6,6,6,6,6,6,6..... रणजी ट्रॉफी में मुंबई की टीम ने किया कारनामा! 1589 गेंदों तक चली पारी, बना डाला रिकॉर्डतोड़ स्कोर स्कोर

Published - 10 Oct 2025, 12:04 PM | Updated - 10 Oct 2025, 12:11 PM

Ranji Trophy

रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) के इतिहास में मुंबई का नाम हमेशा सुनहरे अक्षरों में दर्ज है। यह टीम न केवल सबसे ज़्यादा खिताब जीत चुकी है, बल्कि कई ऐसे रिकॉर्ड बना चुकी है जो आज भी अटूट हैं। मुंबई की बल्लेबाजी लाइन-अप हमेशा से मजबूत रही है — और अब एक बार फिर इस टीम ने घरेलू क्रिकेट में इतिहास रच दिया।

रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) के एक मुकाबले में मुंबई ने 1589 गेंदों यानी लगभग 265 ओवरों तक बल्लेबाजी करते हुए ऐसा स्कोर खड़ा किया जिसने सबको हैरान कर दिया।

Ranji Trophy में मुंबई ने रचा रनों का इतिहास

यह बात साल 1943-44 की है, जब रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) का यह मुकाबला इतिहास में एक यादगार अध्याय के रूप में दर्ज हुआ। मुंबई की टीम ने वेस्ट जोन के खिलाफ यह असाधारण प्रदर्शन किया था।

बल्लेबाजी की शुरुआत से लेकर आखिरी विकेट तक, मुंबई के बल्लेबाजों ने मैदान पर ऐसा नियंत्रण दिखाया, मानो गेंदबाजों के लिए कोई मौका ही न छोड़ा गया हो। टीम ने इस पारी में कुल 735 रनों का विशाल स्कोर खड़ा कर दिया।

रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) के इस मैच के दौरान मुंबई की बल्लेबाजी की रफ्तार भले धीमी रही, लेकिन टीम की स्थिरता और धैर्य देखने लायक था। 264.5 ओवर तक बल्लेबाजी करना उस समय के क्रिकेट में किसी चमत्कार से कम नहीं था, जब सीमित ओवरों की अवधारणा दूर-दूर तक नहीं थी। मुंबई की ओर से कप्तान विजय मर्चेंट ने इस ऐतिहासिक पारी की नींव रखी और अपने बल्ले से ऐसी कृति रची जिसे आज भी याद किया जाता है।

कप्तान विजय मर्चेंट की ऐतिहासिक पारी

इस मैच में मुंबई की पारी के सबसे बड़े नायक रहे कप्तान विजय मर्चेंट, जिन्होंने अकेले दम पर 359 रनों की विशाल पारी खेली। उनकी यह पारी न सिर्फ लंबी थी, बल्कि तकनीकी दृष्टि से भी शानदार थी। उन्होंने 640 गेंदों का सामना करते हुए 31 चौके लगाए और मैदान के हर कोने में स्ट्रोक्स बिखेरे।

उनकी इस पारी ने टीम को न केवल एक मजबूत आधार दिया, बल्कि विपक्षी गेंदबाजों की हिम्मत भी तोड़ दी। विजय मर्चेंट की यह इनिंग रणजी ट्रॉफी के इतिहास की सबसे बेहतरीन पारियों में गिनी जाती है। उनके अलावा रूसी मोदी ने 168 और रुस्तम कूपर ने 89 रनों का योगदान देकर टीम का स्कोर और भी मजबूत बना दिया।

Ranji Trophy में गेंदबाजों की हुई जमकर धुनाई

वेस्ट जोन की ओर से गेंदबाजी संभालने वाले खिलाड़ी इस मैच में बेबस नजर आए। मुंबई के बल्लेबाजों ने लगातार चौकों-छक्कों की बरसात की। हालांकि वेस्ट जोन की ओर से सादु शिंदे ने कड़ा संघर्ष दिखाया और 75.5 ओवर की थकाऊ गेंदबाजी के बाद 186 रन देकर 5 विकेट अपने नाम किए। लेकिन बाकी गेंदबाजों पर मुंबई के बल्लेबाजों ने पूरी तरह हावी रहकर रनों की बौछार कर दी।

वेस्ट जोन की टीम जब बल्लेबाजी करने उतरी तो मुंबई के बड़े स्कोर का दबाव साफ नजर आया। पहली पारी में वेस्ट जोन की टीम 298 रनों पर ढेर हो गई और मुंबई की लीड इतनी बड़ी हो गई कि मैच का परिणाम निकालना असंभव हो गया।

Ranji Trophy का ये मैच बना यादगार

हालांकि इस मैच में कोई परिणाम नहीं निकला क्योंकि चार दिन का खेल समाप्त होने से पहले दोनों टीमों की सिर्फ पहली पारियाँ पूरी हो सकीं। लेकिन जो बात इस मुकाबले को ऐतिहासिक बनाती है, वह है मुंबई की 1589 गेंदों तक चली पारी और उसका 735 रनों का विराट स्कोर।

यह मुकाबला वर्ष 1944 में ब्रेबोर्न स्टेडियम, मुंबई में खेला गया था, और आज भी यह मैच क्रिकेट प्रेमियों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। मुंबई की टीम ने इस मुकाबले में जिस अनुशासन, संयम और निरंतरता के साथ बल्लेबाजी की, वह उनकी रणजी ट्रॉफी में बादशाहत का प्रमाण है।

मुंबई का यह प्रदर्शन यह दर्शाता है कि इस टीम की बल्लेबाजी परंपरा कितनी गहरी और मजबूत है। वर्षों से यह टीम न केवल रिकॉर्ड बनाती रही है बल्कि भारतीय क्रिकेट की नींव को भी मजबूती प्रदान करती रही है। रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) में मुंबई का यह ऐतिहासिक अध्याय आज भी क्रिकेट के स्वर्ण युग की याद दिलाता है, जब खिलाड़ी सिर्फ जीत के लिए नहीं, बल्कि खेल की आत्मा के लिए खेलते थे।

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मुंबई की टीम ने 1943-44 की रणजी ट्रॉफी में वेस्ट जोन के खिलाफ पहली पारी में 735 रनों का विशाल स्कोर बनाया था, जो उस समय घरेलू क्रिकेट में एक रिकॉर्ड था।

मुंबई की ओर से कप्तान विजय मर्चेंट ने शानदार 359 रनों की पारी खेली थी, जो उस मैच की सबसे बड़ी और यादगार पारी रही।