रविवार सुबह हमने अपनी स्वर कोकिला को खो दिया है। भारत रत्न Lata Mangeshkar पूरे देशवासियों की आँखें नम करके चली गई हैं। वह एक महानगायक थीं। उनका निधन 92 वर्ष की उम्र में कोरोना के कारण हुआ है। उन्होंने 30,000 से भी अधिक गीत गाए है। Lata Mangeshkar के निधन ने पूरे देश को हिला के रख दिया है। आपको बता दें कि भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर Lata Mangeshkar को अपनी मां स्वरूप मानते थे। लता दीदी को क्रिकेट से भी बहुत लगाव था। वह तेंदुलकर की सबसे बड़ी प्रशंसक थीं।
सचिन के लिए मां स्वरूप थीं Lata Mangeshkar
क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर से उनका बेहद खास रिश्ता था। सचिन के लिए लता मगेशकर मां के समान थीं। सचिन ने कई मौकों पर उनके लिए सम्मान जाहिर किया है। साल 2014 में सचिन को भारत रत्न मिलने से 4 साल पहले Lata Mangeshkar ने कहा था,
"मेरे लिए वह असली भारत रत्न हैं। उन्होंने जो देश के लिए किया है वह बहुत कम लोग कर पाते हैं। वह इस सम्मान के हकदार हैं। उन्होंने हम सबको गर्व महसूस करवाया है। "
लता ने सचिन और अपने रिश्तों की गहराई के बारे में बताते हुए कहा था,
"सचिन मुझे मां की तरह मानते हैं और मैं हमेशा मां की तरह उनके लिए प्रार्थना करती हूं। मैं वह दिन कभी नहीं भूल सकती जब उन्होंने पहली बार मुझे आई (मां) कहा था। मुझे इसकी उम्मीद नहीं थीं। यह मेरे लिए हैरान करने वाला था और उन जैसा बेटा पाकर मैं खुद को खुशकिस्मत समझती हूं।''
जब 2013 में सचिन ने अपने संन्यास की घोषणा की थी तब भी उन्होंने अपनी निराशा ज़ाहिर की थी। उस समय लता दीदी ने कहा था,
"मैं बता नहीं सकती कि कितना बुरा महसूस कर रही हूं जब पहली बार सुना कि सचिन तेंदुलकर ने संन्यास लेने का फैसला कर लिया है। वो बहुत ही खराब भावना थी। मगर समय के साथ मैंने इससे समझौता कर लिया। कोई भी हर समय जारी नहीं रख सकता है। महान सचिन तेंदुलकर भी नहीं। मुझे लगा कि वो कुछ समय और खेल सकते हैं, लेकिन यह पूरी तरह उनका फैसला है। अगर उन्हें महसूस होता है कि यह सही समय है तो मैं उनके फैसले की कद्र करती हूं और उनके साथ हूं। मगर हां, मुझे यह सोचकर बहुत बुरा महसूस हो रहा है कि वो दोबारा क्रिकेट नहीं खेलेंगे।"
1983 विश्व कप का खिताब जीतने पर निजी तौर पर दी थी शुभकामनाएं
Lata Mangeshkar के लिए क्रिकेट की दीवानगी पूरी दुनिया ने देखी है और उनके ये दीवानगी साबित भी हुई है। जब भारत ने 1983 विश्व कप का खिताब जीता था तो महान गायिका ने विजेता भारतीय टीम को समर्पित एक फ्री कंसर्ट का भी आयोजन किया था।उन्होंने टीम को निजी तौर पर शुभकामनाएं भी दी थी। लता मंगेशकर ने हिंदुस्तान टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में कहा था, '
मैंने 1983 विश्व कप फाइनल लॉर्ड्स में देखा था। मुझे विश्वास नहीं हुआ कि हमने दो बार की विश्व चैंपियन वेस्टइंडीज को हराकर खिताब जीता। जाहिर है भारतीय होने के नाते मुझे इस उपलब्धि पर बहुत गर्व महसूस हुआ।''मुझे याद है कि टीम के सभी सदस्यों ने एक विशेष गीत गाया था, जो मेरे साथ मेरे भाई ह्दयनाथ ने कंपोज किया था। सुनील गावस्कर और कपिल देव मेरे पीछे खड़े थे।'
अंतिम विदाई अस्पताल पहुंचे सचिन
Sachin Tendulkar arrives to pay last respects to Lata Mangeshkar at Mumbai's Breach Candy hospital pic.twitter.com/yn75CCYmys
— ANI (@ANI) February 6, 2022