भारतीय घरेलु क्रिकेट से एक बड़ी खबर सामने आई है कि, एक समय में भारतीय टेस्ट टीम के एक अहम् सदस्य रह चुके मुरली विजय (Murli Vijay) को कोरोना का टीका नहीं लेने के कारण उन्हें सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी (Syed Mustaq Ali Trophy) में तमिलनाडु की टीम से बाहर रखा गया है. कोविड -19 के कारण खेल के क्षेत्र पर भी गहरा प्रभाव पड़ा है. कुछ महीनो के बाद खेल शुरू तो हो गया लेकिन इस दौरान खिलाडियों को बायो-बबल के एक काफी सख्त और सुरक्षित घेरे में रहना पड़ रहा है.
जिससे कई सारे खिलाड़ियों की मानसिक स्वास्थ्य भी प्रभावित हुई है. हालांकि, समय के साथ क्वारंटाइन के दिनों की संख्या में कमी आई है, खासकर टीकों के आने के बाद। अधिकांश वरिष्ठ भारतीय क्रिकेटरों को पहले से ही पूरी तरह से टीका लगाया जा चुका है, घरेलू क्रिकेट के लिए ऐसा नहीं कहा जा सकता है।
मुरली विजय वैक्सीन लेने से हिचकिचा रहे हैं : सूत्र
तमिलनाडु क्रिकेट (Tamilnadu) के एक सूत्र ने मुरली विजय (Murli Vijay) के बारे में बात करते हुए टाइम्स ऑफ इंडिया (TOI) को बताया,
यह उनका निजी फैसला है। वह वैक्सीन लेने से हिचकिचा रहे हैं. BCCI का कहना है कि एक खिलाड़ी को टूर्नामेंट शुरू होने से पहले एक हफ्ते तक बुलबुले के अंदर रहने की जरूरत है और फिर जब तक वह टीम के साथ है। लेकिन विजय इसके लिए बिलकुल तैयार नहीं हैं। इसलिए तमिलनाडु के चयनकर्ताओं ने उन्हें सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के लिए टीम से बाहर रखा है.
Murli Vijay के लिए वापस टीम मे जगह बनाना आसान नहीं होगा
सूत्र ने ने अपने बयान में आगे बताया की, विजय (Murli Vijay) के लिए तमिलनाडू की टीम में वापस जगह बना इतना आसन नहीं रहेगा. उन्होंने कहा,
चयनकर्ताओं ने चयन बैठक में उनके बारे में चर्चा तक नहीं की और उन्होंने घरेलू सत्र से पहले चुने गए संभावितों की तमिलनाडु सूची में भी जगह नहीं बनाई। इसलिए भले ही वह वैक्सीन लेने के लिए तैयार हो और वापसी करना चाहता हो, यह उसके लिए एक लंबी प्रक्रिया होगी क्योंकि उसे तुरंत नहीं चुना जाएगा। उन्हें अपनी फिटनेस साबित करनी होगी और तमिलनाडु के लिए फिर से चुने जाने के लिए कुछ मैचों की जरूरत होगी.