भारतीय क्रिकेट टीम के दिग्गज कप्तान एम.एस धोनी (MS Dhoni) उनकी बेहतरीन कप्तानी के लिए आज भी वर्ल्ड क्रिकेट में मशहूर हैं. उन्होंने अपनी कप्तानी में टीम इंडिया को तीनों फॉर्मेट में चैंपियन बनाया. धोनी ने आईपीएल में कप्तानी करते हुए CSK को एक नहीं बल्कि 4 बार चैंपियन बनया.
उनकी सफलताओं का डंका पूरे विश्व में बजता है. एम.एस धोनी (MS Dhoni) ने अपनी कप्तानी में कई खिलाड़ियों के करियर में चार चांद लगाए हैं और इन खिलाड़ियों की लिस्ट काफी लंबी है.
टीम इंडिया के घातक ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या और रवींद्र जडेजा ने धोनी की कप्तानी में अपना डेब्यू मैच खेला था. उनकी सफलताओं के पीछे धोनी का हाथ माना जाता है. यह बात किसी से छिपी नहीं है. वहीं दूसरी ओर धोनी पर कप्तान रहते हुए कई तरह के आरोप भी लगे कि उन्होंने टीम इंडिया की कमान संभालते ही 3 खिलाड़ियों का करियर तबाह कर दिया था. तो आइए इस आर्टिकल में हम आपको उन 3 खिलाड़ियों के बारे में बताते हैं....
गौतम गंभीर
भारतीय टीम के पूर्व खिलाड़ी गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) टीम इंडिया का बड़ा चेहरा रहे. उन्होंने साल 2011 के वर्ल्ड कप में भारत को ट्रॉफी जिताने में अहम भूमिका निभाई थी. ऐसा माना जाता रहा है कि एम.एस धोनी (MS Dhoni) और गौतम गंभीर का 36 का आंकड़ा रहा है. दोनों खिलाड़ियों में हमेशा मतभेद देखे गए. धोनी की कप्तानी में गंभीर को ज्यादा भाव नहीं दिया गया. जिसकी वजह से उनके करियर में कई उतार-चढ़ाव आए.
ऐसा माना जाता है कि साल 2012 की सीबी सीरीज़ के दौरान सलामी बल्लेबाजों के लिए रोटेशन नीति लेकर धोनी-गंभीर के बीच अनबन हो गई थी. जिसके बाद दोनों खिलाड़ियों के रिश्ते में खटास पड़ गई और उनका करियर जल्द ही खत्म हो गया. साल 2016 में गंभीर ने अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच खेला और क्रिकेट की दुनिया को अलविदा कह दिया.
हरभजन सिंह
भारतीय टीम के दिग्गज स्पिनर हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) ने अपनी गेंदबाजी से विश्वभर में लोहा मनवाया है. हरभजन साल 2007 और 2011 में वर्ल्ड कप टीम का हिस्सा रहे हैं. उन्होंने अपने प्रदर्शन के दम पर टीम इंडिया को कई मैच जिताए हैं. लेकिन वह भी एम.एस धोनी (MS Dhoni) की रणनीतियों का शिकार होने से बच नहीं पाए.
ऐसा माना जाता है कि धोनी मैदान पर भले ही शांत दिखते हो, लेकिन उनका दिमाग उतना ही शातिर है. जिसमें कुछ ना कुछ चलता ही रहता है. हरभजन को साल 2012 के टी20 विश्व कप के लिए चुना गया था और श्रीलंका के खिलाफ ग्रुप एनकाउंटर में उन्होंने 12 विकेट चटकाए थे. लेकिन, इन सब के बावजूद धोनी की कप्तानी में हरभजन सिंह को दरकिनार किया गया.
युवराज सिंह
सिक्सर किंग यानि युवराज सिंह (Yuvraj Singh) ने अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी से फैंस के दिलों पर सालों तक राज किया. उन्होंने टीम इंडिया के लिए खेलते हुए तमाम मैच जिताऊ पारियां खेलीं. कैंसर से जंग जीतने वाले युवराज सिंह और धोनी को एक वक्त पर टीम इंडिया का जय-वीरू कहा जाता था, जब तक ये जोड़ी मैदान पर होती थी, तब तक भारत के लिए मुश्किल से मुश्किल मैच जीतना आसान रहता था.
लेकिन वक्त और परिस्थितियों के साथ दोनों के बीच की दोस्ती खत्म हो गई और माना जाता है कि दोनों एक-दूसरे के दुश्मन बन गए. युवराज के पिता का कहना है कि धोनी के चलते ही उनके बेटे का करियर खराब हो गया. इतना ही नहीं योगराज सिंह कई बार धोनी पर संगीन आरोप लगा चुके हैं.
धोनी की कप्तानी में युवराज सिंह को ज्यादा मौके नहीं दिए गए. बता दें कि, साल 2017 में कटक में उन्होंने अपने वनडे करियर की सबसे बेस्ट पारी खेली, जिसमें उन्होंने 150 रन बनाए. उन्होंने 2017 चैंपियंस ट्रॉफी लीग में भी अच्छा प्रदर्शन किया. हालांकि उसके बाद भी युवराज की टीम में वापसी नहीं हुई और 10 जून 2019 को उन्होंने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर को हमेशा हमेशा के लिए अलविदा कह दिया.