भारत में जन्मीं ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर Lisa Sthalekar ने रचा इतिहास, बनीं FICA की पहली महिला अध्यक्ष
Published - 21 Jun 2022, 12:49 PM

पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर लिसा स्टालेकर (Lisa Sthalekar) को फेडरेशन ऑफ इंटरनेशनल क्रिकेटर्स एसोसिएशन (FICA) की पहली महिला अध्यक्ष चुना गया है। स्टालेकर को स्विट्जरलैंड के न्योन में FICA कार्यकारी समिति की बैठक के दौरान अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। विक्रम सोलंकी, बैरी रिचर्ड्स और जिमी एडम्स उन लोगों में शामिल हैं, जिन्होंने पहले इस पद को संभाला है। अब लिसा स्टालेकर को ये जिम्मेदारी मिलना इतिहास में दर्ज हो चुका है,
Lisa Sthalekar अध्यक्ष बनने के लिए थी पहली पसंद
ऑस्ट्रेलिया के लिए क्रिकेट खेलते हुए भारत में जन्मी लिसा स्टालेकर (Lisa Sthalekar) ने कई बड़ी उपलब्धियां हासिल की है। अब उनका FICA अध्यक्ष बनना भी ऐतिहासिक है। 42 वर्षीय लिसा को बैरी रिचर्ड्स, जिमी एडम्स और विक्रम सोलंकी की पसंद के अनुसार ये जिम्मेदारी दी गई है।
कोविड -19 महामारी शुरू होने के बाद से कार्यकारी समिति की ये पहली व्यक्तिगत बैठक थी। इस बैठक में समिति ने खिलाड़ियों और खेल से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की थी। साथ ही लिसा स्टालेकर (Lisa Sthalekar) को अध्यक्ष का पद देने की घोषणा भी की गई है। जिसे स्वीकार करते हुए उन्होंने कहा,
"मैं FICA का नया अध्यक्ष बनकर बेहद खुश और प्रसन्न हूं। हम खेल के एक नए अध्याय में प्रवेश कर रहे हैं जिसमें हमारे पुरुष और महिला खिलाड़ी पहले से कहीं अधिक क्रिकेट से रूबरू होंगे। क्रिकेट अधिक देशों में खेला जा रहा है, जो दर्शाता है कि यह तेजी से एक वैश्विक खेल बन रहा है।
"खिलाड़ियों के अधिकारों के लिए काम करूंगी"- Lisa Sthalekar
लिसा स्टालेकर ने ऑस्ट्रेलिया के लिए 187 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले। उन्होंने 2007 और 2008 में बेलिंडा क्लार्क पुरस्कार जीता, जो ऑस्ट्रेलिया की शीर्ष महिला अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी को दिया जाता है। 2010 के टी20 वर्ल्ड कप फाइनल में ऑस्ट्रेलिया की जीत में उनका अहम रोल था। लिसा ने कहा कि अब वे फेडरेशन ऑफ इंटरनेशनल क्रिकेटर्स एसोसिएशन (FICA) की अध्यक्ष बनने के बाद काफी खुश है और वे खिलाड़ियों के अधिकार सुरक्षित करने के लिए काम करेंगी। उन्होंने कहा,
"मैं अपने सदस्य खिलाड़ियों के संघों और खिलाड़ियों की ओर से काम करने के लिए उत्सुक हूं, और विशेष रूप से आईसीसी के साथ काम करने के लिए यह सुनिश्चित करने के लिए कि सभी खिलाड़ियों के अधिकार सुरक्षित हैं"