"उन्हें बोलते रहने दो..." PCB के 'नो हैंडशेक' ड्रामे पर BCCI का पलटवार, जमकर सुनाई खरी-खोटी
Published - 16 Sep 2025, 11:32 AM | Updated - 16 Sep 2025, 11:33 AM

BCCI: भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे "हाथ न मिलाने" के विवाद ने एक नया मोड़ ले लिया है। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) द्वारा नाराजगी जताए जाने के बाद, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने कड़ा पलटवार किया है।
भारतीय क्रिकेट बोर्ड के अधिकारियों ने इस ड्रामे को खारिज करते हुए कहा कि ऐसे मुद्दे टीम के ध्यान को प्रभावित नहीं करते। बोर्ड ने जोर देकर कहा कि क्रिकेट को बेवजह के नाटकों से प्रभावित नहीं होना चाहिए। इसके साथ ही, दोनों बोर्ड के बीच जुबानी जंग और तेज हो गई है।
बयानबाजी और ‘नो-हैंडशेक’ विवाद
पीसीबी ने भारत-पाकिस्तान के बीच ‘ऑफिशियल’ हैंडशेक न होने पर आपत्ति जताई है। उसने कहा है कि यह खेल भावना के खिलाफ है। इसके जवाब में बीसीसीआई (BCCI) ने न सिर्फ खिंचाई की बल्कि यह भी साफ किया कि इस मामले को राजनीति नहीं, नीति से जोड़ा जाना चाहिए।
BCCI Official said "If you read the rule book, there is no specification about shaking hands with the opposition. It is a goodwill gesture and a sort of convention, not law, that is followed globally across the sporting spectrum". [PTI]#Cricket #AsiaCup2025 pic.twitter.com/U2sIoHi9mq
— Mycric (@MyCric101) September 16, 2025
बीसीसीआई (BCCI) का इस मसले पर कहना है कि भारत सरकार की मौजूदा नीति के अनुसार वे पाकिस्तान के साथ सिर्फ द्विपक्षीय (Bilateral) मुकाबले नहीं खेलेंगे, लेकिन मल्टीनेशनल टूर्नामेंट में भाग लेना उनके लिए जरूरी है।
वहीं, पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) टीम इंडिया पर कार्रवाई को लेकर अड़ा हुआ है और उसने चेतावनी दी है कि यदि उनके हक में निर्णय नहीं लिया जाता है तो वो एशिया कप 2025 के हट सकते हैं। जिस पर बीसीसीआई ने दो टूक कहा है कि "उन्हें बोलते रहने दो... जो सही है हम वो कर रहे हैं।"
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BCCI का पलटवार - राजनीति नहीं, नीति लागू
बीसीसीआई (BCCI) के सचिव देवजीत सैकिया ने पीसीबी की चेतावनियों को नादानियों भरा करार दिया है और कहा है कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) अपने देश की सरकार की नीति का पालन कर रहा है। उन्होंने कहा कि एशिया कप एक अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट है, जो मल्टीनेशनल टीमों का प्लेटफॉर्म है, इसलिए भारत को हिस्सा लेना होगा।
सैकिया ने यह भी कहा कि अगर भारत मल्टीनेशनल टूर्नामेंट से इंकार करेगा तो आने वाले समय में भारत की अंतरराष्ट्रीय आयोजन की मेजबानी की संभावनाएं और खिलाड़ियों को मिलने वाले अवसर प्रभावित होंगे। ऐसे में किसी भी विवाद में जरूरत से ज्यादा बोलना सही नहीं है, टीम की जीत हर निगेटिव मसलों का जवाब होगी।
देवजीत सैकिया ने एसीसी (एशियन क्रिकेट काउंसिल) की ओर से बीसीसीआई (BCCI) से संपर्क किए जाने को लेकर कहा कि ये सच है लेकिन मुझे इसकी जानकारी नहीं है। जो होना था हो गया है, अब हमारा फोकस टूर्नामेंट पर है। वहीं, पीसीबी के आईसीसी में गुहार पर उन्होंने कहा कि उन्हें जो करना है करें, हमें आगे के मैच खेलने हैं। अब मुजे इस मामले में कुछ और नहीं कहना।
क्रिकेट, कूटनीति और प्रभाव
भारत और पाकिस्तान के बीच खेले गए एशिया कप 2025 के लीग मुकाबले में जो नो हैंडशेक का विवाद उपजा है, वह सिर्फ क्रिकेट का नहीं है, बल्कि यह दिखाता है कि खेल और कूटनीति कैसे एक दूसरे से जुड़े हैं। बीसीसीआई के अनुसार, यदि भारत बहुपक्षीय (multilaterals) टूर्नामेंट से दूरी बनाएगा, तो यह न सिर्फ क्रिकेट बल्कि अन्य सभी खेल संघ भी इससे प्रभावित होंगे।
बीसीसीआई सचिव देवजीत सैकिया ने उदाहरण देकर कहा कि यदि भारत किसी एथलेटिक्स टूर्नामेंट में नहीं खेलेगा क्योंकि उसमें किसी ऐसे देश का खिलाड़ी भाग ले रहा है जिससे भारत के संबंध ठीक नहीं हैं तो इस रवैये पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध संभव हैं। जबकि बीसीसीआई (BCCI) ने स्पष्ट किया है कि वो पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय क्रिकेट नहीं खेलेगा लेकिन एशिया कप एक मल्टीनेशनल प्रतियोगिता है, जिसमें खेलने की नीति पर वह कायम है।
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