जानिए Nitish Reddy की कहानी, पिता ने क्रिकेटर बनाने के लिए छोड़ी नौकरी, कड़ी तपस्या और संघर्ष के बाद IPL में मिला मौका
जानिए Nitish Reddy की कहानी, पिता ने क्रिकेटर बनाने के लिए छोड़ी नौकरी, कड़ी तपस्या और संघर्ष के बाद IPL में मिला मौका

Nitish Reddy: मंगलवार को IPL 2024 का 23वां मुकाबला पंजाब किंग्स और सनराइंजर्स हैदराबाद (PBKS vs SRH) के बीच खेला गया. इस मैच में हैदराबाद को मिली जीत के बाद 20 साल के युवा ऑल राउंडर नीतीश रेड्डी (Nitish Reddy) सुर्खियों में आ गए हैं. इस युवा बल्लेबाज ने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए मात्र 37 गेंदों में 64 रन ठोक दिए.

जिसके बाद नीतीश रेड्डी (Nitish Reddy) रातो रात स्टार बन गए हैं. लेकिन, उनके इस सफलता के पीछे उनके पिता का त्याग और कड़ा संघर्ष छिपा है. जिन्होंने बेटे को क्रिकेट बनाने के लिए अपनी नौकरी तक का बलिदान दे दिया था. आइए इस रिपोर्ट में जानते हैं नीतीश रेड्डी के क्रिकेटर बनने की दिलचस्प कहानी…

Nitish Reddy बने SRH की जीत के हीरो

  •  चंडीगढ़ के मुल्लांपुर में पंजाब किंग्स और सनराइजर्स हैदराबाद के बीच एक रोमांचक मुकाबला खेला गया. इस मैच को जीतने के लिए दोनों टीमों ने अंतिम ओवर में अपना ऐडी चोटी का दमखम लगा दिया. यह कह पाना बड़ा मुश्किल था कि कौन टी टीम बाजी मारेगी?
  • लेकिन, आखिरी ओवर की अंतिम गेंद पर SRH को महज 2 रन से जीत मिली. इस जीत के हीरो 20 साल के युवा ऑल राउंडर नीतीश रेड्डी (Nitish Reddy) रहे. जिन्हें अपनी धमाकेदार बल्लेबाजी से तेज गेंदबाज रबाड़ा, हर्षल पटेल और अर्शदीप के छक्के छुड़ा दिए.
  • नीतीश ने मात्र 37 गेंदों में 64 रन ठोक दिए. इस दौरान उनके बल्ले से 4 चौके और 5 छक्के देखने को मिले. रेडी अपनी इस पारी के बाद सोशल मीडिया पर छा गए और वह रातों रात फैंस की नजर में हीरो बन गए.

नीतीश रेड्डी को क्रिटर बनाने में पिता ने की कड़ी तपस्या

  • हर क्रिकेटर के पिता का सपना होता है कि वह एक दिन बड़ा खिलाड़ी बनें. वह अपने परिवार का ही नहीं बल्कि पूरे देश का नाम रौशन करे. लेकिन, सच्चाई यही कि एक क्रिकेट बनाने में पढ़ाई लिखाई से कम पैसा खर्च नहीं होता है. अकडेमी प्रशिक्षण से लेकर तमाम तरह के मोटे खर्चे होते हैं.
  • लेकिन, मध्य क्रम के बल्लेबाज इन सुविधाओ के चलते क्रिकेटर नहीं बन पाते हैं. नीतीश रेड्डी (Nitish Reddy) के पिता की तरह सोपोर्ट मिले तो हर युवा अपनी मंजिल तक पहुंच सकता है. भले ही पहुंचे में थोड़ा देरी ही क्यों ना लगे.
  • बता दें कि नीतीश के लिए क्रिकेट का सफर इतना आसान नहीं रहा है. उनके पिता मुत्याला रेड्डी (Mutyala Reddy) बेटे को क्रिकेटर बनाने के लिए नौकरी तक छोड़ दी थी. वह माध्यम वर्गीय परिवार से आते हैं. लेकिन, उन्होंने बेटे को क्रिकेटर बनाने के लिए कभी अपनी आर्थिक तंगी को उनके करियर में आड़े नहीं आने दिया.

कौन है नीतीश रेड्डी? जिसने IPL में लूट लिया मेला

  • नीतीश रेड्डी (Nitish Reddy Biography) का जन्म आंद्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में 26 मई साल 2003 को हुआ था.वह हिंदुस्तान जिंक के पूर्व कर्मचारी मुत्याला रेड्डी के बेटे हैं.
  • नीतीश ने 5 साल की उम्र में प्लास्टिक के बल्ले से क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था और वह नियमित रूप से सीनियर खिलाड़ियों को क्रिकेट देखने के लिए हिंदुस्तान जिंक मैदान पर जाते थे. नीतीश ने वीडीसीए शिविरों का दौरा किया और शुरुआत में कोच कुमार स्वामी, कृष्णा राव और वाटेकर के तहत प्रशिक्षण लिया.
  • उनके पिता की मेहनत रंग लाई और नीतीश रेड्डी 27 जनवरी 2020 को 2019-20 रणजी ट्रॉफी में आंध्र के लिए प्रथम श्रेणी में पदार्पण  करने का मौका मिला. जिसके बाद उन्होंने 20 फरवरी 2021 को 2020-21 विजय हजारे ट्रॉफी में आंध्र के लिए अपनी लिस्ट ए की शुरुआत की.
  • उन्होंने 2021-22 सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में आंध्र के लिए 4 नवंबर 2021 को अपना ट्वेंटी 20 डेब्यू किया.  वह अब वह IPL 2024 में अपनी बल्लेबाजी का लोहा मनवा रहे हैं. उन्हें 2023 इंडियन प्रीमियर लीग की नीलामी में सनराइजर्स हैदराबाद ने 20 लाख रुपये में खरीदा था.

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Rubin Ahmad

रूबिन अहमद 'क्रिकेट एडिक्टर' ऑनलाइन में सब एडिटर हैं. दिल्ली विश्वविद्यालय साउथ...