मध्य प्रदेश टीम (Madhya Pradesh Team) सेमीफाइनल में बंगाल को मात दे फाइनल में जगह पक्की कर चुकी है। इसी के साथ मध्य प्रदर्श ने इतिहास भी रच दिया। मध्य प्रदेश ने बंगाल को 174 रन से करारी शिकस्त दी है। दिलचस्प बात यह है कि मध्य प्रदेश की टीम ने 23 साल बाद रणजी ट्रॉफी के फाइनल में जगह बना ली है। फाइनल में उनका सामना 41 बार की खिताब जीतने वाली मुंबई से होगा। आइए विस्तार में जानते हैं इस बारे में....
23 साल बाद रणजी फाइनल में पहुंची Madhya Pradesh Team
17 जून को बंगाल को 175 रनों से मात देकर रणजी ट्रॉफी फाइनल में जगह पक्की कर ली। मध्य प्रदेश ने बंगाल टीम के सामने 350 रनों का टारगेट रखा। एमपी के हिमांशु मंत्री ने पहले पारी में 165 रन और दूसरी पारी में 21 रन जड़े। उन्हें उनके इस प्रदर्शन के लिए प्लेयर ऑफ द मैच से नवाजा गया। जवाब में मनोज तिवारी और शाहबाज अहमद के शतकों के बावजूद बंगाल की टीम महज 273 रन पर सिमट गई। मध्य प्रदेश ने पहली पारी के आधार पर 68 रनों की बढ़त ले ली। दूसरी पारी में मध्य प्रदेश की टीम 281 रन पर ढेर हो गई।
Madhya Pradesh Team के खिलाड़ियों ने नहीं किया बंगाल टीम पर रहम
बंगाल की टीम दूसरी पारी में महज 175 रन बनाकर ही पवेलीयन लौट गई। बंगाल की दूसरी पारी की शुरुआत बेहद खराब रही और पहली ही गेंद पर सलामी बल्लेबाज अभिषेक रमन को कार्तिकेय ने पवेलियन की राह दिखाई। सुदीप कुमार घरामी और अभिमन्यु ईश्वरन की 49 रन की जुगलबंदी का अंत सरशन जैन ने किया।
पिछले मैच के सेंटूरवीर घरामी 32 गेंदों में 19 रन बनाकर आउट हुए थे। अभिषेक पोरेल और मनोज तिवारी को कार्तिकेय ने सात से ज्यादा रन नहीं बनाने दिए। बंगाल के नौ बल्लेबाजों ने क्वार्टर फाइनल में अर्धशतक बनाकर नया रिकॉर्ड बनाया था, लेकिन आज मध्य प्रदेश के गेंदबाजों की अनुशासित गेंदबाजी के सामने शीर्ष क्रम टिक नहीं पाया।
अभिमन्यु ईश्वरन (78) टीम के लिए हाई स्कॉरर रहे। बंगाल की टीम अपने चौथे दिन का स्कोर 96/4 खेलने उतरी और आखिरी दिन सिर्फ 79 रन जोड़कर अपने 6 विकेट गंवा दिए। इस तरह मध्य प्रदेश की टीम खिताबी मुकाबले में पहुँच गई।