भारत-न्यूजीलैंड (Ind vs New Zealand) के बीच खेले गए पहले ऐतिहासिक वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल (WTC) मैच में कीवी टीम ने भारत को 8 विकेट से शिकस्त देते हुए इस खिताबी मुकाबले को अपने नाम कर लिया है. बारिश से प्रभावित होने वाले इस मुकाबले में विरोधी टीम को किसी एक खिलाड़ी की वजह से जीत हासिल नहीं हुई. बल्कि इसके लिए पूरी टीम ने अपना दमखम झोंक दिया था. मैन ऑफ द मैच घोषित किए गए काइल जैमिसन और कप्तान केन विलियमसन के अलावा पूरी टीम ने आखिर तक प्रयास जो सफल साबित हुआ.
काइल जैमिसन
इस मैच में रॉय टेलर से लेकर डेवॉन कॉनवे, नील वैगनर, ट्रेंट बोल्ट और टिम साउदी ने भी अपना 100 प्रतिशत दिया. काइल जैमिसन की बात करें तो इस जीत की नींव उन्होंने पहली पारी में ही रख दी थी. 6 फुट 7 इंच लंबे इस गेंदबाज ने पहली पारी में 31 रन देकर 5 विकेट चटकाए थे. ऐसे में टीम इंडिया सिर्फ 217 रन बनाकर ऑलआउट हो गई थी. 8 टेस्ट मैच में 46 विकेट ले चुके जैमिसन ने दोनों पारियों में कोहली को अपना शिकार बनाया.
रिजर्व डे के दिन खेल की शुरूआत में कीवी न्यूजीलैंड की टीम को जीत के लिए कोहली औैर पुजारा का विकेट चाहिए था. ऐसे में पहले सेशन की शुरूआत होते ही उन्होंने अपनी टीम की ये इच्छा पूरी कर दी. 7 विकेट चटकाने के साथ ही उन्होंने इस मैच में 16 गेंदों पर 21 रन की बेहतर पारी भी खेली थी.
टिम साउदी
टिम साउदी ने जब पहली पारी में भारत के खिलाफ गेंदबाजी करने उतरे तो उन्हें सिर्फ 1 विकेट हासिल हुआ. इस दौरान उन्होंने टीम को उस वक्त मुश्किल से निकालने में मदद की जब न्यूजीलैंड (New Zealand) टीम 192 रन पर 7 विकेट गंवा चुकी थी. 9वें नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे इस गेंदबाज ने 46 गेंदों का सामना करते हुए एक चौके और दो छक्के की मदद से 30 रनों की पारी खेली थी. जिसके दम पर विरोधी टीम 249 रन बनाने में कामयाब रही थी.
हालांकि, दूसरी पारी में सलामी बल्लेबाजों को पवेलियन का रास्ता दिखाकर उन्होंने ही टीम के जीत की नींव रख दी थी. 5वें दिन के आखिरी सेशन में उन्होंने रोहित और शुभमन गिल को सस्ते में निपटा दिया था. इसके बाद अंतिम दिन उन्होंने सिर्फ 5 गेंदों के अंदर मोहम्मद शमी और बुमराह को पवेलियन का रास्ता दिखाकर टीम इंडिया की पारी को 170 पर ही समेट दिया. दूसरी पारी में साउदी ने 48 रन देकर 4 विकेट झटके.
केन विलियमसन
टेस्ट रैंकिंग में दूसरे स्थान पर कब्जा जमाने वाले कीवी कप्तान केन विलियमसन ने इस मुकाबले की ही पारियों में 40 से उपर रन बनाते हुए टीम की जीत के लिए आखिर वक्त तक खड़े रहे. पहली पारी में कीवी टीम के एक छोर से लगातार विकेटों का पतन होता रहा. लेकिन, दूसरी छोर से वो दीवार तरह खड़े रहे. पहली पारी में मुश्किल परिस्थितियों का सामना करते हुए उन्होंने 177 गेंद में 49 रन बनाए थे. दूसरी पारी में उन्होंने नाबाद 52 रन बनाते हुए टीम को खिताब दिलाया.
न्यूजीलैंड (New Zealand) टीम की जीत में सबसे बड़ा हाथ ट्रेंट बोल्ट का भी रहा. पहली पारी में उन्होंने 2 विकेट झटके औैर दूसरी पारी में 3 अहम विकेट हासिल कर टीम की जीत पक्की की. उन्होंने अपनी टीम के लिए उस दौरान विकेट लिए जब वाकई उन्हें उसकी खास जरूरत थी. पहली इनिंग में पुजारा की पारी को उन्होंने 8 रन पर ही समेट दिया. इसके बाद रवींद्र जडेजा पवेलियन भेजा. दूसरी पारी में रहाणे और फिर अहम विकेट पंत की पारी का अंत किया. पंत के जाते ही 2 गेंद बाद उन्होंने आर अश्विन को भी आउट कर कीवी जीट को जीत दिलाने में पूरी भूमिका निभाई.
डेवोन कॉनवे
इतना ही नहीं टीम के सलामी बल्लेबाज डेवोन कॉनवे (Devon Conway) ने भी पहली इनिंग में 54 रन की शानदारी पारी खेली थी. दूसरी इनिंग में भी उन्होंने काफी देर तक विलियमसन का साथ दिया. लेकिन, 19 रन बनाकर आउट हो गए थे. हालांकि, अपने करियर का तीसरा टेस्ट खेल रहे कॉनवे का जलवा यहां भी बरकरार रहा.
रॉस टेलर
इस मैच से पहले वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में रॉस टेलर ने 30 की औसत से रन बनाए थे. लेकिन दूसरी पारी में इस अनुभवी बल्लेबाज ने नाबाद 47 रन की पारी खेली और कप्तान विलियमसन के साथ 96 रनों की पार्टनरशिप भी की. दोनों की ये साझेदारी न्यूजीलैंड (New Zealand) की जीत के लिए लकी रही.