MS Dhoni: भारतीय क्रिकेट के इतिहास में महेंद्र सिंह धोनी एक ऐसा नाम है जिसे सुनहरे अक्षरों में लिखा गया है. एमएस धोनी की अगुवाई में टीम इंडिया ने सारे मेगा टूर्नामेंट जीते हैं. चाहे वो आईसीसी का T20 वर्ल्डकप हो या वनडे वर्ल्डकप, चाहे एशिया कप हो या चैंपियंस ट्रॉफी. धोनी ने सब पर अपनी छाप छोड़ी है.
इसके अलावा एमएस धोनी ने बतौर खिलाड़ी भी टीम को कई मुकाबले अपने दम पर जिताए हैं. खासकर खेल को समझने का उनका तरीका सबसे बेहतरीन था. जिस तरह से वो खेल को पड़ते हैं शायद ही उस तरह कोई और पड़ता होगा. ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि टीम इंडिया को आज भी उनकी कमी खलती है. तो आइये जानते हैं टीम इंडिया को आज भी एमएस धोनी (MS Dhoni) की कहां-कहां कमी खलती है.
1) कप्तानी
भारतीय क्रिकेट टीम के इतिहास में आज तक कोई भी महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) से ज़्यादा सफल कप्तान नहीं रहा है. धोनी के नेतृत्व में टीम इंडिया ने खास उपलब्धियां हासिल की थी. सिर्फ दिव्पक्षीय सीरीज़ में ही नहीं बल्कि भारत का मेगा आईसीसी टूर्नामेंट में भी बोलबाला देखने को मिलता था.
लेकिन जब से एमएस ने टीम इंडिया की कप्तानी से इस्तीफा लिया तब से टीम एक भी आईसीसी ट्रॉफी अपने नाम नहीं कर पाई है. भारत ने आखिरी आईसीसी ट्रॉफी साल 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी के रूप में जीती थी. उसके बाद विराट कोहली भी बतौर कप्तान यह करिश्मा नहीं कर पाए.
वहीं इस वक्त टीम के नियमित कप्तान रोहित शर्मा की कप्तानी में जो टीम का मौजूदा प्रदर्शन चल रहा है. उससे ऐसा बिल्कुल प्रतीत नहीं होता कि टीम इंडिया अगले महीने ऑस्ट्रेलिया में आईसीसी T20 वर्ल्डकप अपने नाम कर पाएगी.
इतना ही नहीं बल्कि माही (MS Dhoni) फील्ड पर काफी ज़्यादा शांत भी रहते थे. मुश्किल से मुश्किल परिस्थितियों में भी धोनी के चेहरे पर कोई तनाव या किसी प्रकार का कोई भाव नहीं दिखता था. वह इस बात का बिल्कुल अंदाजा नहीं लगने देते थे कि उनके मन में क्या चल रहा है. इसलिए उन्हें कैप्टेन कूल के नाम से भी बुलाया जाता था. हालांकि ना तो ऐसा विराट कोहली में देखने को मिला है और ना ही रोहित शर्मा में.
2) विकेटकीपिंग
महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) ना ही एक सफल कप्तान थे बल्कि एक गज़ब के विकेटकीपर भी थे. जब वह विकेट के पीछे खड़े होते थे तो खिलाड़ी स्टेप आउट करके हिट लगाने से डरा करते थे. क्योंकि धोनी पलक झपकने से पहले ही स्टंप आउट कर दिया करते थे. उनके हाथ बिजली की रफ़्तार की तरह काम करते थे.
साथ ही वह पीछे खड़े-खड़े अपने गेंदबाज़ों को भी अच्छी तरह से गाइड करते थे. इसके साथ ही माही (MS Dhoni) ने कई कमाल के कैच भी बतौर विकेटकीपर लपके हैं. ग़ौरतलब है कि जब से उन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट से संयास लिया है तब से टीम इंडिया लगातार विकेटकीपर के लिए टीम में बदलाव करती रहती है.
टीम के पास इस वक्त कोई भी ऐसा विकेटकीपर बल्लेबाज़ नहीं है जिस पर आंख बंद करके भरोसा किया जा सके. हालांकि ऋषभ पंत को उनकी रिप्लेसमेंट माना जा रहा था लेकिन वह विकेट के पीछे अक्सर गलतियां कर देते हैं और वह बल्लेबाज़ी में कभी-भी गैरज़िम्मेदाराना शॉट खेलकर अपनी विकेट भी गंवा देते हैं. जिसके चलते टीम आए दन नए-नए विकेटकीपर को मौका देती रहती है.
3) फिनिशिंग
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) एक कमाल के फिनिशर भी थे. उनके जैसा फिनिशर शायद ही क्रिकेट के इतिहास में कोई रहा होगा. जिस तरह वह गेम को डीप लेकर जाते थे और अंतिम ओवरों में ताबड़तोड़ बल्लेबाज़ी करके खेल खत्म करते थे वह अविश्वसनीय था.
वहीं जब उपरी क्रम के बल्लेबाज़ आउट हो जाते थे तो धोनी की वजह से फैंस को उम्मीद रहती थी कि टीम इंडिया अभी भी यह मुकाबला जीत सकती है. फैंस अक्सर कहते थे कि "अभी माही बाकी है या माही है तो मुमकिन है".
लेकिन एमएस धोनी (MS Dhoni) के संयास लेने के बाद टीम इंडिया फिनिशिंग के लिए अब तक कोई मंजा हुआ खिलाड़ी नहीं ढूंढ पाई. भारतीय टीम में हार्दिक पांड्या और दिनेश कार्तिक जैसे आक्रामक बल्लेबाज़ ज़रूर मौजूद हैं. लेकिन इन पर हर मुकाबले में भरोसा नहीं किया जा सकता.