Parthiv Patel: रणजी ट्रॉफी 2024 (Ranji Trophy 2024) समाप्त हो चुका है. फाइनल मुकाबला वानखेड़े स्टेडियम में मुंबई और विदर्भ के बीच खेला गया जिसे 169 रन से जीतकर मुंबई ने रिकॉर्ड 42 वीं बार इस खिताब पर अपना कब्जा जमाया है. 8 साल बाद ये खिताब जीतने की वजह से मुंबई और कप्तान अजिंक्य रहाणे की जमकर तारीफ हो रही है. लेकिन मुंबई की जीत के बाद एक्स पर पोस्ट वॉर शुरु हो गया है जो देश के एक बड़े पत्रकार और पूर्व क्रिकेटर पार्थिव पटेल (Parthiv Patel) के बीच में है. इस पोस्ट वॉर में फैंस पार्थिव का साथ दे रहे हैं. आईए जानते हैं पूरा मामला क्या है?
मशहूर पत्रकार की पोस्ट पर मचा बवाल
राजदीप सरदेसाई (Rajdeep Sardesai) देश के बड़े और मशहूर पत्रकारों में से एक हैं. वे युवा दिनों में मुंबई की तरफ से घरेलू क्रिकेट खेलते थे इस वजह से उनकी इस खेल को लेकर अन्य पत्रकारों से ज्यादा दिलचस्पी है और वे कई किताबें भी क्रिकेट को लेकर लिख चुके हैं. लेकिन रणजी ट्रॉफी फाइनल में मुंबई की जीत के बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर जो पोस्ट किया है उसके बाद उन्हें क्षेत्रियता संबंधी विवाद का सामना करना पड़ा रहा है और उन्हें ट्रोल किया जा रहा है.
सरदेसाई ने लिखा है, "मुंबई ने रोहित शर्मा, सरफराज खान और यशस्वी जायसवाल के बिना रिकॉर्ड 42 वीं बार रणजी ट्रॉफी का खिताब जीत लिया है. अजिंक्य रहाणे और टीम को बधाई. याद रखें, जब मुंबई क्रिकेट मजबूत होती है तो भारतीय क्रिकेट भी मजबूत होती है. मेरे पिता ने इस टीम से 13 सीजन खेला और कभी नहीं हारे, ये एक रिकॉर्ड हो सकता है. जय हो मुंबई." इस पोस्ट का पूर्व भारतीय क्रिकेटर पार्थिव पटेल (Parthiv Patel) ने जवाब दिया है.
Breaking: and Mumbai have won the Ranji Trophy for a remarkable 42nd time without Rohit, Sarfaraz or Jaiswal. Well done to @ajinkyarahane88 and the team. Remember when Mumbai cricket is strong, Indian cricket is in good hands. Just as an aside: my late father played 13 seasons…
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) March 14, 2024
Parthiv Patel का करारा जवाब
पूर्व भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज पार्थिव पटेल (Parthiv Patel) ने सरदेसाई के एक्स पोस्ट को शेयर करते हुए उन्हें करारा जवाब दिया है. पटेल ने लिखा,
"किसी एक राज्य की सफलता के आधार पर भारतीय टीम का निर्माण नहीं हो सकता. मुंबई के लिए अच्छा सीजन रहा, टीम को बहुत बधाई. लेकिन भारतीय टीम तभी मजबूत होगी जब रणजी ट्रॉफी में प्रतियोगिता कड़ी होगी. पिछले 8 साल में गुजरात, विदर्भ, सौराष्ट्र और मध्यप्रदेश ने इस टूर्नामेंट को जीता है जिससे भारतीय क्रिकेट टीम मजबूत हुई है.
पटेल के इस पोस्ट का सरदेसाई ने जवाब दिया है और "गुड प्वाइंट" लिखा है."
The Indian team can’t be built on just one state’s success. Great season for Mumbai, of course. A big congrats to the squad. But Indian cricket is strongest when we have a strong, competitive Ranji.and in the 8 years since the last time mumbai won,the successes of… https://t.co/1yDoj6kwpK
— parthiv patel (@parthiv9) March 14, 2024
Parthiv Patel की बात में कितना दम
पार्थिव पटेल (Parthiv Patel) ने सोशल मीडिया पर जो बात उठाई है उसमें दम है. किसी भी देश की टीम किसी एक राज्य की टीम के मजबूत होने से मजबूत नहीं होगी बल्कि देश के सभी राज्यों की टीमों को मजबूत होना होगा तभी प्रतियोगिता बढ़ेगी और उसमें से अच्छे खिलाड़ी आएंगे. अगर सिर्फ एक ही राज्य की क्रिकेट पर ध्यान दिया जाएगा और उसकी सफलता को देश से जोड़ा जाएगा तो ये भारतीय क्रिकेट के लिए घातक तो होगा ही इसमें क्रिकेट में क्षेत्रवाद का मुद्दा भी घर कर जाएगा.
वैसे भी मुंबई क्रिकेट बोर्ड को भारतीय क्रिकेट में अपने प्रभाव और दखल के लिए जाना जाता है. 1934 से लेकर 2024 के बीच मुंबई अकेले 42 बार ये खिताब जीती है. इससे टीम के खिलाड़ियों की प्रतिभा पर सवाल नहीं है लेकिन ये सवाल बीसीसीआई से पूछा जाना चाहिए कि जब क्रिकेट फैंस बिहार, यूपी, एमपी, राजस्थान, ओड़िशा, झारखंड और दर्जनों राज्यों के गांव गांव तक फैले हैं तो इन राज्यों के पास क्रिकेट की बुनियादी सुविधा क्यों नहीं है. इनकी टीमें रणजी ट्रॉफी में अपना प्रभाव क्यों नहीं रखती हैं. इन राज्यों से चुन कर आने वाले खिलाड़ियों की संख्या नगण्य क्यों है. पटेल की सोशल मीडिया पोस्ट में ये सारे सवाल छुपे हुए हैं जिसका जवाब विश्व के सबसे धनी क्रिकेट बोर्ड बीसीसीआई को देना चाहिए.
बीसीसीआई के पास क्या है प्लान?
बीसीसीआई (BCCI) क्रिकेट में सुधार के लिए कई कदम उठा रही है. आईपीएल की वजह से क्रिकेट में बेशुमार पैसा आने के बाद अब टेस्ट क्रिकेट में भी बोर्ड ने क्रिकेटर्स पर जमकर पैसा लुटाने की नीति की घोषणा कर दी है. लेकिन बोर्ड उन राज्यों के लिए जहां क्रिकेट के प्रति जुनून तो है लेकिन बुनियादी सुविधाओं के अभाव के कारण कोई युवा क्रिकेटर बनने का सपना नहीं देख सकता उन राज्यों में क्रिकेट को स्थापित करने के लिए क्या कर रही है इसका खुलासा भी करना चाहिए.
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