भारत और दक्षिण अफ्रीका (IND vs SA) के बीच 3 मैचों की वनडे सीरीज का पहला मुकाबला 6 अक्टूबर से लखनऊ में खेला जाएगा. जिसके लिए 16 सदस्यीय टीम का ऐलान कर दिया गया है. वनडे सीरीज की कमान शिखर धवन को सौंपी गई है. जबकि उपकप्तान के रूम में श्रेयस अय्यर को चुना गया है. इस वनडे सीरीज में कई युवा खिलाड़ियों को मौका दिया है.
इन 16 सदस्यीय टीम में एक ऐसे गेंदबाज को मौका दिया दिया गया जिसने अपने फर्स्ट क्लास क्रिकेट काफी प्रभावित किया है. यहां हम बात कर रहे हैं मुकेश कुमार (Mukesh Kumar) की. जो हाल ही में खेली जा रहे ईरान कप में अपनी गेंदबाजी से तहलका मचा रहे हैं. जिन्हे धवन की कप्तानी में अफ्रीका के खिलाफ टीम इंडिया की जर्सी में डेब्यू करते हुए देखा जा सकता है. चलिए जानते हैं बिहार के लाल मुकेश कुमार ने टीम इंडिया तक पहुंचने कैसे का सफर तय किया?
शिखर धवन की कप्तानी में मिल सकता है डेब्यू का मौका
ऑस्ट्रेलिया में इसी महीने से टी20 विश्व कप शुरू होने जा रहा है. टीम इंडिया साउथ अफ्रीका के खिलाफ आखिरी मैच खेलने के बाद 5 अक्टूबर को संभवतः टी20 विश्व कप में हिस्सा लेने के ऑस्ट्रेलिया रवाना हो जाएगी. ऐसे में वनडे सीरीज की कमान शिखर धवन को सौंपी गई है. जिसके लिए 16 सदस्यीय खिलाड़ियों के नाम सामने आ चुके हैं. जिसमें एक नाम फर्स्ट क्लास क्रिकेट में धमाल मचाने वाले तेज गेंदबाज मुकेश कुमार (Mukesh Kumar) का भी शामिल है.
जिन्हें इस सीरीज में शिखर धवन की कप्तानी में ब्लू जर्सी में खेलता हुआ देखा जा सकता है. बता दें कि सौराष्ट्र और रेस्ट ऑफ इंडिया (SAU vs ROI) के बीच ईरानी कप का मुकाबला राजकोट में खेला जा रहा है. मुकाबले के पहले दिन रेस्ट ऑफ इंडिया के गेंदबाज मुकेश कुमार (Mukesh Kumar) का प्रदर्शन कमाल का रहा. उन्होंने 7 ओवरों में महज 18 रन देकर 4 विकेट हासिल की। इस इस दौरान उनका इकानॉमी रेट 2.57 का रहा. इसी के साथ उन्होंने दो मेडन ओवर भी फेंके. उनके इस अच्छे प्रदर्शन के चलते उका चुवान वनडे सीरीज के लिए किया गया.
Mukesh Kumar के पिता थे ऑट्रो ड्राइवर
टीम इंडिया के लिए खेलना हर खिलाड़ी का सपना होता है कि वो एक दिन नेशनल टीम के लिए खेले. ऐसे बिहार के 28 वर्षिय मुकेश कुमार (Mukesh Kumar) का सपना जल्द ही पूरा होने जा रहा है. जैसा कि हम पहले ही बता चुके हैं उनका सिलेक्शन साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेले जानी वाली 3 वनडे मैचो की सीरीज के लिए हुआ. उनकी इस कामयाबी के पीछे कड़ा संघर्ष छिपा है. बहुत कम लोग जानते होंगे कि फर्स्ट क्लास क्रिकेट में अपनी गेंदबाजी से लोहा मनवाले वाले खिलाड़ी मुकेश के पिता एक ऑट्रो रिक्शा चालक थे. मुकेश के पिता काशीनाथ सिंह की मौत पिछले साल हो गई थी.
मुकेश पिता की मौत के बाद काफी टूट गए थे, लेकिन उन्होंने इस मुश्किल घड़ी में अपने क्रिकेट को प्रभावित नहीं होने दिया और अपने क्रिकेट को जारी रखा. यहीं एक अच्छे क्रिकेटर की निशानी होती है. बता दे कि इसी साल अगस्त में उनका चयन इंडिया ए टीम के लिए हुआ था, अभी वह ईरानी कप में रेस्ट ऑफ इंडिया के लिए खेल रहे है. अभी तक 30 फर्स्ट क्लास मैच में मुकेश के नाम 109 जबकि 18 लिस्ट ए मैच 17 विकेट हैं. वह टी20 में 17 मैच में 19 विकेट ले चुके हैं. ऐसे फैंस उम्मीद लगा सकते हैं कि यह खिलाड़ी भविष्य में टीम इंडिया का स्टार खिलाड़ी बनकर उबर सकता है.
क्रिकेटर बनने से पहले 3 बार भारतीय सेना के फिजिकल में हो चुके हैं फैल
बिहार के गोपालगंज जिले के ककरकुंड के रहने वाले मुकेश कुमार (Mukesh Kumar) कहानी किसी बॉलीवुड फिल्म से कम नहीं है. मुकेश ने एक सफल क्रिकेटर बनने से पहले देश की सेवा करने के लिए सेना में भर्ती होने की इच्छा जताई और सेना में भर्ती होने की कोशिश भी की. लेकिन किस्मत को तो कुछ और ही मंजूर था. मुकेश सेना के फीजिकल टेस्ट में तीन बार फेल हुए. जिसके बाद उनेके पिता काशीनाथ सिंह दुर्घटना का शिकार होने के बाद 2012 कोलकाता चले गए वहां नौकरी करने लगे, लेकिन मुकेश ने वहां भी क्रिकेट खेलना जारी रखा. यही कारण हा कि क्रिकेट प्रति उनका ये जुनून टीम इंडिया के दरवाजे तक खींच ले आया और वो टीम में खेलने के लिए सिर्फ एक दम दूर हैं.