Mohammad Shami: ऑस्ट्रेलिया में अक्टूबर महीने में शुरू होने वाले टी20 वर्ल्ड कप 2022 के लिए बीती रात भारतीय टीम की घोषणा की जा चुकी है. टीम ने तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को 15 खिलाड़ियों के दल में जगह ना देकर स्टैंडबाई खिलाड़ी के तौर पर जगह दी गयी है. पिछले कई हफ़्तों से शमी को वर्ल्ड कप में जगह दिए जाने की बाते की जा रही थी क्योकि एशिया कप में भारतीय तेज़ गेंदबाजों का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा था. ऐसे में आज हम बात करने वाले है मोहम्मद शमी (Mohammad Shami) के टीम में ना चुने जाने के तीन अहम कारणों पर:
1. टी20 इंटरनेशनल का प्रदर्शन
मोहम्मद शमी (Mohammad Shami) ने साल 2014 में इंडिया के लिए अपना डेब्यू किया था. उस समय वो सबसे बेहतरीन गेंदबाज़ी का विकल्प साबित हो रहे थे. भारत के लिए शमी तीनो ही फॉर्मेट खेलने वाले गेंदबाज़ रहे है लेकिन अपने पूरे क्रिकेट करियर में उन्होंने 60 टेस्ट और 82 वनडे मैच खेले है लेकिन टी20 में उन्हें काफी कम मौका मिला है. उन्होंने 8 साल में सिर्फ 17 ही टी20 क्रिकेट मैच खेलने को मिले है.
17 मैचों में उन्होंने 18 विकेट लिए है लेकिन बहुत महंगे साबित हुए. टी20 वर्ल्ड कप 2021 में उन्हें जगह दी गयी थी तब भी वो पांच मुकाबलों में 6 विकेट अपने नाम कर पाए जिसमें उनकी इकॉनमी 8.84 की रही थी. रनों की गति पर शमी का रोक ना लगा पाना भी उनकी टीम से बाहर रहने की बड़ी वजह साबित होता है.
2. उम्र आ रही चयन के आड़े
मोहम्मद शमी (Mohammad Shami) को टीम में ना चुने का जाने एक कारण उनकी उम्र भी कही जा सकती है. चयनकर्ता कई मौकों पर कह चुके है की शमी वनडे और टेस्ट में फिट बैठते है लेकिन टी20 क्रिकेट में वो युवा खिलाड़ियों से दौड़ में पिछड़ चुके है. सबसे ताजा उदाहरण अर्शदीप सिंह और हर्शल पटेल है जो अब टीम में अपनी जगह पक्की कर चुके है.
तेज़ गेंदबाज़ के लिए अपनी फिटनेस पर स्पीड पर काम करना काफी अहम होता है. बढती उम्र के साथ-साथ खिलाड़ी की गति में भी कई मौकों पर कमी देखने को मिली है. साथ ही 32 वर्षीय शमी को इंजरी के कारण भी कई मौकों पर बाहर होना पड़ा है और ऐसे में टीम ने अब युवाओं पर भरोसा जताते हुए शमी को टी20 फॉर्मेट में अपनी रणनीति से बाहर रखने का फैसला लिया है.
3. तेज़ गेंदबाजो का हालिया प्रदर्शन
टी20 वर्ल्ड कप 2022 के लिए टीम में जसप्रीत बुमराह, भुवनेश्वर कुमार, हर्शल पटेल और अर्शदीप सिंह को जगह दी गयी है. अगर हम खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर नजर डाले तो भुवनेश्वर कुमार ने 77 मैचों में 21.73 की औसत और 6.86 की इकॉनमी रेट से 84 विकेट लिए हैं. जसप्रीत बुमराह ने 58 मैचों में 19.46 की औसत से 69 विकेट हासिल किये हैं.
युवा हर्षल पटेल के नाम 8.58 की इकॉनमी और 20.96 की औसत से 23 विकेट दर्ज है जबकि अर्शदीप सिंह ने 11 मैच में 14 विकेट लिए. ऐसे में प्रदर्शन के आधार पर शमी (Mohammad Shami) थोडा पीछे रह जाते है जिस वजह से उन्हें टीम में शामिल नहीं किया गया है.