IND vs SA: शानदार प्रदर्शन के बाद शमी ने याद किया संघर्ष, कहा- '30 KM साइकिल चलाकर मेरे पिता मुझे एकेडमी लेकर जाते थे'

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Amit Choudhary
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Team India

IND vs SA 2021-22: भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच सेंचुरियन में जारी पहले टेस्ट मैच के तीसरे दिन दिन भारतीय स्टार तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी (Mohammad Shami) ने साउथ अफ्रीका की पहली पारी में 5 विकेट हासिल किया. इसी के साथ उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में अपने विकेटों की संख्या 200 के पार पहुंचा दी. शमी के अलावा जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) और शार्दुल ठाकुर (Shardul Thakur) ने भी 2-2 विकेट हासिल किये.

शमी की इस शानदार गेंदबाजी के दम पर टीम इंडिया ने साउथ अफ्रीका को पहली पारी में केवल 197 रनों पर ही समेट दिया. उससे पहले भारतीय पहली पारी 327 रनों पर समाप्त हुई थी. तीसरे दिन का खेल ख़त्म होने के बाद मोहम्मद शमी (Mohammad Shami) ने अपने शानदार प्रदर्शन को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है.

शमी ने किया अपने पिता को याद

Mohammad Shami

तीसरे दिन का खेल समाप्त होने तक भारतीय टीम ने अपनी दूसरी पारी में मयंक अग्रवाल (Mayank Agrawal) का विकेट खोकर 16 रन बना लिए है. भारतीय टीम की कुल बढ़त अब 146 रनों की हो चुकी है. तीसरे दिन का खेल समाप्त होने के बाद दिन के स्टार खिलाड़ी रहे मोहम्मद शमी (Mohammad Shami) ने अपनी शानदार गेंदबाजी को लेकर बड़ा बयान दिया. शमी ने टेस्ट क्रिकेट में अपने 200 विकेट भी पुरे किये. शमी भारत के महज पांचवें तेज गेंदबाज हैं जिनके नाम 200 से ज्यादा टेस्ट विकेट हैं. इस उपलब्धि का श्रेय उन्होंने अपने पिताजी को दिया. मोहम्मद शमी ने कहा,

आज मैं जो कुछ हूं वो अपने पिता की वजह से हूं. मैं उस इलाके से आता हूं जहां आज भी क्रिकेट की ज्यादा सुविधाएं नहीं हैं. पांच विकेट लेना एक स्पेशल बात है इसके लिए कड़ी मेहनत की जरूरत होती है. मेरे पिता 30 किमी. साइकिल चलाकर मुझे एकेडमी ले जाते थे. वो त्याग मुझे आज भी याद है.

काफी गरीबी से उठ कर यहाँ तक पहुंचे है मोहम्मद शमी

Mohammad Shami

अमरोहा में एक गरीब किसान के घर में जन्मे मोहम्मद शमी (Mohammad Shami) बचपन से ही क्रिकेट खेलने के काफी शौकीन थे. उनके पिता ने जब अपने बेटे को खेलते देखा तो वो उसकी गेंदबाजी देख हैरान रह गए. शमी जब 15 साल के थे तो उनके पिता ने उन्हें मुरादाबाद क्रिकेट एकेडमी में ट्रेनिंग के लिए भेजा.

वहां के कोच बदरुद्दीन सिद्दीकी भी शमी की गेंद की तेजी देख काफी प्रभावित हुए. बदरुद्दीन उन्हें यूपी की अंडर-19 क्रिकेट टीम ट्रायल में ले गए जहां शमी का चयन नहीं हुआ. इस नाकामी के बाद कोच बदरुद्दीन ने उन्हें कोलकाता जाने की सलाह दी. जिसके बाद उनकी पुरी किस्मत बदल गयी

शमी (Mohammad Shami) कोलकाता के डलहौजी क्लब के लिए खेलते थे जहाँ बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन के पूर्व अधिकारी उनकी गेंदबाजी देख प्रभावित हुए. शमी को वो लोग मोहन बगान अकादमी ले गए,  जहां सौरव गांगुली (Saurav Ganguly) ने उनकी गेंदबाजी देखी. दादा ने शमी का टैलेंट पहचान लिया और उन्होंने सेलेक्टर्स को शमी पर खास नजर रखने के लिए कहा. इसके बाद शमी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और आज वो भारतीय टीम के जाने माने चेहरे है.

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