IND vs NZ 2021: भारत और न्यूजीलैंड के बीच मुंबई के एतिहासिक वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए दुसरे टेस्ट मैच में टीम इंडिया ने न्यूजीलैंड को 372 रनों के एक भारी अन्तर से हरा दिया. इस मैच के सबसे बड़े हीरो रहे भारतीय ओपनर बल्लेबाज मयंक अग्रवाल (Mayank Agrawal), जिन्होंने इस टेस्ट मैच की पहली पारी में 150 और दूसरी पारी में 62 रनों की शानदार पारी खेली.
इस शानदार बल्लेबाजी के लिए उन्हें प्लेयर ऑफ़ द मैच भी चुना गया. इसके बाद उनका नाम वानखेड़े स्टेडियम के ऑनर्स बोर्ड पर दर्ज किया गया और अब इसको लेकर मयंक अग्रवाल (Mayank Agrawal) ने बड़ी प्रतिक्रिया दी है.
यह मेरी कड़ी मेहनत का नतीजा हैं: Mayank Agrawal
मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेले भारत और न्यूजीलैंड (IND vs NZ) के बीच दुसरे टेस्ट मैथ की पहली पारी के भारतीय ओपनर बल्लेबाज मयंक अग्रवाल (Mayank Agrawal) ने 150 रनों की शानदार शतकीय पारी खेलकर अपना नाम वानखेड़े स्टेडियम के ऑनर्स बोर्ड पर दर्ज करवा लिया. इस ख़ास उपलब्धि के बाद मयंक काफी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं. उन्होंने ट्वीट करके कहा,
ये केवल बोर्ड पर एक नाम नहीं है, बल्कि मेरी कड़ी मेहनत का नतीजा है. टेस्ट क्रिकेट खेलते हुए मैच जिताना हर किसी का सपना होता है और मेरे लिए ये सबकुछ है. इतने सारे दिग्गजों के साथ मेरा नाम लिखा जाना मेरे लिए काफी सम्मान की बात है.
प्लेयर ऑफ़ द मैच बने थे मयंक
दायें हाथ के सलामी बल्लेबाज मयंक अग्रवाल (Mayank Agrawal) पिछले कुछ मैचो से अपनी फॉर्म की तलाश में थे. कानपुर में खेले गए पहले टेस्ट मैच में भी मयंक पुरी तरह से असफल रहे थे. जिसके बाद उनके ऊपर टीम से बाहर होने का खतरा मंडराने लगा था. लेकिन मुंबई टेस्ट में उन्होंने फॉर्म में शानदार वापसी करते हुए पहली पारी में 150 और दूसरी पारी में 62 रन बनाए.
जिसके बाद अक्षर पटेल (Axar Patel), रविचंद्रन आश्विन (Ravichandran Ashwin) और जयंत यादव (Jayant Yadav) की स्पिन तिकड़ी और मोहम्मद सिराज (Mohammad Siraj) की शुरूआती स्पेल के दम पर भारतीय टीम ने न्यूजीलैंड को 372 रनों के भारी अंतर से हरा दिया. मैच के बाद बीसीसीआई ने वानखेड़े स्टेडियम के ऑनर्स बोर्ड के सामने खड़े मयंक अग्रवाल (Mayank Agrawal) की फोटो शेयर की. मैच के बाद मयंक ने कहा,
फिर से रन बनाकर अच्छा लगा. यह मेरे लिए खास है. कानपुर की तुलना में मैंने मुंबई में कुछ भी अलग करने की कोशिश नहीं की. मैंने बस मानसिक अनुशासन और दृढ़ संकल्प के साथ बैटिंग की. तकनीक हर समय बेस्ट नहीं रहेगी और मैं रनों की गारंटी नहीं दे सकता, लेकिन डटे रहने की इच्छा बेहद महत्वपूर्ण है. राहुल द्रविड़ (हेड कोच) भाई ने मुझसे सीरीज के बीच में तकनीक के बारे में ज्यादा नहीं सोचने की सलाह दी थी.