क्रिकेट जगत में जब खिलाड़ियों पर हुई नस्लीय टिप्पणी, ऑस्ट्रेलिया से जुड़े हैं 6 में से 5 मामले

Published - 10 Jan 2021, 04:35 PM

खिलाड़ी

ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम और भारतीय क्रिकेट टीम के बीच खेले जा रहे सिडनी टेस्ट मैच में भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज व जसप्रीत बुमराह को ऑस्ट्रेलियाई दर्शकों द्वारा नस्लीय टिप्पणी का सामना करना पड़ा।

इसके बाद से ही चारों तरफ नस्लीय टिप्पणी को लेकर दिग्गज खिलाड़ी व तमाम बड़ी हस्तियां निंदा कर रही हैं। सोशल मीडिया के द्वारा क्रिकेट फैंस भी अपनी राय रखते नजर आ रहे हैं। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने भी इस मामले पर कड़े कदम उठाने का दावा किया है, जिसके बाद आईसीसी ने भी इसपर सहमति जताई है।

तो आइए इस आर्टिकल में आपको उन 6 वाक्यों के बारे में बताते हैं, जो क्रिकेट जगत में नस्लीय, अभद्र टिप्पणियों के गवाह रहे हैं। जानकर हैरानी होगी की पांच मामले ऑस्ट्रेलिया से जुड़े हुए हैं।

क्रिकेट जगत के 6 मामले जब खिलाड़ियों पर हुई नस्लीय टिप्पणी

5- मोहम्मद सिराज व जसप्रीत बुमराह

नस्लीय टिप्पणी

भारतीय क्रिकेट टीम और ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के बीच खेले जा रहे सिडनी टेस्ट मैच के तीसरे दिन भारत के तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज व जसप्रीत बुमराह को नस्लीय टिप्पणी का सामना करना पड़ा। इस बात की शिकायत टीम ने मैच रेफरी से भी की।

इसके बाद मैच के चौथे दिन एक बार फिर जब सिराज बाउंड्री पर फील्डिंग कर रहे थे, तब ऑस्ट्रेलियाई दर्शकों के एक ग्रुप द्वारा गेंदबाज पर अभद्र टिप्पणी की गई, जिसकी शिकायत टीम ने अंपायर से की और अंपायर ने सुरक्षाकर्मियों से बातचीत की। खेल को 15 मिनट तक रोके रखा गया।

हालांकि सुरक्षाकर्मियों द्वारा उस ग्रुप को स्टेडियम से बाहर कर दिया गया और मैच दोबारा शुरु हुआ। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए कड़ी सजा सुनाने का आश्वासन देते हुए भारतीय टीम से माफी मांगी। आईसीसी ने भी ऑस्ट्रेलिया द्वारा उन दर्शकों को कड़ी से कड़ी सजा देने व इस तरह की हरकत पर जीरो टॉलरेंस की बात की है।

4- ऑस्ट्रेलिया 2018-19

नस्लीय टिप्पणी

भारतीय क्रिकेट टीम ने ऑस्ट्रेलिया को 2018-19 में खेली गई बॉर्डर-गावस्कर सीरीज में 2-1 से हराकर ऐतिहासिक जीत अपने नाम की थी। इस जीत को भारतीय क्रिकेट में सुनहरे अक्षरों से लिखा गया, लेकिन इस सीरीज में कुछ ऐसा भी हुआ, जिसे भारतीय क्रिकेटर भूल जाना चाहेंगे।

दरअसल, बॉक्सिंग डे टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलियाई दर्शक भारतीय क्रिकेट टीम को परेशान कर रहे थे। जी हां, उस दौरान ऑस्ट्रेलिया के कुछ दर्शकों ने भारतीय खिलाड़ियों से उनका पासपोर्ट दिखाते हुए उन्हें जलील करने का प्रयास किया था।

4- मोईन अली 2018

नस्लीय टिप्पणी

इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच की प्रतिद्वंदिता क्रिकेट जगत में काफी मशहूर है। दोनों टीमों के बीच खेली जाने वाली सम्मानित एशेज सीरीज को जीतने के लिए दोनों ही टीमें अपनी जान झोंक देती हैं।

