Mukesh Kumar: टीम इंडिया (Team India) को अगले महीने जुलाई में वेस्टइंडीज का दोरा करना है. जहां भारत और वेस्टइंडीज (WI vs IND) के बीच इस दौरान 2 टेस्ट, 3 वनडे, और 5 टी20 मैचों की सीरीज खेली जाएगी. जिसके लिए शुक्रवार को BCCI ने 15 सदस्यीय टीम का ऐलान कर दिया है. जिसमें बिहार के रहने वाले ऑटो ड्राइव के बेटे मुकेश कुमार (Mukesh Kumar) को चुना गया है. इस खबर के बाद तेंज गेंदबाज मुकेश कुमार काफी खुश है. वहीं इस दौरान उन्होंने अपने पिता को याद करते हुए भावुक कर देने वाला बयान दिया.
Mukesh Kumar ने दिया भावुक बयान
टीम इंडिया के लिए खेलना हर किसी खिलाड़ी का सपना होता है और खासकर टेस्ट क्रिकेट में चंद किस्मत वाले खिलाड़ी अपनी जगह बना पाते हैं. ऐसे में बिहार के 29 साल के तेज गेंदबाज मुकेश कुमार (Mukesh Kumar) को वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे और टेस्ट स्क्वाड में चुना गया है. इस कॉलअप के बाद मुकेश की खुशी का कोई ठीकाना नहीं रहा. उन्होंने इस खास मौके पर TOI से बात करते हुए अपने मा-पिता और उनके करियर में सपोर्ट करने वालों को याद करते हुए कहा,
"मेरा सपना अब मेरे सामने है .मैं हमेशा से भारत के लिए टेस्ट खेलना चाहता था और आखिरकार मैं यहां तक पहुंच गया. मुझे यकीन है कि मेरी उन्नति को देखकर पिताजी अब खुश होंगे. मम्मी और पापा मेरे सभी दोस्त सभी का समर्थन रहा. मुझ पर विश्वास करने के लिए हमेशा मेरे साथ रहें. सौरव गांगुली सर, जॉयदीप (मुखर्जी) सर और मेरे गुरु रणदेब बोस सर, जिन्होंने हमेशा लाल गेंद वाले क्रिकेट में मेरा मार्गदर्शन किया है. उनकी मदद के बिना मैं नहीं कर सकता था.''
Mukesh Kumar के पिता थे ऑटो ड्राइवर
टीम इंडिया के लिए खेलते हुए देखना हर खिलाड़ी के पिता का सपना होता है. माता पिता चाहते हैं कि उनका बेटा एक दिन नेशनल टीम के लिए खेले. ऐसे बिहार के 29 वर्षिय मुकेश कुमार (Mukesh Kumar) का सपना जल्द ही पूरा होने जा रहा है. हालांकि उनका सिलेक्शन साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेले जानी वाली 3 वनडे मैचो की सीरीज के लिए हुआ. लेकिन उन्हेंन प्लेइंग-11 में मौका नहीं मिला था. लेकिन मुकेश वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट मैच में डेब्यू कर सकते हैं.
उनकी इस कामयाबी के पीछे कड़ा संघर्ष छिपा है. बहुत कम लोग जानते होंगे कि फर्स्ट क्लास क्रिकेट में अपनी गेंदबाजी से लोहा मनवाले वाले खिलाड़ी मुकेश के पिता एक ऑट्रो रिक्शा चालक थे. मुकेश के पिता काशीनाथ सिंह की मौत साल 2012 हो गई थी. लेकिन मुकेश अपने पिता की मौत के बाद काफी टूट गए थे. उन्होंने हार नहीं मानी. आज वहा पहुंच गए है. जहां वह पहुंचना चाहते हैं. इसी लिए मुकेश कुमार ने कहां कि उनके पिता जहां भी होंगे. वह उनकी उन्नति देखकर काफी खुश होंगे.
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