Team India: क्रिकेट एक ऐसा खेल है जहां किसी भी खिलाड़ी की कभी भी चमक सकती है, तो वहीं एक खिलाड़ी अपने देश की टीम में जगह बनाने के लिए पूरी जिंदगी लगा देता है, लेकिन फिर भी नहीं बना पता। हम आपको ऐसे ही एक खिलाड़ी के बारे में बताने जा रहे हैं अपने तीसरे ही टेस्ट मैच में तिहरा शतक जड़ दिया था, लेकिन तब भी इसका इंटरनेशनल क्रिकेट करियर लगभग खत्म हो गया है। ये खिलाड़ी टीम के पूर्व कप्तान और हेड कोच पर आरोप लगा चुका है।
Team India में अब तक नहीं बना पाया है ये खिलाड़ी जगह
भारतीय टीम के बल्लेबाज करुण नायर ने अपने टेस्ट करियर के तीसरे टेस्ट मैच में इंग्लैंड जैसी मजबूत टीम के खिलाफ तिहरा शतक जड़ा था। इससे पहले वीरेंद्र सहवाग के अलावा कोई भी भारतीय बल्लेबाज ऐसा रिकॉर्ड नहीं बना पाया था। ऐसे प्रदर्शन के बाद भी करुण नायर अब तक टीम इंडिया (Team India) में अपनी जगह नहीं पक्की कर पाए हैं। करुण नायर को आखिरी बार क्रिकेट मैदान में खेलते हुए साल 2017 में देखा गया था। टेस्ट मैच में तिहरा शतक लगाना हर टेस्ट स्पेशलिस्ट की आरज़ू होती है।
जब करुण नायर ने इंग्लैंड के खिलाफ तिहरा शतक लगाया था तब ये मन जा रहा था कि ये करुण एक बहुत बड़े खिलाड़ी बन सकते हैं और टीम इंडिया (Team India) में अपना अलग नाम बना सकते हैं, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। करुण नायर ने 2016 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया था। जिसके बाद उन्हे आखिरी बार 2017 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलते हुए देखा गया था। उन्होंने अपने करियर में मात्र 6 टेस्ट मैच ही खेले हैं और 62.33 की औसत के साथ 374 रन बनाए हैं। टेस्ट में उनका हाई स्कोर 303 रन है।
Team India के पूर्व कप्तान और हेड कोच पर लगाए थे आरोप
2018 में इंग्लैंड के खिलाफ खेली गई टेस्ट सीरीज में करुण नायर को टीम इंडिया (Team India) में शामिल किया गया। लेकिन उस सीरीज में इन्हे एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिल था। जिसके बाद नायर ने टीम इंडिया (Team India) के पूर्व कप्तान विराट कोहली और रवि शस्त्री पर बहुत बड़ा आरोप लगाया था। करुण नायर ने कहा था कि मैं इंग्लैंड में पांच टेस्ट मैचों की टीम में शामिल था, लेकिन प्लेइंग इलेवन में मुझे एक भी मैच में शामिल नहीं किया गया।
इस दौरान ना तो मुझे कोच ना कप्तान और ना ही चयनकर्ताओं ने बताया, कि मैं टीम से क्यों बाहर हूं। मुझसे किसी ने भी कोई बात नहीं की। भारतीय ओपनर मुरली विजय ने भी चयनकर्ताओं पर सवाल उठाए थे। मुरली विजय ने कहा था कि चयनकर्ताओं में संवाद की कमी हैं। वह खिलाड़ी को टीम से बाहर करने पर किसी भी खिलाड़ी को उसकी कमी नहीं बताते हैं। इससे हमें भी पता नहीं चल पाता हैं कि चयन का क्या मापदंड है।