विकल्प के तौर पर टीम में शामिल किया गया था।
लेकिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हुए मुकाबले में वो टीम के लिए अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए, जिसके बाद उन्हें टीम में मौके नहीं मिले।गुरकीरत सिंह मान ने 3 एकदिवसीय मैच भारत के लिए खेलते हुए 6.5 के औसत से 13 रन बनाये और गेंद के साथ भी उन्होंने 6.8 के इकॉनमी रेट से रन जरुर दिए लेकिन एक भी विकेट अपने नाम किए। जिसके कारण बाद में उन्हें कभी खेलने का मौका नहीं मिल पाया है।
2. एमएसके प्रसाद (M.S.K. Prasad)
मन्नावा श्री कांथा प्रसाद एक रिटायर्ड भारतीय क्रिकेटर हैं। अगर हम एमएसके के प्रदर्शन की बात करें, तो वह अपने क्रिकेट करियर में बहुत अच्छा नहीं कर पाए थे। उनका खराब प्रदर्शन के बावजूद उन्हे भारतीय टीम में मौका मिलता रहा। इसकी वजह उनका विकेटकीपर बल्लेबाज होना था। जिसका उन्हें फायदा मिला।
एमएसके प्रसाद के नाम से मशहूर मन्नावा ने भारत के लिए 6 टेस्ट मैच में 11.78 की औसत से 106 रन बनाये। जिसके बाद उन्हें 17 एकदिवसीय मैच में 14.56 के औसत से 131 रन बनाये। जिसके बाद यह साफ है कि उन्होंने दूसरी पारियों में कितने रन बनाए थे। आपको बता दें कि, प्रसाद पिछले कुछ सालों से भारतीय टीम के लिए मुख्य चयनकर्ता का पद संभाल रहे हैं।
3. मनप्रीत सिंह गोनी (Manpreet Singh Gony)
मनप्रीत सिंह गोनी दाएं हाथ के मध्यम गति के गेंदबाज और दाएं हाथ के मध्य क्रम के बल्लेबाज हैं। गोनी भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट (International Cricket) का हिस्सा रह चुके हैं। गोनी ने चेन्नई सुपर किंग्स के दम पर भारतीय टीम में प्रवेश किया था। उस समय महेंद्र सिंह धोनी के करीब होने के कारण गोनी को भारतीय टीम में खेलते देखा गया था। मनप्रीत गोनी ने भारतीय टीम के लिए 2 एकदिवसीय मैच खेले। जिसमें उन्होंने 38 के औसत से 2 विकेट अपने नाम किए।
जबकि आईपीएल में उन्होंने 44 मैच खेलकर मात्र 37 विकेट ही हासिल किए थे। जबकि उनकी इकोनॉमी इस बीच 8.7 की रही थी। जिससे क्रिकेट जगत में बिल्कुल अच्छा नहीं माना जाता है। गोनी घरेलू क्रिकेट में पंजाब के लिए खेलते हुए भी अपना नियमित प्रदर्शन बरकरार नहीं रख सके। जिसके बाद उन्होंने क्रिकेट से सन्यास लेने का फैसला किया।
4. सुदीप त्यागी (Sudeep Tyagi)
सुदीप त्यागी एक भारतीय पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर (International Cricket Player) हैं। घरेलू क्रिकेट और आईपीएल में भी उनका प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा है। लेकिन उसके बाद भी उन्हें भारतीय टीम में खेलने का मौका मिल गया। इसे सुदीप को भारतीय टीम में शामिल करना गलत फैसला माना जाता है। सुदीप त्यागी ने भारतीय टीम के लिए 4 एकदिवसीय मैच में 48 के औसत से मात्र 3 विकेट ही हासिल किए।
जबकि 1 टी20 मैच में 10.5 की इकॉनमी रेट से रन दिया और एक भी विकेट अपने नाम नहीं किया। इस तरह से उन्हें खेलने का मौका मिला जबकि वो उस समय टीम में जगह पाने के लायक नहीं थे। त्यागी आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स की तरफ से भी खेल चुके हैं।
5. वीआरवी सिंह (V. R. V. Singh)
विक्रम राज वीर सिंह, जिन्हें आमतौर पर वीआरवी सिंह के नाम से जाना जाता है, एक पूर्व भारतीय क्रिकेटर हैं जो दाएं हाथ के तेज-मध्यम गेंदबाज हैं। वीआरवी सिंह को भारतीय टीम में बतौर बैटिंग ऑलराउंडर मौका मिला था। उनके घरेलू क्रिकेट रिकॉर्ड खराब होने के बावजूद उनको अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट (International Cricket) में खेलने का मौका मिल। इसके बाद भी वो फायदा नहीं उठा पाए। वीआरवी सिंह ने भारतीय टीम के लिए 5 टेस्ट मैच खेला।
जिसमें बल्ले से मात्र 11.75 के औसत से 47 रन ही निकाल पाए। जबकि गेंद के साथ उन्होंने 53.38 के औसत से 8 विकेट ही हासिल किए। 2 एकदिवसीय मैच में एक भी विकेट नहीं लिया और बल्ले से उन्होंने मात्र 8 के औसत से 8 रन बनाये। विक्रम आईपीएल में भी अच्छा प्रदर्शन नहीं दिखा पाए। लेकिन इसके बाद भी उन्हें अब पूर्व भारतीय खिलाड़ी का टैग मिल गया है।