भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) की उपलब्धियों से हर कोई वाकिफ है, रांची से आए इस खिलाड़ी ने अपने करियर के दौरान बल्ले और अपनी कप्तानी के पैंतरे से विश्व क्रिकेट पर राज किया। साथ ही साल 2011 में भारतीय फैंस को विश्वकप का नायाब तोहफा भी दिया। मौजूदा समय में टीम इंडिया इस साल ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी20 विश्वकप को लेकर कवायदों में जुटी हुई है। इसी बीच पूर्व भारतीय स्पिन गेंदबाज प्रज्ञान ओझा ने एमएस धोनी (MS Dhoni) के विश्वकप जीतने के फार्मूला को सबके सामने पेश किया है।
MS Dhoni की वर्ल्डकप का प्रज्ञान ओझा ने किया खुलासा
इस समय वेस्टइंडीज और भारत के बीच खेली जा रही टी20 सीरीज के दौरान फैनकोड के माध्यम से पूर्व गेंदबाज प्रज्ञान ओझा ने एमएस धोनी का जिक्र करते हुए विश्वकप जीतने के लिए उनकी रणनीति से पर्दा हटाया। उन्होंने बताया कि विश्वकप जैसे बड़े टूर्नामेंट से पहले एमएस धोनी (MS Dhoni) खिलाड़ियों को अनुभव प्राप्त करने का हर संभव मौका देते थे। ओझा ने कहा,
"मुझे दृढ़ता से लगता है कि 2011 विश्व कप हमारे लिए सफल होने का कारण यह था कि एमएस धोनी उन सभी लोगों के बारे में बहुत गंभीर थे जो टीम में शामिल होने जा रहे थे, 25 या 30 खिलाड़ियों को विश्व से पहले कम से कम 40 गेम खेलने की जरूरत थी। आपने बहुत रन बनाए होंगे।
लेकिन यदि आपके पास विभिन्न परिस्थितियों से निपटने का अनुभव नहीं है, तो आप इसे लीग मैचों के दौरान महसूस नहीं कर सकते हैं, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण खेल, नॉकआउट, सेमीफाइनल और फाइनल…। तभी वह अनुभव वास्तव में आपकी मदद करता है।"
टीम इंडिया में हो रहे लगातार बदलावों पर बोले प्रज्ञान ओझा
साल 2011 बाद से लगभग 11 साल बाद भी टीम इंडिया आईसीसी वर्ल्डकप की ट्रॉफी अपने हाथ में लेने के लिए तरस रही है। साल 2019 और टी20 विश्वकप 2021 के दौरान टीम मैनेजमेंट की ओर से कई खराब फैसले किए गए, जिसका नतीजा नकारात्मक ही रहा। अब एक बार फिर भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी20 विश्वकप 2022 को लेकर जमकर तैयारियां कर रही है, जिसके लिए द्विपक्षीय सीरीज में खिलाड़ियों का ऑडिशन जारी है। WI vs IND सीरीज में टीम इंडिया की ओर से कई बदलाव किए गए हैं। जिसको लेकर प्रज्ञान ओझा ने कहा,
"जब आपके पास ज्यादा खिलाड़ियों का दल मौजूद होता है तो उसके कई नकारात्मक पहलू भी है। जब भी खिलाड़ियों को मौका मिलेगा वो सीमित ही होगा, अगर आपका दल बड़ा नहीं है तो आपको 10/12 मैच मिल सकते हैं। लेकिन फिलहाल भारतीय क्रिकेट में ये संभव नहीं है। क्योंकि यहां कॉम्प्टीशन बहुत बड़ा हो गया है।"