Manoj Prabhakar: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व दिग्गज ऑलराउंडर मनोज प्रभाकर क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद अब कोच की भूमिका में नज़र आते हैं. वह रणजी ट्रॉफी में दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कोच भी रह चुके हैं. वहीं 2016 में मनोज ने अफ़ग़ानिस्तान क्रिकेट टीम के लिए गेंदबाज़ी कोच की भूमिका निभाई थी. लेकिन, अब उन्हें (Manoj Prabhakar) नेपाल की राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच की कमान सौंपी गई है.
Manoj Prabhakar बने नेपाल क्रिकेट टीम के कोच
जी हां, अपने समय के ज़बरदस्त ऑलराउंडर रहे मनोज प्रभाकर (Manoj Prabhakar) को नेपाल क्रिकेट टीम के नए मुख्य कोच के रूप में नियुक्त किया गया है. बता दें कि पूर्व श्रीलंकाई क्रिकेटर पुबुदु दासनाय के पहले नेपाल के मुख्य कोच थे. ग़ौरतलब है कि उन्होंने जुलाई में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था और केनेडा क्रिकेट टीम के साथ बतौर मुख्य कोच के रूप में जुड़ गए थे.
जिसके चलते अब उनकी जगह मनोज प्रभाकर को नियुक्त किया गया है. नेपाल क्रिकेट संघ द्वारा दिए गए बयान के मुताबिक मनोज प्रभाकर ने मुख्य कोच के पद पर नियुक्त होने के बाद इस बारे में बात करते हुए कहा,
"नेपाल में क्रिकेट के प्रति रुचि, उनकी प्रतिभा और कौशल स्तर को देखते हुए मैं वास्तव में नेपाल क्रिकेट टीम के साथ काम करने और उसे एक मजबूत टीम बनाने के लिए उत्सुक हूं."
ऐसा रहा मनोज प्रभाकर का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर
दिग्गज ऑलराउंडर मनोज प्रभाकर (Manoj Prabhakar) ने भारत का 12 साल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में प्रतिनिधित्व किया है. उन्होंने 1984 से 1996 तक टीम इंडिया के लिए कुल 130 एकदिवसीय और 39 टेस्ट मैच खेले हैं. जिसमें उनका प्रदर्शन गज़ब का रहा है. 1980 से 1990 के दशक में मनोज का नाम हर किसी भारतीय फैन के दिल पर छाया हुआ था.
अगर उनके टेस्ट करियर की बात करें तो उन्होंने 37.30 की औसत से टेस्ट में 96 विकेट अपने नाम किए हैं और 32.65 की औसत से 1600 रन बनाए हैं. जिसमें उनके बल्ले से 1 शतक और 9 अर्धशतक भी देखने को मिले हैं.
वहीं एकदिवसीय फॉर्मेट में उन्होंने 130 मैचों में 2 शतक और 11 अर्धशतक की बदौलत भारत के लिए 1858 रन बनाए हैं. इसी के साथ गेंदबाज़ी की बात करें तो उन्होंने 28.47 की औसत से वनडे में 157 विकेट झटके हैं.
मनोज पर लगे थे मैच फिक्सिंग के आरोप
पूर्व क्रिकेटर मनोज प्रभाकर एक स्टिंग ऑपरेशन का हिस्सा थे, जिसकी बदौलत कई खिलाड़ियों को एक्सपोज़ करने का प्रयास किया गया था. हालांकि कुछ समय बाद प्रभाकर पर ही फिक्सिंग का आरोप लगा था.
जिसके बाद बीसीसीआई ने उनके क्रिकेट खेलने पर रोक लगाई थी और उन्हें बैन कर दिया था. वर्ष 1996 में उन्होंने कांग्रेस से टिकट लेकर लोकसभा चुनाव भी लड़ा था. बहरहाल, वह जीत नहीं पाए थे.