रणजी ट्रॉफी 2022 का फाइनल मुकाबला मध्यप्रदेश और मुंबई (MP vs MI) के बीच खेला गया. दोनों टीमों के बीच इस मुकाबले में कड़ी टक्कर देखने को मिली. लेकिन आखिर में फाइनल मुकाबले में मध्यप्रदेश ने मुंबई की टीम को 6 विकेटों से हराकर ट्रॉफी जीत ली है. इस खिताबी मुकाबले में मध्यप्रदेश के बल्लेबाज रजत पाटीदार ने अहम भूमिका निभाई, उन्होंने पहले पारी में 122 रन बनाकर टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचाया वहीं दूसरी पारी में नाबाद 30 रन बनाकर टीम को जीत की दहलीज पार कराई.
MP vs MI: मध्यप्रदेश ने ट्रॉफी जीतकर रचा इतिहास
रणजी ट्रॉफी 2022 का महासंग्राम खत्म हो गया है. फैंस को मध्यप्रदेश के रूप में नई चैंपियन टीम मिल गई है. मुंबई के सामने मध्यप्रदेश के बल्लेबाजों से घुटने नहीं टेके बल्कि उनके गेंदबाजों पर बढ़-चढ़कर बल्लेबाजी कर बल्लेबाजी की. मध्यप्रदेश ने रणजी ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले में मुंबई को 6 विकेट से हराकर खिताबी जीत अपने नाम कर ली है.
मध्यप्रदेश ने पहली बार रणजी ट्रॉफी का खिताब अपने नाम किया है. जानकारी के लिए बता दें कि, मध्य प्रदेश ने पहली बार रणजी ट्रॉफी जीती है. इससे पहले वह साल 1999 में चंद्रकांत पंडित की कप्तानी में फाइनल तक पहुंची थी, जहां उसे कर्नाटक ने 96 रनों से हरा दियागया था.
मुंबईकर्स की शतकीय पारी भी नहीं जिता पाई मैच
मुंबई के बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल और सरफराज खान ने इस सीजन में एक से बढ़कर एक पारियां खेलीं. सरफराज ने रणजी ट्रॉफी में शानदार बल्लेबाजी की. मध्यप्रदेश और मुंबई के बीच रणजी का फाइनल मुकाबला खेला गया. मुंबई की ओर से खेलते हुए सरफराज ने मध्यप्रदेश के खिलाफ 134 रनों की शानदार पारी खेली. इस सीजन में उनका यह चौथा शतक था.
उनकी इस शतकीय पारी की बदौलत मुंबई पहली पारी में 374 रन बना सकी. लेकिन उनकी यह पारी टीम के किसी काम ना आ सकी. लगातार दो सीजन में सरफराज ने 900 रनों का आंकड़ा पार किया है. इससे पहले यह कारनामा अजय शर्मा और वसीम जाफर ने किया था.
सरफराज के साथ-साथ यशस्वी जायसवाल ने मुंबई के लिए बेहतरीन पारियां खेलीं. उन्होंने इस मुकाबले की पहली पारी में शानदार अर्धशतक जमाया. हालांकि वह अपने अर्धशतक को शतक में तब्दील नहीं कर सके और 163 गेंदों पर 78 रन बना कर आउट हो गए. दूसरी पारी में जायसवाल कोई खास कमाल नहीं दिखा पाए और 2 रन बनाकर ही पवेलियन लौटना पड़ा.
MP ने पहली ही पारी में रख दी थी जीत की नींव
मध्यप्रदेश की टीम ने जिस तरह से मुंबई के सामने खेला, वह अपने आप में काबिल-ए-तारीफ है. क्योंकि, 374 रनों का पीछा करते हुए मध्यप्रदेश ने पहली पारी में ही 536 रन बना दिए थे. मध्यप्रदेश के बल्लेबाजों ने कहीं भी लपरवाही नहीं दिखाई, वह जानते थे कि उनकी जरा सी गलती मुंबई की मैच में वापसी करा सकती है. मध्यप्रदेश ने पहली पारी में ही जीत की नींव रख दी थी. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि पहली ही पारी में 3 बल्लेबजों ने शतकीय पारी खेलकर मुंबई की टीम को बैकफुट पर धकेल दिया था.
एमपी के बल्लेबाज यस दुबे (133) शुभवम शर्मा (116) और रजत पाटीदार (122) ने रन बनाकर टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया था. उसके बाद गेंदबाजों ने अच्छी गेंदबाजी करते हुए मुंबई को दूसरी पारी में सिर्फ 269 रनों पर ही समेट दिया. इसके बाद मध्यप्रदेश को इतिहास रचने के लिए सिर्फ 108 रन बनाने थे. इस लक्ष्य को एमपी ने 4 विकेट खोकर आसानी से हासिल कर लिया और इतिहास रच दिया.