भारतीय क्रिकेट टीम चुनने में हो रही है बड़ी गड़बड़ी, आईसीसी उठा सकती है अब कठोर कदम

Published - 17 Nov 2017, 09:27 AM

खिलाड़ी

भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य चयनकर्ता और उनकी टीम का कार्यकाल ख़त्म होने के बावजूद अभी तक नये चयनकर्ताओं का चयं नही किया गया है. साथ ही इन चयनकर्ताओं का कार्यकाल अनिश्चितकाल तक के लिए आगे बढ़ा दिया गया है. इसका कारण बीसीसीआई की सालाना बैठक न हो पाना है.

1 सितम्बर तक होता है कार्यकाल-

बीसीसीआई के नियम के मुताबिक चयनकर्ताओं का कार्यकाल एक वर्ष का होता है. चयनकर्ता प्रमुख और टीम का कार्यकाल 1 सितम्बर को शुरू होता है और 31 अगस्त को ख़त्म होता है. हालंकि, इस बार ऐसा नही हुआ, क्योंकि इस वर्ष बीसीसीआई की एजीएम नहीं हुई. एजीएम से तात्पर्य एनुअल जनरल मीटिंग से है. बीसीसीआई के नियम के मुताबिक इस बैठक में ही अगले चयनकर्ताओं का चयन किया जाता है.

सुप्रीम कोर्ट द्वारा चुनी गयी टीम तो वजह नही?-

न्यूज चैनल ndtv की रिपोर्ट में बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से कहा गया कि, अभी तक इस वार्षिक बैठक की डेट तय नही हो पाई है. ऐसे में उनका कार्यकाल कब तक चलेगा, इस बात पर संसय बरकरार है. उन्होंने बताया कि चयनकर्ताओं का कार्यकाल एक वर्ष यदि बढ़ता भी है, तो वह भी मीटिंग में ही तय होता है किन्तु अभी तक मीटिंग ही नही हो पाई है. रिपोर्ट के मुताबिक मीटिंग न हो पाने का एक कारण सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिती भी है. इस वर्ष उसे भी इस बैठक में शामिल होना है साथ ही नये नियमों के साथ इस वर्ष चयन होना है.

एमएसके प्रसाद के कार्यकाल में जुड़े कई विवाद-

एमएसके प्रसाद के कार्यकाल की बात करें तो उनका कार्यकाल विवादों से भरा बीता है. एमएसके के ऊपर तब ऊँगली उठी थी जब उन्होंने बयान दिया था कि धोनी अब वह खिलाड़ी नही है कि उनका स्थान पहले से ही तय हो.

इसके आलावा उनपर तब भी उँगलियाँ उठीं जब भारतीय टीम की सफल स्पिन जोड़ी अश्विन और जड़ेजा को टीम से बाहर कर दिया गया. इसके आलावा उन्होंने आशीष नेहरा के आखिरी मैच को लेकर भी ऐसा बयान दे दिया था, जिसके बाद खुद नेहरा ने उन्हें जवाब दिया था.

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