पांच बार विश्वकप विजेता ऑस्ट्रेलिया के पीछे हैं हिंदुस्तानी ताकत,जानकर आपको भी गर्व होगा

अगर बात दुनिया की सबसे ताकतवर टीम की करें,तो पांच बार विश्वकप का खिताब जीत चुकी ऑस्ट्रेलिया की तस्वीर साफ तौर पर उभर आती है। दुनिया भर में अपने क्रिकेट को लेकर बदशाहत कायम करने वाली ऑस्ट्रेलिया के पीछे हिंदुस्तानी शक्ति है। जिसके दम पर ऑस्ट्रेलिया ने इतने कीर्तिमान गढ़े हैं।

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Ajay Singh
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अगर बात दुनिया की सबसे ताकतवर टीम की करें,तो पांच बार विश्वकप का खिताब जीत चुकी ऑस्ट्रेलिया की तस्वीर साफ तौर पर उभर आती है। दुनिया भर में अपने क्रिकेट को लेकर बदशाहत कायम करने वाली ऑस्ट्रेलिया के पीछे हिंदुस्तानी शक्ति है। जिसके दम पर ऑस्ट्रेलिया ने इतने कीर्तिमान गढ़े हैं।

ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट में द्रोणाचार्य की भूमिका निभाने वाले गुरू मूल रूप से उत्तराखंड के कोटद्वार में रहने हैं। अब आप लोग सोच रहे होंगे कि आखिर ये शख्स कौन है,तो आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से...

ऑस्ट्रेलिया को क्रिकेट सीखा रहा उत्तराखंड का लाल

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ऑस्ट्रेलिया को क्रिकेट का गुर सीखाने वाले भारतीय का नाम मानवेंद्र बिष्ट है। मानवेंद्र लंबे समय से ऑस्ट्रेलिया में युवा खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दे रहे हैं। मानवेंद्र इस समय वहां कि अंडर-9,अंडर-14 बालक व अंडर-13 बालिका टीम की बतौर कोच जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।

बिग बैश लीग में मानवेंद्र के शिष्यों का जलवा

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सिडनी सिक्सर्स की तरफ से जूनियर टीमों के लिए आजोजित किए गए बिग बैश लीग में मानवेंद्र की टीम गार्डोन डिस्ट्रिक्ट क्लब की अंडर-13 बालिका टी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए जीता है। मानवेंद्र की माने तो ऑस्ट्रेलिया के बच्चों में क्रिकेट को लेकर काफी जज्बा है और वहां की सरकार भी काफी मदद देती है।

इसके अलावा ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट बोर्ड द्वारा बच्चों को बेहतरीन सुविधाएं भी दी जाती हैं। ऑस्ट्रेलिया में बच्चे बैकफुट पर ज्यादा बेहतर खेलते हैं। इसके पीछे उन्होंने एक खास वजह बताई है।उनका कहना है कि ऑस्ट्रेलिया में बच्चे एस्ट्रोटर्फ पर प्रैक्टिस करते हैं। ये सारी बातें मानवेंद्र ने हिंदी दैनिक अखबार 'हिन्दुस्तान' से खास बातचीत के दौरान कही।

गुरूग्राम में की आईटी कंपनी में जॉब

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मानवेंद्र मूलरूप से उत्तराखंड के कोटद्वार के रहने वाले हैं। उनकी प्रारंभिक पढ़ाई वहीं के सेंट जोसफ कॉनवेंट व डीएवी स्कूल में हुई। मानवेंद्र को क्रिकेट काफी पंसद था । बचपन से ही उन्होंने क्रिकेट को अपना प्यार मान लिया। हालांकि भारत में मानवेंद्र को क्रिकेट में ज्यादा सोहरत नहीं मिली। जितना की ऑस्ट्रेलिया में मिली है। मानवेंद्र ने गढ़वाल विश्वविद्यालय की टीम का कई बार नेतृत्व भी किया है। एमसीए करने के बाद मानवेंद्र ने गुरूग्राम स्थित एक आईटी कंपनी में जॉब भी की।

तीन तरह के कोच ऑस्ट्रेलियया में निभाते हैं अहम जिम्मेदारी

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ऑस्ट्रेलिया में तीन तरह के कोच के ऊपर एक टीम की जिम्मेदारी होती है। इनमें कम्युनिटी कोच,रिप्रेजेंटेटिव कोच व हाई परफॉर्मेंस कोच शामिल हैं। मानवेंद्र ने अभी वहां एक साल का कम्युनिटी कोच कोर्स पूरा किया है। मानवेंद्र का ख्वाब हाई परफार्मेंस कोच बनने का है। ऑस्ट्रेलिया में अच्छे कोच बनने के बाद मानवेंद्र देश में क्रिकेट को आगे बढ़ाना चाहते हैं।

बिग बैश लीग ऑस्ट्रेलिया टीम