इंग्लैंड के ऑलराउंडर खिलाड़ी मोईन अली ने ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी पर आरोप लगाया था कि 2015 में खेली गई एशेज सीरीज के दौरान ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी ने उनपर नस्लीय टिप्पणी की थी। उन्होंने बताया था कि विपक्षी टीम के खिलाड़ी ने मैदान पर मुझे ओसामा बुलाया था।

3- एंड्रयू साइमंड्स और हरभजन सिंह 2008

नस्लीय टिप्पणी

भारतीय क्रिकेट टीम 2008 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गई थी। जहां भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली गई बॉर्डर गावस्कर सीरीज के सिडनी टेस्ट मैच में एंड्रयू साइमंड्स ने भारतीय ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह पर आरोप लगाया था कि उन्होंने उनपर नस्लीय टिप्पणी की है।

जी हां, साइमंड्स की इस शिकायत के बाद हरभजन सिंह पर तीन मैचों का बैन भी लगा दिया गया था। लेकिन भज्जी ने कभी इस बात को स्वीकार नहीं किया कि उन्होंने ऐसे आपत्तिजनक शब्द कहे थे। क्रिकेट जगत में इस विवाद को मंकीगेट के नाम से जाना जाता है, क्योंकि साइमंड्स ने दावा किया था कि हरभजन सिंह ने उन्हें मंकी कहा था।

2- हाशिम अमला

नस्लीय टिप्पणी

ऑस्ट्रेलिया के दर्शक ही नहीं बल्कि ऑस्ट्रेलिया के क्रिकेटरों पर भी नस्लीय टिप्पणी के आरोप लग चुके हैं। इतनी ही नहीं एक वाक्या तो ऐसा है, जब लाइव कमेंटी के दौरान पूर्व क्रिकेटर ने मैदान पर मौजूद खिलाड़ी पर नस्लीय टिप्पणी कर दी।

हम बात कर रहे हैं, 2006 की जब कमेंटी कर रहे दिग्गज खिलाड़ी डीन जोन्स ने लाइव कमेंटी के दौरान साउथ अफ्रीका के दिग्गज हाशिम अमला को सबके सामने टेरिरिस्ट कह दिया था। उन्होंने कमेंट्री के दौरान कहा था कि इस टेरिरिस्ट ने एक विकेट और ले लिया।

1- टोनी ग्रेग 1976

नस्लीय टिप्पणी
South African cricket player Tony Greig (1946 - 2012) of Sussex County Cricket Club, UK, 8th May 1973. (Photo by John Williams/Daily Express/Hulton Archive/Getty Images)

इंग्लैंड क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान टोनी ग्रेग ने वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों को लेकर नस्लीय टिप्पणी की थी। उन्होंने 1976 के दौरान कहा था कि वह वेस्टइंडीज के खिलाड़ियों को जमीन पर औंधा लेटाना चाहते हैं। उन्होंने इस कथन के जरिए, विंडीज खिलाड़ियों के पूर्वजों पर निशाना साधा था।

क्योंकि विंडीज टीम के कई खिलाड़ियों के पूर्वजों को इंग्लैंड दास के रूप में लाया गया था। बता दें, कोरोना वायरस के बाद जब क्रिकेट ने मैदान पर वापसी की तो, वेस्टइंडीज के खिलाड़ियों द्वारा BLACK LIFE MATTER की मुहीम शुरु की थी।

जिसपर विवियन रिचर्ड्स सहित तमाम विंडीज खिलाड़ियों ने इस बात को स्वीकार किया था कि क्रिकेट जगत में भी उन्हें कई बार रंगभेदी टिप्पणी का सामना करना पड़ा है। दिग्गज खिलाड़ी माइकल होल्डिंग तो इस बारे में बात करते हुए भावुक हो गए थे और उनकी आंखों से आंसू आ गए थे।

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