IPL 2020: इस भारतीय दिग्गज को अपनी सफलता का श्रेय देते हैं युवा स्टार स्पिनर राहुल चाहर

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इंडियन प्रीमियर लीग के 13वें सीजन में जितने बल्लेबाज खिलाड़ी चमक रहे है, तो वही गेंदबाज भी पीछे नहीं हैं. इस सीजन में कई ऐसे गेंदबाज है जिन्होंने अपनी गेंदबाजी से बड़े-बड़े बल्लेबाजों को उनके इरादों में फ़ैल किया है. जिसमें से मुंबई इंडियंस के लेग स्पिन गेंदबाज राहुल चाहर का नाम भी शामिल है. उन्होंने मुंबई इंडियंस के गेंदबाज कोच जहीर खान की तारीफ में ये बात कही.
राहुल चाहर ने कही ये बात?
मुंबई इंडियंस के लेग स्पिन गेंदबाज राहुल चाहर ने गुरूवार को कहा कि
"संयुक्त अरब अमीरात में धीरे-धीरे पिंचे धीमी हो रही हैं और भारत से ज्यादा बड़े मैदान होने से वह इंडियंस प्रीमियर लीग में लगातार बल्लेबाजों पर दबाव बना सके."
चाहर ने नौ मैचों में 7.40 के इकोनॉमी रेट से 11 विकेट झटके हैं. जब उनसे यहां की और मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम के बीच तुलना करने के बारे में पूछा गया तो चाहर ने कहा कि
"शुरूआती मैचों में हमें लगा कि यहां का विकेट वानखेड़े स्टेडियम के विकेट की तरह ही है जो बल्लेबाजों के लिए आसान है. अब विकेट धीरे-धीरे धीमा हो रहा है इसलिए मुझे अपनी लेंथ में कुछ तालमेल बिठाना पड़ा."
बड़े मैदान होने की वजह से लेग स्पिन कामयाब
राहुल चाहर ने चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ शुक्रवार को होने वाले मैच से पहले कहा कि
"वानखेड़े में एक स्पिन गेंदबाज को शोर्ट गेंदें फेंकनी पड़ती है. लेकिन हम यहां फुल लेंथ वाली गेंदबाजी कर रहे हैं. क्योंकि मैदान काफी बड़े हैं और पिचें थोड़ी धीमी हैं, तो हम फुल लेंथ गेंद फेंक सकते हैं."
चाहर को यह भी लगता है कि कलाई के स्पिनर ज्यादा सफल हैं जिसका उदाहरण रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के युजवेंद्र चहल हैं जिन्होंने अभी तक कुल 15 विकेट लिए हैं. उन्होंने कहा कि
"शायद मैदान बड़े हैं और कलाई के स्पिनरों को इस चीज़ का फ़ायदा मिलता है, जिससे वो खुलकर गेंदबाजी कर सकते हैं. वे फ्लाइट दे सकते हैं और जब एक लेग स्पिनर अन्य स्पिनरों की तुलना में फ्लाइट देता है तो उसे हिट करना आसान नहीं है इसलिए वे ज्यादा सफल हैं."
राहुल चाहर की सफलता के पीछे जहीर खान!
चाहर ने बताया कि
"मैं जहीर भैया के पास जाता हूँ क्योंकि पिछले साल से वो जो भी मुझे कहते हैं, मैं समझ सकता हूँ. वह मेरी गेंदबाजी को भी समझते हैं और कभी कभार जब मैं गेंदबाजी कर रहा होता हूँ तो वह एक घंटे तक बैठते हैं. पिछले साल उन्होंने मेरा अलग सत्र लिया था और मुझे समस्याओं और उनका हल बताया था और मैं हमेशा उनके पास जाता हूँ."