क्रिकेट जगत के मशहूर हस्ती एमएस धोनी का किरदार निभाने वाले बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत ने साल 2020 में सुसाइड कर लिया था, और ऐसी खबरें थमने का अभी भी नाम नहीं ले रही हैं. बीते साल बॉलीवुड से लेकर खेल जगत समेत हर फील्ड में मातम का माहौल रहा. एक तरफ कोरोना महामारी का कहर बरपा, तो दूसरी तरफ बुरी खबरों का सिलसिला जारी रही है.
एमएस धोनी फिल्म के एक और एक्टर ने किया सुसाइड
नया साल आ चुका है कि, और अभी भी बुरी खबरें सुनने को मिल रही हैं, हाल ही में फिर से सपनं की नगरी से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है. दरअसल एक्टर संदीप नाहर ने गोरेगांव में आत्महत्या कर ली है. संदीप एमएस धोनी : द अनटोल्ड स्टोरी फिल्म में सुशांत सिंह राजपूत के साथ सरदार के किरदार में थे, और उनके दोस्त का रोल में नजर आए थे.
इसके साथ ही फिल्म केसरी में भी उन्होंने एक किरादर निभाया था. जानकारी की माने तो संदीप नाहर ने आज ही यानी 16 फरवरी को मुंबई के गोरेगांव में आत्महत्या की है. लेकिन सुसाइड से पहले ही उन्होंने शाम के समय करीब 9 मिनट का एक वीडियो रिकॉर्ड किया था.
एमएस धोनी फिल्म में सुशांत सिंह के दोस्त बने थे संदीप नरेहा
वीडियो के जरिए उन्होंने एक सुसाइड नोट भी सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था. जारी किए गए पोस्ट में उन्होंने अपनी पत्नी पर कई तरह के संगीन आरोप भी लगाए थे. फिलहाल उनके शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है. वीडियो में संदीप कह रहे हैं कि,
'मुझे आपने बहुत सी फिल्म में देखा होगा. एमएस धोनी फिल्म में मैं छोटू भैया के किरदार में थे. लेकिन इस वीडियो को बनाने का उद्देश्य यह है कि हमारी जिंदगी में बहुत सी दिक्कतें चल रही हैं. मैं दिमागी तौर पर ठीक नहीं हूं. जिसके पीछे का कारण मेरी पत्नी कंचन शर्मा है. डेढ़ से दो साल हो गए हैं, और मैं ट्रॉमा से गुजर रहा हूं'.
एमएस धोनी के एक्टर संदीप ने पत्नी को बताई मौत की वजह
एमएस धोनी फिल्म के एक्टर संदीप ने वीडियो में यह भी कहा है कि,
'मैं पत्नी को खई बार समझा चुका हूं. 365 दिन तक लड़ते रहना. हर दिन सुसाइड के बारे में बात करना. वो हमेशा कहती है कि, मैं मर जाऊंगी और तुझे फंसा दूंगी. ऐसे में अब जीने की इच्छा नबीं बची. लाइफ में कई बार सुख देखे और कई बार दुख देखे'.
'हर समय में दिक्कतों का सामना किया. लेकिन अब मैं जिस ट्रामा का सामना कर रहा हूं, वो बर्दाश्त नहीं होता है. मुझे ये भी पता है कि, सुसाइड करना कायरता है, और जीना चाहिए था, लेकिन जीने का कोई मतलब नहीं है, खासकर जहां जहां सुकून और सेल्फ रिस्पेक्ट न हो'.